Thursday 30 November 2023

28 नवंबर// छत्तीसगढ़ी दिवस के बधाई संग चिटिक आस..

 28 नवंबर//

छत्तीसगढ़ी दिवस के बधाई संग चिटिक आस.. 

    छत्तीसगढ़ राज के महतारी भाखा छत्तीसगढ़ी ल 28 नवंबर 2007 के छत्तीसगढ़ विधानसभा म सर्वसम्मति ले पास करके हिंदी संग ये राज के "राजभाषा" के रूप म स्वीकृत करे गे रिहिसे। एकरे सेती ये राज के जम्मो भाखा प्रेमी साहित्यकार, पत्रकार, समाजसेवी अउ बुद्धिजीवी मन मिलके हर बछर 28 नवंबर के "छत्तीसगढ़ी दिवस" मनाये के निर्णय लिए रिहिन  हें. तब ले हर बछर 28 नवंबर के लोगन अपन-अपन सख के पुरती ए दिन आयोजन अउ आने उदिम करत रहिथें. छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग डहार ले घलोक सरकारी खानापूर्ति के आयोजन कर के अपन कर्तव्य ल झर्रा दिए जाथे, फेर आज तक जेन ए भाखा के असल बढ़वार के रद्दा हे, तेकर डहार ककरो चेत नइ गे हे.


     इहाँ के जम्मो भाखा प्रेमी कतकों बछर ले छत्तीसगढी ल शिक्षा अउ राजकाज के भाखा बनाए के माॅंग करत हें, फेर सत्ता म बइठे लोगन एक दूसर के ऊपर आरोप लगा के अपन-अपन धुर्रा ल झटकार देथें. एक पार्टी के मन केंद्र के सत्ता म बइठथें, त दूसर मन छत्तीसगढ़ी ल आठवीं अनुसूची म शामिल करे के नाटक करथें, अउ जब वोमन सत्ता म बइठ परथें, त पहिली वाले मन नौटंकी करथें. कुल मिलाके दूनों पार्टी वाले मन ओसरी-पारी नौटंकी करत रहिथें. एकर परिणाम ए हे के छत्तीसगढ़ी आज अलग राज बने के कोरी भर बछर ले आगर होए के बाद घलो अपन स्वतंत्र चिन्हारी म गरब करे खातिर छटपटातेच हे.


     अभी केंद्र म बइठे सरकार ह एक ठन नवा शिक्षा नीति के कारज करे हे, तेमा जम्मो देश भर म उहाँ के अपन महतारी भाखा म प्राथमिक शिक्षा दे खातिर जोजियाय हे, फेर हमर राज के सरकार अभी अंगरेजी माध्यम के नॉव म दंतखिसरोई करे म बिधुन रिहिसे. सिरिफ अतकेच नहीं, पॉंच बछर के अपन शासन काल म 'छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग' के गठन तक नइ कर पाए रिहिस हे. एकर ले जादा दुर्भाग्य के बात अउ का हो सकत हे...? जेन ह अपन आप ल छत्तीसगढ़िया सरकार काहत राहय, तेकर अइसन हाल हे, त जे मनला परदेशिया के चिन्हारी कराए जाथे, उंकर ले कतका आस मढ़ा सकथन? 


       त आवव संगवारी हो, हमन सरकार मन के मुंह तकंई ल छोड़ के अपन महतारी भाखा छत्तीसगढ़ी के बढ़वार खातिर परन ठानन के आज ले जम्मो काम-काज अउ लेखा-जोखा ल छत्तीसगढ़ीच म करबोन, सरकार ल येला शिक्षा अउ राजकाज के माध्यम बनाये खातिर मजबूर करके रहिबोन. 


    वइसे तो अभी तक इही देखे म आए हवय के छत्तीसगढ़ी भाखा खातिर इहाँ के आम लोगन अउ भाखा प्रेमी मन अपन स्तर म जतका ठोसहा बुता करे हे, वतका अभी तक तो कोनोच सरकार ह नइ कर पाए हे. इही सच्चाई आय, अउ ए सच्चाई ल सरलग उजरावत रहना हे.


जय छत्तीसगढ़ी... जय महतारी भाखा...  


-सुशील भोले

संजय नगर, रायपुर (छ.ग.)

मो/व्हा. 98269-92811

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