Monday 10 August 2020

माता कौशल्या अउ ओकर मयारुक बेटा राम*

 *माता कौशल्या अउ ओकर  मयारुक बेटा राम*

 छत्तीसगढ़ महतारी भुइयाँ अउ मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के अटूट नाता हे। ए भुइयाँ ह ओकर ननिहाल आय।
    प्राचीन काल में छत्तीसगढ़ के नाम दक्षिण कौशल रहिसे। जिहाँ त्रेता युग में राजा भानुमंत के राज रहिसे। इही राजा के एक झन बेटी  रहिसे।जेकर नाम राजकुमारी भानुमति रहिसे।राजकुमारी के एक ठन अउ नाम दक्षिण कोसल नरेश के बेटी होये के सेती  कौशिल्या परिच। जेकर बिहाव अवधपति कौशल नरेश राजा दशरथ ले  होइच।तेकर  बेटा भगवान राम ह आय। तेकरे सेती हमन बहुत ही गरब ले कहिथन कि  भगवान राम ह हमर भाँचा आय। 
   अंते जगा के रहइया मन अपन भाँचा करा पाँव परवाथें । भगवान राम ह उँकर भाँचा होतिच त शायद उहू  मन पाँव नइ परवातिन। फेर हमन भाँचा के पाँव परथन चाहे वो ह उमर म भले कतको छोटे रहय। काबर कि श्री राम ह हमर भाँचा आय। अउ वोहा  भगवान आय।  भगवान के पाँव परे जाथे। ए बात मन सिद्ध करथे कि छत्तीसगढ़ के पावन भुइयाँ ह भगवान राम के ननिहाल आय।
 सरी दुनिया म माता कौशिल्या के एके ठन मंदिर हे।एहा रायपुर ले 45 किलोमीटर दूरिहा चंद्रखुरी नामक गांँव के जलसेन तलाब जेन 16 एकड़ में फइले हे,तेकर बिचो बीच बने हे।ए गाँव ह त्रेता युग में राजा भानुमंत के राजधानी रहिसे। ए मंदिर के गर्भगृह म माता कौशिल्या के मूर्ति हावय जेकर कोरा म बालक राम बइठे हे। प्राचीन मंदिर अउ मूर्ति ले ए बात सिद्ध होथे कि चंद्रखुरी ह भगवान राम के ननिहाल आय। मोर बिचार ले भाँचा राम के नाम म इही चंद्र ह लगे हे।

 एक बात अउ  हे कि इहाँ के बहुत झन महिला के नाम संग मति लगे रहिथे जइसे माता कौशल्या के नाम भानुमति रहिसे ओइसने देवमति, सुख मति, कलामति, वेदमति आदि। अइसन मति वाले नाम इहें रखे मिलथे। अन्य प्रांत  के बहिनी मन के नाम म नइ दिखय।
इहाँ कौशिल्या नाम के महतारी, बहिनी, बेटी ,बहू हर  गाँव शहर म मिलथें।

*छत्तीसगढ़ के तिहार अउ संस्कार म राम*---
 हमर छत्तीसगढ़ के संस्कार म श्रीराम के झलक मिलथे। जब ककरो ले भेंट होथे त राम-राम कहे के परंपरा हे। बिहनिया के बेरा ल राम राम के बेरा कहे जाथे।  अभो जब धान के रास ल काठा म नापे जाथे तब गिनती ह राम, दू, तीन ----- सरा अइसे  चालू होथे। जब शव यात्रा निकलथे   त  राम नाम सत्य हे  ,सब के इही गत हे काहत निकलथे।  गांँव-गांँव में नवधा रामायेन, रामलीला के आयोजन होथे। सावन के महीना म सवनाही रामायेन के आयोजन करे जाथे।अखंड राम नाम सप्ताह के परंपरा छत्तीसगढ़ म हावय। छट्ठी छेवारी म रमायेन होथे।
*राम बनवास अउ छत्तीसगढ़* ----कहे जाथे कि माता कौशिल्या के मयारुक बेटा राम ह अपन दाई के मइके  भुइयाँ के मया म बंँध के ,हमर छत्तीसगढ़ म अपन बनवास के बारा बछर ल बिताये हे। वोहा कोरिया ले लेके कोंटा तक  लगभग ग्यारा हजार किलोमीटर ल महानदी के तीरे तीर रेंगत , रिसी मुनि मन के आश्रम म जाके दरसन-परसन करत पहाये हे।
     राम वन गमन मार्ग के मुख्य  इंक्यावन जगा के पहिचान छत्तीसगढ़ म करे गे हे।
उत्तरी छत्तीसगढ़ के सरगुजा के रामगढ़ के गुफा ,मध्य छत्तीसगढ़ के जांजगीर,  चंद्रपुर, खरौद, शिवरीनारायण जिहाँ भगवान राम सबरी के जूठा बोइर ल खाये रहिसे,  रमायेन के रचइता आदिकवि वाल्मिकी ऋषि के आश्रम तुरतुरिया , सिरपुर जिहाँ प्राचीन लक्ष्मण मंदिर हे, राजिम जिहाँ माता सीता ह कुलेश्वर महादेव के पूजा करे रहिसे, सिहावा जेन भगवान राम के भाँटो श्रृंगी ऋषि के आश्रम स्थली रहिसे,ओइसने दक्षिण छत्तीसगढ़ के वो इलाका जेला रामायेन म दंडकारण्य कहे गे हे उहाँ कांकेर जिहाँ कंक रिसि के आश्रम रहिसे, चित्रकूट जिहाँ श्री राम ह चौमासा बिताये रहिसे, बारसूर, दंतेवाड़ा, कोंटा आदि  जगा मन म भगवान राम ह अपन वनवास काल म आये रहिसे। 
     ए प्रकार ले समझे जा सकथे कि भगवान राम छत्तीसगढ़ के रग-रग में रचे बसे हे। हरि अनंत अउ हरि कथा अनंत हे।
 लेख बहुत लंबा हो जही तेकर सेती माता कौशिल्या के मयारुक बेटा भगवान श्रीराम के चरण वंदन करत, परम पूज्य संत कवि स्व पवन दीवान जी जेन ह माता कौशिल्या के नाम उजागर करत अपन जिनगी खपा दिच ,उनला श्रद्धा सुमन अरपित करत  अपन कलम ल  विराम देवत हँव।

चोवा राम वर्मा'बादल'
हथबंद,छत्तीसगढ़

4 comments:

  1. वाहहह सुग्घर लेख भैया जी

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  2. गज़ब सुग्घर लेख गुरुजी

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  3. बहुत सुग्घर लेख

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  4. सुग्घर लेख भैया जी

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