Thursday 20 July 2023

हाय रे मोर फोटू ---------------

 हाय रे मोर फोटू

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'बादल' फोटू राखिए, फोटू बिन सब सून।

फोटू बिन अँउटत रथे, रोज्जे तन के खून।।

       फोटू रहना जरूरी हे। फोटू बिना अब कोनो काम नइ चल सकै। आदमी ले जादा इंम्पारटेंट वोकर फोटू होगे हे। बिना फोटू के कोनो सरकारी कागजात बनबेच नइ करै। बिना फोटू वाले कोनो भी सरकारी दस्तावेज हा रद्दी कागज के टुकड़ा समान हो जथे। ककरो जमानत लेना हे ता फोटू वाला पर्ची चाही--नइये ता जमानत होबे नइ करय,भले जमानत लेवइया हा साक्षात खड़े राहय--ये समे वोकर दू कौड़ी के मोल नइ राहय। कहूँ घूमे-फिरे ला गे हच ता फोटू वाला आई डी चाही भले आन के मा अपन फोटू चपकाके बने राहय---चल जही फेर सँउहे सामने खड़े आदमी नइ चलय।फोटू वाला आधार कार्ड नइये ता समझ ले वो आदमी अनाथ हे। फोटू एकर सेती अउ जरूरी होगे हे के भूल से भी कहूँ कोनो बड़े आदमी,नामी आदमी संग फोटू खिंचागे ता का कहना---जिनगी भर ये फोटू ला देखाके वाहवाही लूटे के काम आथे। फूल संग कीरा के तको मोल हो जथे। बड़े नेता,मंत्री-संतरी संग फोटू होगे ता अउ का पूछना--कतेक झन अइसने फोटू ला धरे धौंस जमा के वसूली करे के काम करथें।

    फोटू कतका कीमती होथे ये बात के पता तो कोनो संस्कार कार्यक्रम होथे ता पता चलथे।जन्म ले लेके मरघट्टी तक के यात्रा फोटू बिना व्यर्थ जइसे होगे हे।लइका पैदा होये पाँच मिनट नइ होये राहय दाई-ददा के स्टेटस मा चल दे रहिथे---फोटू देख देख के बधाई के मूसलाधार बरसा होये ला धर लेथे। अइसनहे अब तो कोनो मरत हे ता वोकर फोटू खिंचे के होड़ लग जथे। ये ला श्रद्धा के नाम देये जाथे। ये फोटू ला बड़े जान निकलवाके पूजा करबों कहिथें भले वो जिंयत रहिसे ता कोनो चिटको सेवा- सत्कार झन करे राहयँ।

     शादी बिहाव हा बिना फोटू के होबे नइ करय। मँगनी जँचनी के पहिली फोटू ला जाँचे जाथे।चेहरा फोटूजेनिक हाबय धन नहीं ते कहिके तब बात आगू बढ़थे।फोटू नइये ता का शादी? सबले पहिली जोरदार एलबम बर सनान फोटूग्राफर के इंतजाम करे जाथे। मँगनी-जचनी ले लेके ,भाँवर--डोला परघौनी तक फोटू के भरमार। पहिली वो समे जब फोटू के जमाना नइ रहिस तेन समे जिंकर बिहाव होये हे तेला का कहे जाय समझ ले बाहिर हे। अब तो बरतिया जाये के पहिली टूरा-टनका मन एती-वोती के इंतजाम के सँग नाचे के बेरा खच्चित रूप मा फोटू खिंचे के शर्त रखथें। सगा सोदर ला खाये ला भले मत दे फेर दुल्हा-दुल्हिन संग फोटू जरूर खिंचवा दे नहीं ते मूँह फूलत देर नइ लागय। शादी मा फोटू सेशन के होना जरूरी होगे हे।ये फोटो खिंचई के मारे भले हलाहल हो जय---गोधुलि बेरा के भाँवर भले दस बज्जी होजय--- ढ़ेड़हा-सुवासा भले उँघाये ले धर लय फेर फ्लेश चमकते राहय।

   कोनो भी आयोजन होवय वोमा फोटोग्राफी होना अइसे जरूरी होगे हे जइसे सब्जी बर नून। नइये ता सब सिट्ठा--एकदम निरस।सौभाग्य ले मंच मा चढ़े ला मिलगे---कुछ बोले ला मिलगे--ईनाम-सिनाम झोंके ला मिलगे त तो चाहे बारा उदीम करे ला भले पर जाय फेर फोटू खिंचानच चाही।आयोजक के का भरोसा --अपन हाथ जगन्नाथ।अपन खुद के मोबाइल मा सेल्फी लेके नहीं ते पहिली ले कोनो ल फोटू खिंचे बर सेट करके ये मौका ला भुनाये जाथे तभे तो सोशल मिडिया मा भुनभुनाये के आनंद आथे। दुर्भाग्य ले कहूँ मंच मा चढ़े के चान्स नइये त का होगे कार्यक्रम शुरु होये के पहिली या आखिरी मा जब मंच खाली हे तब तो बिना रोंक टोक खुद मंचासीन होके बेनर पोस्टर संग फोटू खिंचवायेच लेना चाही।भागती भूत के लंगोटी सहीं।येमा मिर्च मसाला डार के शान तो बघारेच जा सकथे।

समझदार आयोजक मन सब झन ला ,विशेष रूप मा ठनठन गोपाल दर्शक या स्रोता मन ला भुलवारे बर ग्रुप फोटू ग्राफी जरूर रखथें। हम तो भइया उही ला कब बबा मरै ,कब बरा भात खाये ला मिलय कस निचट जोहत रहिथन। ठीक ठाक आगे तभो अच्छा नइ अइच तभो अच्छा। मन ला तो संतोष मिल जथे। अइसे भी  अइसन ग्रुप फोटो मा ककरो फोटू ठीक कहाँ आथे? हम तो आजू बाजू वाले ला देख के टिकली जइसे अपन फोटू के पहिचान कर पाथन। 

   फोटू के मामला मा जब हम अपन ला जाँच परख के देखथन ता निच्चट भोकवा पाथन काबर के सेल्फी लेये ला नइ आवय अउ संकोच वश कोनो ला फोटू खींचे बर सेटिंग करे नइ सकवँ।कोनो दीनदयालु मन खुद होके खींच के व्हाट्सएप मा भेंज देथें ता वोकर चरण पखारे के मन होथे।

   फोटू के मामला मा हम निच्चट गरीब हन।कुछ दिन पहली एक ठो बड़का साहित्यिक समारोह मा सम्मान ग्रहण करे के अवसर मिलिच फेर का बताववँ इहाँ हमर फोटू ला गरहन धरलिच। जेला फोटू खींचे ला कहे रहेंव तेन हा बाद मा  माँगे मा हाथ झर्रा दिच। भारी दुख व्यक्त करत कहिस-- "स्वारी बंधु! नेताओं के आपा धापी में आपका पुरस्कार ग्रहण करते फोटो नहीं आ पाया। ये देखो मैनैं तो क्लीक किया था पर उसी समय कोई सामने आ गया और आप दब गये।" अब हम वोला का बतावन के ये जोर से झटका मा हमर हिरदे के मेन नस दब गे। वो समे निकले आत्मा के चित्कार--" हाय रे मोर फोटू"---आजो बेरा-कुबेरा भीतरे-भीतर गूँजत रहिथे। ईश्वर के किरपा ले लकवा मारे ले बाँच गेंव फेर जब-जब ककरो सम्मान होये वाला फोटू ला फेसबुक मा देखथँव ता आजो मोर आत्मा हा चिहर के चिल्ला डरथे----'हाय रे मोर फोटू।'


चोवा राम वर्मा 'बादल'

हथबंद, छत्तीसगढ़

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