*बिजली*
बिजली के नाम सुनके दिल अऊ दिमाग हाल जथे।वईसे लेड़गा बतात रिहीस वोकर लेड़गा होय के पाछू बिजली के हांथ हे। बिजली आनी -बानी के सपना देखाइस संगे जीबो संगे मरबो कहिके किरिया खवाइस। ओकर रंग रूप म अइसे मोहागेंव के चारों मुड़ा बिजली आंखी म झूले लगिस।जईसे सावन म कोनो जोड़ा मन झुलना म झुलथे। सबके अपन -अपन दिन बादर होथे।जइसे कोनो ल भूत परेत धरेके बाद ओकर आंखी म उहीच -उहीच मन झुलथे।हम सबके आदत घलो पड़ जाय रहिथे नवा नवा कोनो जिनिस आय रहिथे त पुचपुचाय के।नवा नवा दमाद मन ल घलो बड़ पुचपुचाय के सऊंक रहिथे।हाय मोर सारा,हाय मोर सारी,हाय मोर ससुर।फेर जादा मया करबे त अइसने घलो हो जथे जइसे एक ठन गाना म कहिथे नीला दुपट्टा कुरती के रंग लाल जादा मया झन करबे हो जही जी के काल होईरे होईरे।
लेड़गा हम तोर दुख पीरा ल समझ सकथन।जस तोर हाल तस हमर हाल।लेड़गा पूछिस कईसे भईया? पहिली हमन चिमनी,कंडील,गोरी दिया ल जला के रही जात रेहेन।फेर जब ले बिजली ह आइस हमर दिमाग के बत्ती गोल होगे ।हमन एकर रंग रुप म मोहागेन। पहिली चालिस,साठ,सौ,वाट ल घलो झेलत रेहेन।कहिथे नवा बईला के नवा सिंग चल रे बईला टिंगे टिंग।सऊंके सऊंक म मीटर बर पईसा घलो देन अउ आज ले घलो देवत हावन। ये हर सरकार बर दान के दान अउ ईनाम के ईनाम वाला किस्सा आय।सबले पहिली हमन ल समझना चाहि बिजली करेंट ले चलथे अउ झटका घलो देथे। सरकार ह बिल म बिजली दिल म।थोकिन गरेरा चलिस बिजली बंद, पानी गिरिस बिजली बंद, गंदी बात।अतिक झटका दे बाद घलो मनखे मन नई सुधरे।जईसे कोनो सुवारी मन मनखे के कोनो नस ल टमड़के गुदेलथे,तईसे सरकार ह हमर नस ल टमड़के गुदेलथे। पहली चकरी वाले मीटर चलत रिहीस, फेर इलेक्ट्रॉनिक मीटर आईस, अब रिचार्ज के नंबर आगे। रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम,जतका(जितना) पईसा ओतका(उतना) काम।
बिजली बचाओ के नारा ननपन ले सुनत आवत हन जईसे गरिबी भगाओ के नारा। पहिली के झोलझोलह चड्डी के नारा नंदागे फेर------।मे हर एक झन गुरुजी ल पुछेंव पहिली के चालिस ,साठ ले अबके पांच सात वाट के बिल आधा छुट के बाद घलो काबर जादा आथे जी,त गुरुजी बताईस इही विकसित,नवा भारत आय जी जे हर घर मे घुंस के मारथे।
*फकीर प्रसाद साहू*
*फक्कड़*
*सुरगी राजनांदगांव*
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