Tuesday, 12 November 2024

थोकिन टेचरही गोठ - " देवारी के रचना "

 थोकिन  टेचरही गोठ -

       " देवारी के रचना  "


इस्कूल बंद होवईया हे l देवारी के छुट्टी हे फेर देवारी के ऊपर नवा रचना लिख के लाये के  'होमवर्क 'मिले हे लइका मन ला l 

होमवर्क घलो रचना लिखे के बूता ए l

           देवारी तिहार

   " देवारी एक अइसे तिहार हे जेला सब मनाथे जबरदस्ती मनाथे l 

देवारी तिहार मनाये के पहिली लछमी जी ला पहिली देखाथे पाछू साल आपके किरपा ले  अतका धन कमाए हन l ओ हिसाब ले ए साल के देवारी ल मनाबो l 

जेखर पास हे  लछमी,ओहा लुका के रखथे l जेखर पास नई हे पटक पटक के देखा देखा के मनाथे l

देवारी  ह दुवारी ला देख के आथे l

एखर सेती दुवारी ला ज्यादा सजा थे l घर के भीतरी ला कोन देखथे? बाहिर  ले बने दिखना चाही l 

 देवारी मनाये के पाछू तीन कारन होथे 

1 कोनो कुछु झन कहय हमला दिवालिया 

2 लछमी ककरो घर झन रहय 

  थिर थार 

3 लछमी सदा रहे सहाय 

देवारी ले लाभ और हानि -

देवारी के दिन शुभ -लाभ लिखे जाथे,बाकी दिन भले कलह झंझट हानि होवत रहय 

उपसँहार - देवारी तिहार ले सीख मिलथे हँसी माढ़े रहय खियाये मत एखर ख़याल रखे जाय l 

देवारी के अंजोर बगरत रहय चोरी झन होय l चोरी होय तो चोर झन पछताय l  

      मातर के मारपीट ला घर तक रखो पुलिस को पता मत चले l 

माते अउ मताये के नाम देवारी l

अइसन देवारी हर बछर आवत रहे  l 

ले जय जोहार l 


मुरारी लाल साव 

कुम्हारी

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