नानूक कथा
फैसला
सब सकलाये रहिस सुने बर l परेमीन के आवेदन आये हे -"मोर आदमी जादा गोठियाथे मोला संग म नई रखँव कहिथे l"
"ले जी बनऊ पूछ तहीं हर " कांशी ह कहिस l
बनऊ पूछथे परेमीन ला -"नोनी कब जादा गोठियाथे अउ का गोठियाथे? "
परेमीन बताइस -उहीच उहीच गोठ करथे मोर आदमी ह
" मय कमायेव अतेक बनायेव
आघू पाछू कोनो नई हे... I
अब तोला नई रखँव l"
बनऊ ओकर आदमी(पति )से
"हां तै बता - जादा काबर गोठियाथस? नई रखँव काबर कहिथस?
लम्बा चौड़ा झन बताबे नानकिन करके बता l "
ओकर आदमी कहिस -" ए बच्चा नई देवत हे अउ मोर बच्चा नई हे l" सुने के बाद
फैसला सुनाथे -" दूनो संघरा रहो,चुप रहो,कमाओ खाओ जादा झन गोठियाये कर l भगवान के हाथ म हे उही दिही l" उही फैसला ले आज परेमीन खुश हे ओकर पति आज ले चुप हे l
-मुरारी लाल साव
कुम्हारी
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