" धार्मिक आयोजन अउ अंध बिश्वास "
नवा जुग वैज्ञानिक युग म अंध विश्वास के बजार चलत हे l अन्धविश्वास अउ भ्रम खतम नई होये हे l कँही न कँही ज्ञान के प्रकाश फैले म कमी हे l कारण बहुत अकन हे l बड़े कारण हे सही सोच अउ समझ के कमी l जुन्ना मैनखे के रहत ले चलही अइसन कहिथे l उहू बात गलत हे नवा पीढ़ी के लइका मन तंत्र मंत्र टोना टोटका ला मान लेवत हे l
अतेक पढ़िस ज्ञान नई आइस l
अंध विश्वास निर्मूलन समिति पहिली बहुत बड़े अभियान चलावत रहिस l साक्षरता अभियान के दौर म जागृति अउ शिक्षा के पहल होवत रहिस l ठंडा होये ले फेर गाँव देहात म शहर म बैगा मन के बजार बाढ़े ला धर लीस l बाहिर ले कम भीतरी भीतरी
बढ़त हे l क़ानून बने हे तभो
रीति रिवाज परम्परा ले सह मिलत हे l संस्कृति संरक्षण के आड़ म पैठ जमाये हुए हे l आस्था अउ विश्वास के साथ खिलवाड़ झन हो कहत हन भरम भूत अउ विधि विधान के परम्परा ल मानत जघा मिले हे l एक उदाहरण अभी सुने म मिलिस सेत जंवारा अउ मारन जंवारा l जंवारा बोथे बैगा घलो होथे l देवी माई के पुजारी बैगा होथे l टोनही अपराध क़ानून बने हे तभो ले बैगा मन नई मानय l अउ इही बताथे आज भी भूत प्रेत टोनही हे l पता नई चलय कोन टोनही हे l टोनही महिला मन होथे उहू मन मंत्र सीखे रहिथे जोत जंवारा ल बूता देथे l भंग हो जथे मनौती पूजा काम l एला सब सही मान लेहे l अउ दूसर बात आघू म आइस पुरखा ले चले आवत हे तोड़ देबो नियम धीयम ला नुकसान पहुँचाही ए डर समाये हे l मारन वाले मन कुकरा बोकरा के बली देके पूजा पाठ करथे l जीव हिंसा ले देवी ल मनाना उंकर मानता म हे l दुर्गा मढ़ा के सार्वजनिक पूजा आरती होथे उहें एक झन पंडा बैगा रखथे l पंडाल म महिला मन बर चढ़ना अउ मूर्ति ला छूना वर्जित रखे जाथे काबर? माई घलो नारी ए l नारी मन बर छूत दृस्टि गलत धारना लेके चलना अभी के सभ्य समाज म शोभा नई देवत हे l अउ बात औरत मन छुतही अउ कोनो कोनो टोनही होथे l खुल के नई कहय फेर कारण अउ सोच इही हरे l
( क्रमशः)
आघू आप मन के विचार
मुरारी लाल साव
कुम्हारी
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