Tuesday, 12 November 2024

लघु कथा - छत्तीसगढ़ी

 लघु कथा - छत्तीसगढ़ी

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1-- रवि के दादा जी

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रवि आज बहुत खुश हे। अपन दादा जी ल मॉल घुमाये बर लाये हे।रवि के पापा दिल्ली म रहिथे अउ ओखर बाबूजी गाँव म रहिथे।साल म एक बार देवारी में ही सब झन गाँव जात रहिन हे। दिल्ली म रवि के स्कूल म एक दिन दादा दादी या नाना नानी ल लाये के नियम रहिस हे। वार्षिकोत्सव म ये मन ल लेगना जरुरी रहिस हे। दू बछर ले रवि ह अपन दादा दादी ल सुरता करत रहिस हे। एक दिन ओखर पापा ह अपन बाबूजी ल ले के दिल्ली आ जथे। रवि दादा दादी ल अचानक देखके बहुत खुश हो जथे। सांझ कन रवि ह अपन दादा जी ल हाथ पकड़ के मॉल घूमाये बर लेगथे। दादा दादी ल एक्सीलेटर तीर खड़ा होके चढ़े बर सीखावत रहिथे। रवि के पापा ह रवि के खुशी देखके बहुत खुश होथे। अब ओ ह मन म सोचथे के अब माँ बाबू जी ल इहें रखना हे। 

सुधा वर्मा, 

प्लाट नम्बर 69 "सुमन"

सेक्टर -1

गीतांजली नगर

रायपुर ,छत्तीसगढ़, पिन-492001

मो 94063 51566


2- कमल के फूल

आज रघु बहुत खुश हे। तरिया ले बीस ठ कमल के फूल निकाले हे। ओ ह सोचत हे के  येला बेचही त दू सौ रुपिया मिलही। नवरात्र के दस दिन म दू हजार रुपिया मिल जही।बाबू जी अब ये दुनिया म नइये त घर के जिम्मेदारी मोर ऊपर हावय। दस बछर के रघु सोचत हे ये दू हजार रूपिया  ले मैं देवारी म मुन्नी बर फ्राक, माँ बर साड़ी, मिठाई अउ फटाका  ले सकहूं।सोचत सोचत ओखर आँख म आँसू आ जथे।

सुधा वर्मा

प्लाट नम्बर 69 "सुमन"

सेक्टर 1, गीतांजली नगर

रायपुर ,छत्तीसगढ

पिन-492001

मो. 94063 51566


3-गृह प्रवेश

सविता के नवा बहु आवत हे। सविता ह दूवारी म चौखट के भीतरी एक लोटा म चाऊंर भर के रखे रहिथे। सविता के बहु नीना डोला ले उतर के भीतरी आथे। सविता कहिथे के पैर से लोटा के चाऊंर ल गिरा के भीतरी आबे। सविता ह भीतरी आथे फेर लोटा के किनारे से निकल के आथे।सविता पूछथे के लोटा ल काबर नइ गिरायेस? नीना कहिथे के हमर संस्कृति म चाऊंर ल पैर से लात नइ मारे जाये। येला मैं कइसे पैर ले गिराहुं। सविता के आधनिकता अउ फिल्म के बुखार ह एक छण म उतरगे। सविता पसीना म नहा डरथे।

सुधा वर्मा

प्लाट नम्बर 69"सुमन"

सेक्टर 1, गीतांजली नगर

रायपुर, छत्तीसगढ़

पिन 492001

मो. 94063 51566


4 - जवाब

गोपाल थाली म खाना ले के अइस। ओखर बहु कहिथे के तूमन साग नइ ले हव। गोपाल कहिथे ये काये? प्याज के साग ,इही ल तो मैं रोज बना के खाथंव। रात के बांचे साग बिहनिया अउ बिहनिया के बांचे साग रात के खाये बर देथस। नइ राहय त मैं रोज प्याज ल बघार के पानी डार के खाथंव। मैं जब तक पद म रहेंव तभे बने खाना मिलिस। सरकारी मकान म राहत उमर बीत गे। अब बड़े बेटा के घर म राहत हंव अउ अपन पेंशन म दवाई के खर्चा ल चलावत हंव त मोला साग घलो नइ मिलय। नाती के खाई खजाना बिस्किट कपड़ा के खर्चा ल घलो चलावत हंव तभो ले मोला बने खाये बर नइ मिलय। ऐखर पत्नी ह सब ल चुप सुनत रहिथे। ओखर आँखी म आँसू आ जथे। सांझ के अपन समान ल धर के किराया के घर म रहे बर चल देथे। 

सुधा वर्मा 

प्लाट नम्बर 69, "सुमन "

सेक्टर 1, गीतांजली नगर

रायपुर, छत्तीसगढ़

पिन -492001

मो. 94063 51566


5- रामबती

गणेश खेत ले आके अंगना म बइठथे। खाये के बेरा होगे हे। रामबती थारी लगाये ले लग जथे। महतारी ह कहिथे " गोड़ धो ले बेटा" गणेश गोड़ धोना म गोड़ धो के पिढ़हा म आ के बइठ जथे। रामबती दार भात अउ बारी के लाल भाजी के साग ल लान के रख देथे। बारी के मुरई के भाजी ल तोड़ के धो के दे थे। गणेश खाये बर शुरु करथे के बाहिर ले  गोलू आके ओखर कांध म झूल जथे। गणेश ओला उतार के अपन गोदी म बइठार के भात खवाथे। रामबती के आँखी म आँसू आ जथे। पति के मरे के बाद अनाथ होगे रहिस हेओखर दाई ददा ननपन म मरगे रहिस हे। फूफू ह ओला राख के बिहाव करे रहिस हे। रामबती के सास पंचायत म कहिस के गणेश संग रामबती के बिहाव करे रामबती ल अपन घर म रखना चाहत हे। मोर नाती घलो घर म रहिही। रामबती ल विधवा नइ देखना चाहंव।एक महिना के गे ले गणेश ह पंच मन के आगू म अपन भाभी रामबती ल चूड़ी पहिरा लेथे। आज लइका अउ गणेश के मया ल देख के रामबती  के आंसू आ जथे।

सुधा वर्मा

प्लाट नम्बर 69 "सुमन "

सेक्टर  1, गीतांजली नगर

रायपुर, छत्तीसगढ़

पिन -492001

मो. 94063 51566

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