' *सूरज की कवयित्री*' *आज होहीं सम्मानित*
- डाॅ विनोद कुमार वर्मा
*लोकाक्षर पटल ले जुड़े दू साहित्यकार डाॅ सत्यभामा आडिल अउ डाॅ पीसीलाल यादव आज संध्या उपराष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होहीं।*
डाॅ सत्यभामा आडिल ला पं सुन्दर लाल शर्मा सम्मान अउ डाॅ पीसीलाल यादव ला लाला जगदलपुरी सम्मान देहे के निर्णय राज्य सरकार लेहे हे।
लोकाक्षर पटल म लगभग दू सौ साहित्यकार जुड़े हें जेमा के दू साहित्यकार ला मिले सम्मान ले लोकाक्षर परिवार आज गौरवान्वित महसूस करत हे। समय-समय म दुनों विभूति मन के आशीष अउ मार्गदर्शन पटल से जुड़े साहित्यकार मन ला सरलग मिलत रहिथे।
*डाॅ सत्यभामा आडिल दीदी ला सबो बड़े दीदी के नाम से जानथन अउ छोटे दीदी हावय सुधा वर्मा। बड़े दीदी शालीन, सहनशील अउ धीर-गंभीर त छोटे दीदी अन्याय अउ गलती के खिलाफ आवाज उठाने वाली तेज-तर्रार शख्सियत।*
सूरज की कवयित्री के नाम ले ख्याति प्राप्त सत्यभामा आडिल दीदी ला ये सम्मान 80 बरस के उम्र म मिलत हे, आश्चर्य!...... अतका विलंब काबर? ये तो उन-ला 15 बरस पहिली मिल जाना रहिस। लगभग छः दशक ले साहित्य म निरंतर सक्रिय हें। 2001 मा रविशंकर विश्वविद्यालय के एम ए (हिन्दी साहित्य) के प्रश्नपत्र मा ' छत्तीसगढ़ी भाषा और साहित्य ' शामिल कर क्राँतिकारी कदम उठाइन। प्रसिद्ध समीक्षक साहित्यकार डाॅ धनंजय वर्मा जेला ' *सूरज की कवयित्री*' के नाम ले अलंकृत करिस। जेन ला सन् 1976 मा ' *क्वांर के दोपहरी*' काव्य संग्रह बर मध्यप्रदेश सरकार पुरस्कृत करिस। जेन ला छत्तीसगढ हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सर्वोच्च शिखर सम्मान से 2021 मा सम्मानित किये गे हे। अइसन विभूति ला तो दू दशक पहिलीच् सम्मानित कर देना रहिस।
*अतेक विलंब से उन-ला सम्मानित करे ले हमन ला पीड़ा हे। फेर ये कहे मा मोला कोई संकोच नि हे कि आज पं सुन्दर लाल शर्मा सम्मान के गरिमा बाढ़ गे हे।*
*लक्ष्मण मस्तुरिया* ला जीते-जीयत कोई बड़े सम्मान छत्तीसगढ़ सरकार नि दीस फेर अभी लक्ष्मण मस्तुरिया के नाम से सम्मान प्रारंभ कर ये बरस निर्मला ठाकुर (बेलचंदन) ला ये सम्मान प्रदान कर सरकार अपन भूल सुधार करिस हे। अइसन भूल सरकार ला नि करना चाही।
*डाॅ पीसीलाल यादव* के कृतित्व ला देखे ले आँखी चकरा जाथे कि काला देखौं अउ काला पढ़ौ? 21 ले जादा तो बाल साहित्य के पुस्तक हे। लोक कथा अउ लोक साहित्य के पुस्तक अलग। गीत, कविता, गज़ल, निबंध का का के पुस्तक नि हे! आज उन ला लाला जगदलपुरी सम्मान ले सम्मानित किये जावत हे।
आज के दिन लोकाक्षर पटल बर बड़ शुभ फलदायी हे। ये दिन ला छत्तीसगढ़ी साहित्य के स्वर्णाक्षर म लिखे जाही। 🙏🌹
डाॅ विनोद कुमार वर्मा
व्याकरणविद्,कहानीकार, समीक्षक
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