नान्हे लघु कथा -
टेक नीक
सब देखत रहिगे l देखते देखत होगे l
बढ़िया एक सांगर मोंगर जवान
लइका झोला धरे बजार जावत रहिस l ओती ले टेक्नोलाजी के जवान लइका अपन बाईक म टेक्निक देखावत कन्फॉड़वा अवाज ले भर्र ले निकालीस l
बिचारा धर मराके के नाली म गिरके l एक झन दौड़त आके उठाथे l नई रेंग सकीस त एक लकड़ी ला धर के रेंगाथे l
बिचारा टेक टेक करत घर आथे l
पूछिस एक झन -"कइसे लागत हे l"
अब का कइही?ओ हर टेक टेक के रेंगत आइस l नीक नीक लागत हे के पिरावत हे?
टेकनीक देखय्या मन टेकनिकल म पूछत हे l एक टेकनेसीयन टेकनीक देखावत भगागे l ओला कोन देखही?
मुरारी लाल साव
कुम्हारी
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