Monday, 4 November 2024

नानूक व्यंग्य - ' फटाका फोड़ ज्ञान "

 नानूक व्यंग्य -


  ' फटाका फोड़ ज्ञान "

मोर टुरा मोला ज्ञान देथे l महूँ  अइसे कान देके सुन के दशा म हँव l बार बार घेरी भेरी बरजत हँव " फटाका झन फोड़ बेटा अभी नौ साल के हस l उतयाइल हे जादा मोर बेटा ह l अन्नू कइथे -" काबर बाबू? "

तै पइंसठ के होगे आज तक फटाका नई फोड़े हस त तै का जानबे?

"फटाका फोड़े ला का मिलथे?'

फट ले जवाब देथे -" ज्ञान "

"का ज्ञान?

"उही कि काबर मना करत हस? ओला जाने बर l"

" का जानेस बेटा!"

अन्नू कइथे -" पापा, फटाका फोड़े के अभ्यास ले बड़े बम फोड़े ला आही l बड़े बम फोडहूँ तहाँ दुनियाँ जानही -

बम फोड़ l"

"अच्छा मोर फटाका फोड़ बाबू 

बता देवारी काबर मनाथे?

तोता छाप फटाका ला फोड़त फट ले कहिस -" फटाका के अवाज ला सुनके लछमी जी आथे l सहीच म एक ठन गाय चमक के घर म आगे l फेर बात ला काटेंव  "देवारी मनाये जाथे बेटा भगवान राम चौदह साल के बनवास ला काट के आइस  ओखर ख़ुशी म l"

ताजमहल फटाका म आगी लगावत कहिस -" देवारी म कोन भगवान राम के पूजा करथे? घर के तिजोरी ला भरे बर लछमी जी के पूजा करथे l"

फटाका फोड़ ज्ञान ला सुनके 

मोर ज्ञान फट होगे l हिंदी के रचना म इही ला बतावत रहेंव 

अयोध्या म देवारी मनाइस दीया जलाके l फटाका कहाँ फोड़ीस कोनो l फटाका बम तो रेल म मुंबई म दिल्ली म संसद भवन म फुटथे जोरसे धमाके दार l 


मुरारी लाल साव 

कुम्हारी

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