Sunday 19 February 2023

बदलाव

 बदलाव

                    जबले पुलवामा म सैनिक मन उपर अटेक होय रहय तबले सरी देश म तूफान मचे रहय । पान ठेला तक म इही चरचा जोर पकड़े रहय के अब पाकिस्तान उपर हमला कर देना चाही । गली गली म अऊ घर घर म रक्षा अऊ विदेशी मामला के विशेषज्ञ जनम धर डरे रहय । कन्हो कहय के येकर ले बड़का मौका अऊ नी मिलय । तुरत हमला कर पाकिस्तान के नामोनिशान मिटा देना चाही । देश के जनता के बाढ़हत दबाव ला राजनीतिक दल मन घला समझगे । राजनीतिक दल मन स्थिति के फायदा अपन पक्ष म उचाये के सोंचिन । येमन सब मिल के फैसला करिन के पाकिस्तान के उप्पर हमला कर दे जाय । जब तक इँकर फैसला हा अमली जामा पहिरतिस तब तक ... देश के भला चहइया एक झिन मनखे हा कछेरी पहुँचके नालिस कर दिस के ... देश के सैनिक मनला अपन स्वार्थ बर नेता मन युद्ध म झोंकना चाहत हे । येहा गलत हे ... येला रोकना चाही । युद्ध म स्टे लगगे । अदालत हा सरकार ला तलब करिस । सरकार ला अपन पक्ष रखे के मौका दिस । 

                     सरकार अपन पक्ष रखत कछेरी म बयान दिस के ... सैनिक के भरती ओकरेच बर करे जाथे ... जब जब देश के दुश्मन मन जब आँखी देखावय तब ओकर आँखी ला फोरय । येमा का नावा बात हे । नालिस करइया के बकील हा अदालत के माध्यम ले सरकार ला पूछिस - तूमन सैनिक भरती करथो त देश के सुरक्षा बर करथो के सैनिक के मरे बर । सरकार कहिथे - देश के सुरक्षा बर करथन । याचक वकील पूछथे – त सैनिक मन ला मरे बर काबर झोंकत हव । ये सैनिक मन मर जही त देश के सुरक्षा कइसे होही ? सरकार किथे – नावा सैनिक भरती करबो । याचक वकील कहिथे – कतका झिन जवान ला सैनिक बना बना के मारहू । ओहा जज ला बतइस के राजनीतिक पार्टी म अबड़ अकन कार्यकर्ता होथे ... इही मनला सैनिक के ड्रेस पहिरा के बंदूक धरा के लड़े बर भेज देना चाही । यहू मनला जिनगी म एक बेर देश सेवा के मौका दे देना चाही । जज कहिथे – राजनीतिक पारटी के कार्यकर्ता मन का करही ? याचक बकील किथे – यहू मन लड़ही जज साहेब अऊ दुश्मन ला मारही । अइसन तर्क सुनके पूरा राजनीतिक पार्टी सकलाके एके होगे । देश म कन्हो संकट परे म भलुक एके नी होय फेर अपन उपर संकट आय म अऊ अपन फायदा देखे म ... येमन अभू तक कभू अलग अलग बिचारधारा नी रखिन ।  

                     संयुक्त राजनीतिक पार्टी के बकील नामित होगे । ओहा अदालत म जिरह करे लगिस अऊ केहे लगिस के – अरे भई मोर्चा म जाके लड़ई करना राजनीतिक मनखे के काम थोरहे आय । फेर बंदूक धरे बर अऊ हथियार चलाये बर अनुभौ के जरूरत परथे । बिगन अनुभौ के कइसे करही ? याचक बकील किथे – खुरसी म बइठके अतेक बड़ देश ला बिगन अनुभौ के चला सकत हे जज साहेब ........ त बंदूक नी चला सकही गा तेमा ........ । बिगन बात के मुँहु चलाके अपन दुश्मन ला ढेर करइया मनला हथियार चलाये बर कन्हो प्रशिक्षण के का जरूरत ? संयुक्त बकील किथे – जेकर काम तिही ला फबथे जज साहेब । येहा सैनिक मन के काम आय । तिहीं बता जज साहेब ........ का सैनिक मन देश चला सकत हे ...... ? याचक वकील किथे – जज साहेब एक बेर रद्दा छोंड़ के देखय ... सैनिक हा देश चलाके बता दिही के देश ला कइसे चलाना चाही । संयुक्त वकील किथे – अइसे कइसे हो सकत हे ...... हमर देश म लोकतंत्र हे तेकर का होही ....... । अइसन म लोकतंत्र मर जही । याचक बकील किथे – लोकतंत्र कती मेर जियत हे जज साहेब ? तेमा येमन ला लोकतंत्र के फिकर होवत हे । लोकतंत्र के लाश ला जनता ला देखा के ओला जियत हे कहिके जनता ला भरमावत हे येमन । संयुक्त बकील किथे – जज साहेब ....... समस्या के समाधान राजनीतिक हो जतिस त राजनेता मन जातिन अऊ सुलझातिन .....। ये समस्या राजनीतिक नोहे । याचक बकील किथे – जज साहेब ........ कश्मीर के समस्या ला सैनिक मन बियाये हे तेमा का ....... ? येला राजनेता मन पैदा करे हे त ....... उही मन ला हल करना हे । बातचीत म हल नी कर सकही त युद्ध के मैदान म जाये अऊ झोंक दै अपन कार्यकर्ता मनला । उही मन ला येमन अपन अनुशासित सैनिक कहिथे ना । अपन कार्यकर्त्ता मनला इही मन अपन पार्टी के सिपाही बताथे ना ....... । एक बेर यहू सिपाही मन के उपयोग हो जाय । जइसे येमन अपन घर म एक दूसर ले लड़थे ततके ताकत म बाहिर म लड़ के देखा देवय । लोकतंत्र के लहू पीके मोटइया मनखे मनके देंहे ले ... देश के खातिर जे दिन लहू बोहाही त पोट पोट करत लोकतंत्र के हिरदे के धड़कन वापिस शुरू हो जही । 

                    अदालत म जिरह चलतेच हे । फैसला आयेच निये । राजनीतिक पार्टी म काम करइया मन अदालत के अवइया फैसला के अंदेशा म .... डर के मारे धड़ाधड़ अपन अपन पार्टी छोंड के देश के बिकास बर ... काम धंधा म लगगे । निचले स्तर म देश म बइमानी करइया घटगे । ओकर असर उपर तक दिखे लगिस । फैसला आयेच निये तभो ले लोकतंत्र ला स्वस्थ हावा मिले लगिस । लोकतंत्र के मुँहु म पानी आय कस दिखे लगिस । थोकिन हरियाये कस दिखे लगिस लोकतंत्र ....... । पदनी पाद पदइया पाकिस्तान समर्थक राजनीति हा पाकिस्तान म शरण मांगे लगिन । अभू सेना के कन्हो जवान ला शहीद होवत नी सुनेन । कश्मीर संग पूरा देश म शांति के वातावरण बगरगे । 

                                               मोर नींद उमचिस .. पछीना म नहा डरे रेहेंव ...  देंहें के बुखार उतर चुके रिहिस ... काश मोर सपना सच हो जतिस ...  लबर लबर मरइया मन ला .. जीरो डिग्री तापमान म घर परिवार ले धूर हमर सुरक्षा बर बर कुछ करे के मौका मिल जतिस .. देश के भला अपने अपन हो जतिस । 

                                                            हरिशंकर गजानंद देवांगन

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