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. *सरसिज के मधुर मुस्कान ला समेटे*
*ग्राम्य जीवन के यथार्थपरक कहानी संग्रह*
संदर्भ: डाॅ जयभारती चंद्राकर कृत 'शहीद के गाँव'
- डाॅ विनोद कुमार वर्मा
. ' शहीद के गाँव ' डाॅ जयभारती चंद्राकर के सद्यः प्रकाशित (2024) छत्तीसगढ़ी कहानी संग्रह हे जेमा 23 कहानी संकलित हे। डाॅ जयभारती चंद्राकर के लेखन मा छत्तीसगढ़ के माटी की सौंधी-सौंधी सुगंध मन ला मोह लेथे। कहानी मन मा छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक परम्परा अउ मुहावरा के दिग्दर्शन होवत हवय। ये कहानी मन व्यक्तिपरक न होके समाज ला दिशा देखावत प्रतीत होवत हें। एकर साथ एमा छत्तीसगढ़ के अस्मिता के दिग्दर्शन होवत हे।
छत्तीसगढ़ी गद्य अउ पद्य साहित्य के पुरोधा साहित्यकार संत पवन दीवान जीवन भर छत्तीसगढ़ के अस्मिता बर लड़िन। ओमन लिखे हवँय-
छत्तीसगढ़ में सब कुछ है
पर एक कमी है स्वाभिमान की
मुझसे सही नहीं जाती है
ऐसी चुप्पी वर्तमान की।
डाॅ जयभारती चंद्राकर के कहानी मन एही चुप्पी ला तोड़त हें। साहित्य सृजनशील अउ रचनात्मक प्रक्रिया हे। साहित्य कभू निष्पक्ष नि होवय फेर वोहा मानवता के पक्षधर होथे। डाॅ जयभारती चंद्राकर के कहानी मन घलो निष्पक्ष नि हें फेर वोहा मानवता के पक्षधर हे। उँकर कहानी मन मा सद्साहित्य के बिंब स्पस्ट झलकत हे। सद्साहित्य का हे?- एला समझे बर पानी अउ जल के अंतर ला समझे बर परही। वइसे पानी और जल एक-दूसर के पर्यायवाची हे फेर एक-दूसर ले अलग घलो हे। काकरो पैर धोय या प्यास बुझाय बर पानी शब्द के प्रयोग उचित हे फेर गंगा जी से हम पानी नि लावन बल्कि गंगाजल लेके आथन। जब पानी के संग आस्था अउ विश्वास जुड़ जाथे तब वोहा जल हो जाथे। सूर्य ला हमन जल चढ़ाथन पानी नि चढ़ावन। डाॅ जयभारती चंद्राकर के कहानी मन मा आस्था अउ विश्वास जुड़े हुए हे एकरे सेती वोहा जल के समान हे।
. कहानी संकलन के पहलिच कहानी ' शहीद के गाँव ' साहस, बलिदान अउ त्याग के कहानी हे। सीआरपीएफ के जवान भृगुनंदन छह नक्सली मन ला मारे के बाद अपन साथी मन ला बचावत शहीद हो जाथे। ओला भारत सरकार द्वारा मरणोपरांत कीर्ति चक्र प्रदान किये जाथे। एही गाँव सढ़ौली के दु अउ सिपाही डिगेश्वर शाँडिल्य अउ कालेश्वर चौधरी घलो नक्सली मन के साथ मुठभेड़ मा शहीद हो जाथें। एकरे सेती ये गाँव ला शहीद के गाँव के नाम ले जाने जाथे। छत्तीसगढ़ के सुदूर दक्षिण मा फैले घना दरख्त अउ वन्य पशु-पक्षी मन के शरणस्थली अउ आदिवासी जनजातीय लोक संस्कृति के ध्वजवाहक ' बस्तर के पठार ' घलो आज नक्सली मन के कहर ले कराहवत हे। वसन्ती वर्मा हर अपन कविता ' बस्तर ' मा ठीकेच लिखे हे-
कोनो ला कइसे समझाओं आज,
बस्तर के फेर लुकागे भाग।
इहाँ सबो डहर, चारों पहर,
दीमक कस बगरे हे,
गोली-बारूद के कचरा।
जेमा जरत हे,
छत्तीसगढ़ महतारी के अँचरा।
. कहानी ' एँहवाती ' विधवा विवाह के क्रांतिकारी अउ मार्मिक कहानी हे। इकलौता बेटा के बिहाव के सिर्फ एक बरस बाद अकाल मृत्यु हो जाथे। त फूलकेसर के ससुर बहू ला बेटी बनाके ओकर पुनर्विवाह कर देथे। सामाजिक ताना-बाना मा जकड़े ससुर बर ये सब बूता सरल नि रहिस। बिदाई के बेरा बहू फूलकेसर फफक-फफक के रोवत कहिथे- ' बाबू, मे हर अपन मइके ले बिदा हो के तुँहर अँगना म बहुरिया बनके आय रेहेंव। आज मोर नोनी संग मोला विदा कर देव, मोर सुख बर अपन करेजा म पथना रख के समाज अउ बिरादरी के डाँड़ सह के, समाज म नवा अंजोर लाय हो। इही दुवारी म बहू बन के आय रेहेंव अउ आज बेटी बन के बिदा होवय हँव,एँहवाती बनके बिदा होगेंव। कइसना ये भाग पाय हँवव ....।' फूलकेसर के चरित्र चित्रण अउ संवाद न केवल मार्मिक हे बल्कि लाजवाब घलो हे।
' डाँड़ ' अंतरजातीय बिहाव के कारण समाज ले बहिष्कृत होय के पीड़ा ला उजागर करत मार्मिक कथा हे। सावित्री के मृत्यु हो जाथे त पारा-परोसी तो आ जाथें फेर कांधा देवइया लरा-जरा, सगा-संबंधी मन नि आवँय। ए तरा वोहा मृत्योपरान्त घलो बहिष्कृत रहि गे। सामाजिक ताना-बाना म गूँथे ये कथा हर ग्रामीण कुरीति के एक यथार्थपरक उदाहरण हे।
' आसा अउ किरन ' वन के विनाश के कारण वन्य जीव-जन्तु खासकर जंगली वनभैसा के क्षीण होवत संख्या ला रेखाँकित करत ' बेटी बचाओ ' के संदेश देवत हे।
' चढ़व निसयनी ' एक गरीब परिवार के बेटी गीता के मार्मिक अउ शिक्षाप्रद कहानी हे जेन अपन बलबूता मा पढ़-लिख के शिक्षिका बन जाथे अउ अपन छोटे भाई-बहन मन ला घलो पढ़ा-लिखा के स्वावलंबी बना देथे।
' किसान के पीरा ' न्यायप्रिय राजा जयपाल अउ एक किसान के मार्मिक कथा हे। किसान ला खुशहाल देखके राजा जयपाल किसान मन उपर भारी कर लगा देथे जेकर कारण किसान मन के जिनगी बदहाल हो जाथे। बाद में राजा ला अपन गलती के एहसास होथे अउ कर वापस लेके किसान मन के कर्जा ला माफ कर देथे।
' झोला वाला बबा ' एक ठग गिरोह के कहानी हे जेन धन ला दो गुना करे के लालच देके गाँव के भोला-भाला लोगन के धन-संपति ला ठगके भाग जाथे। एहा अइसन ठग मन ले बचे के संदेश देवत यथार्थपरक कथा हे।
' अन्नदाता ' मा एक पौराणिक गाथा ला आधार बनाके ये सिद्ध करे गे हे कि मेहनतकश किसान ले बड़े भगवान भक्त अउ कोनो दूसरा नि हे। नारद घलो किसान ले छोटे भक्त हे जेन हर चौबीस घंटा नारायण-नारायण कहत रहिथे! भलेहि कोनो किसान भगवान के भजन करत ध्यान करके बइठे नि रहे।
कहानी संग्रह ' शहीद के गाँव ' के विवेचन-विश्लेषण बर सबो कहानी मन उपर टिप्पणी करे के जरूरत नि हे। हाँड़ी में पकत चाँउर के कुछ दाना ला अंगुरी मा मसलके ही ये पता लगाय जा सकत हे कि चावल पके हे कि निहीं। डाॅ जयभारती चंद्राकर के कहानी मन आदर्शोन्मुख के साथ ही यथार्थपरक घलो हे अउ समाज मा व्याप्त कुरीति अउ विसंगति मन ला उजागर करे मा सफल रहे हें।
. छत्तीसगढ़ी मा कहानी लेखन के इतिहास बहुत पुराना नि हे। डाॅ विनोद कुमार वर्मा के संपादन मा प्रकाशनाधीन ग्रंथ ' छत्तीसगढ़ी के समकालीन कथाकार ' मा छत्तीसगढ़ी के 36 समकालीन साहित्यकार मन के प्रतिनिधि कहानी संकलित हे। येहा छत्तीसगढ़ी कहानी के प्रतिनिधि संकलन हे।
खण्ड (01) छत्तीसगढ़ी के 06 पुरोधा साहित्यकार मन के कहानी उपर केन्द्रित हे जेन मन छत्तीसगढ़ी कहानी संसार मा सुकवा तारा जइसन प्रकाशवान हें। एमा केयूर भूषण, डाॅ परदेशीराम वर्मा, डाॅ पालेश्वर प्रसाद शर्मा, डाॅ विनय कुमार पाठक, पं श्यामलाल चतुर्वेदी अउ डाॅ सत्यभामा आडिल के कहानी शामिल हे।
खण्ड (02) मा शामिल साहित्यकार मन के लेखन अभी गतिशील हे अउ ' सुरुज ' की तरह किरण विखेरके नया लेखक मन ला मार्गदर्शन करत हे। एमा अंजली शर्मा, डाॅ अनिल कुमार भतपहरी, कमलेश प्रसाद शर्माबाबू , कामेश्वर, कुबेर, चोवाराम वर्मा ' बादल ', दुर्गा प्रसाद पारकर, परमानन्द वर्मा, डाॅ बलदाऊ राम साहू, डाॅ बिहारी लाल साहू, बन्धु राजेश्वर खरे, रामनाथ साहू, डाॅ विनोद कुमार वर्मा, वीरेन्द्र सरल, शकुन्तला तरार, डाॅ शैल चंद्रा, सुधा वर्मा, डाॅ सुधीर पाठक, सुशील भोले, हरिशंकर देवांगन के संग डाॅ जयभारती चंद्राकर के कहानी ' एँहवाती ' घलो शामिल हे।
' शहीद के गाँव ' कहानी संकलन मा रूपायित डाॅ जयभारती चंद्राकर के छोटे-छोटे 23 छत्तीसगढ़ी कहानी मन हमर जीवन अउ समाज के सच्चाई ला उजागर करे के सामर्थ्य रखथें। जीवन के अत्यंत छोटे-छोटे प्रसंग ला कथा केन्द्र मा प्रतिष्ठित कर ओला कथा के रूप मा ढाले के कौशल कहानीकार के विशिष्टता के परिचायक हे। डाॅ जयभारती चंद्राकर के कहानी लेखन के अपन एक अलग शैली हे। उँकर विषयवस्तु के चयन मा मनुष्य के संरक्षा के भाव अन्तर्निहित हे। उँकर छत्तीसगढ़ी कहानी मन मा नारी के मनोभाव अउ ग्राम्य जीवन के दिग्दर्शन होथे।
वह अपन कहानी मा छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक छटा अउ ग्राम्य जीवन ला दर्शित करके ओकर पल-पल परिवर्तित रूप के न केवल लेखा-जोखा रखथे बल्कि रीति-रिवाज, आचार-विचार आदि ला प्रादर्श के रूप मा प्रस्तुत करके, संस्कार अउ रिश्ता-नाता के अनुभव ला बाँटत अउ अध्यात्म के आधारशिला ला सहेजके रखथे। एकर साथ ही वह ग्राम्य जीवन मा व्याप्त कुरीति ला न केवल उजागर करत हे बल्कि ओकर उपर प्रहार घलो करत हे।
ओकर कहानी मन के भाषा भाव, विचार अउ कल्पना ला सहयोग करत हे अउ मुहावरा-कहावत अउ सांस्कृतिक शब्द मन ला संजोके गँवई-गाँव मा रहइया लोगन के चरित्र ला ही वोहा प्रकारांतर मा प्रस्तुत करत हे।
अपन आसपास के परिवेश के प्रति संवेदनशीलता अउ अभिव्यक्ति के सहजता कहानी मन ला न केवल पठनीय बनावत हे बल्कि ओला बड़ प्रभावी ढंग ले सम्प्रेषित करे मा घलो सफल हे। सीधे-सादे सहज प्रतीत होवइया पात्र मन ला अपन कलात्मक कौशल ले महत्वपूर्ण बना देहे मा घलो कहानीकार सफल रहे हें।
डाॅ जयभारती चंद्राकर के कहानी के वितान बहुत लम्बा-चौड़ा नि हे। वह अपन कथा-वस्तु के सीमित आयतन मा रहके घलो मनुष्य-मन के गहराई ला पूरा विश्वसनीयता के साथ व्यक्त करे मा सफल हें। कहानी कहे के अनुपम शैली ला साधत रचना के मर्म ला सहजतापूर्वक उद्घाटित कर देना कथाकार के महत्वपूर्ण विशेषता हे। मानवीय बेहतरी, ओकर ले जुड़े सोच अउ भावना ओकर कथा मन के मूल प्रतिपाद्य हे। यद्यपि उँकर कहानी मन मा विन्ध्याचल के उच्चता नि हे फेर वन-श्री के हरीतिमा हे-सहज सरिता के तरंग हे अउ सरसिज के मधुर मुस्कान हे। शुभाशंसा हे कि कथाकार डाॅ जयभारती चंद्राकर के सारस्वत साधना के मार्ग प्रशस्त होवय अउ पुण्य-पंथ होवय।
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*समीक्षक*
*डाॅ विनोद कुमार वर्मा*
बिलासपुर (छत्तीसगढ)
मो- 98263 40331
ईमेल- vinodverma8070@gmail.com

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