एक सशक्त महिला के कहानी -भंवरी
डाँ. विनोद कुमार वर्मा जी के छत्तीसगढ़ी कहानी "भंवरी" एक सशक्त महिला भंवरी दाई के उथल-पुथल भरे जिंनगी के संघर्ष के कहानी हे।पति के मौत के बाद का का संघर्ष नइ करे बर परथे एक महिला ला । पालन-पोषण के संगे-संग अपन मान-सम्मान ला भी बचा के राखे बर पड़थे, कतको नीयतखोर मनके नजर रहिथे। येहू एक सामाजिक भंवर ये जिहाँ से एक जवान विधवा ला अपन-आप ला बँचा के निकले बर पड़थे ।येमा भंवरी दाई सौ प्रतिशत सफल होय हे। ग्रामीण वातावरण के सुघ्घर चित्रन के संग लेखक ह येमा 20 वी सदी के नया भारत के तस्वीर खींचत एस टी डी पी सी ओ, बिजली पंखा, ग्रामीण इस्कुल मा घलो लइका मनके बइठे के ब्यस्था सहित रेडियो से टीवी युग मा पहुंँचे के सुघ्घर कहानी गढ़े हे।बेटी सोन कुंवर के बर बिहाव सहित नतनीन मन के बिहाव अउ बिदाई के बिछोह एक परिवार के मार्मिक प्रेम ला दरशावत हे।
हथेली मा भंँवरा चलाय के चलन हर पाठक मन ला अपन अतीत के सुरता देवावत हे।वोइसने जुन्ना समय मा महामारी के प्रकोप के कारण परिवार उजड़े के ब्यथा ला भी दरशावत हे। कहानी मा पं नेहरू जी के जिक्र करत लेखक हा 1962 भारत चीन के युद्ध ला भी रेखांकित करत भारत देश के वो समय के कालखंड के वर्णन करे हे जब विभाजन के बाद भारत एक सशक्त देश नइ रिहिस अउ लड़ाई बर सब ला सहयोग करे बर परय। रुपिया पइसा गहना गूंठा सब अपन-अपन ले देके अपन मातृभूमि के रक्षा बर एक आह्वान मा खड़े हो जाँय।भँवरी दाई के भी येमा दान सहयोग कथा ला एक सशक्त महिला के जीवंटता के कहानी बया करत हे।
बूंद कुंवर के माध्यम से लेखक ये कहानी मा एक महिला के जिंनगी कतका उतार चढ़ाव भरे होथे येखर सशक्त चित्र खींचे हे। कहानी के शीर्षक बरबस ही ये कहानी ला पढ़े बर आकर्षित करत हे। पात्र बूंद कुंवर अपन नाम के संग अपन गाँव बुंदेला के प्रतिनिधित्व घलो करत हे।
लेखक विनोद भाई वर्मा अपन कहानी भँवरी ला पाठक के बीच पहुँचाके येला पढ़े बर जिज्ञासा जगावत हे। एक बहुत बढ़िया छत्तीसगढ़ी कहानी बर गाड़ा-गाड़ा हार्दिक बधाई हे।।
सादर
कमलेश प्रसाद शर्माबाबू कटंगी-गंडई जिला केसीजी
छंद साधक एवं साहित्यकार
(छत्तीसगढ़ी भाषा)
06-08-25
No comments:
Post a Comment