Saturday, 26 July 2025

लघु कथा- " उत्तराधिकारी " -मुरारी लाल साव

 लघु कथा-


 " उत्तराधिकारी "

     -मुरारी लाल साव

घऱ के आघू म भीड़ जमा होवत गिस l एक झन कहिथे -" अपन करम के फल ला भोगत रहिस l बाई रहिस तेनो भगागे बीमरहा के कतेक दिन ले सेवा करत रहिबो l ओकर बेटा बहू कमाये खाये ले निकले रहिस मुख ला नइ देखाइस l

न डउकी संग दीस न बेटा संग दीस l"

दूसर आदमी बात ला काटत कहिस - " बने होगे अकेला रहिके,अकेल्ला मरगे l

डउकी ओकर हलाकान करत रहिस l बेटा तौन नालायक निकलगे l मरिस त चैन से l"

तीसर मइनखे कहिथे - "

भागमानी रहिस ओकर कोनो न आघू रोवय्या न पाछू रोवय्या l रहितिस त रोना गाना होतिस l जे आदमी ते ठन गोठ l

बुढ़वा सियान कहिस - " ऊपर वाले जनम देथे अउ मरन ला देथे l करम तो मइनखे करथे l

करम के दंड ला भोगे ला पड़थे l चलो बोहो अब काला देखना l न रिश्ता हे न नाता हे एखर l अपन रिश्ता ला ऊपर कोती बना लीस l'

आखिर म नाउ आथे कहिथे-

" अइसे झन कहव मैं ओकर दाढ़ी मेछा बनावत रहेंव l मुड़ी ला मैं मुड़वाहूँ,मोर धरम बनथे l

मैं आघू म कन्धा दुहूँ कहत लास  ल बोह लेथे l" ओला देख पहटिया आथे कहत " मैं रोज देवत रहेंव l" मोरो हक हे l

तीसर म खोरावत आइस l*अरे भाई चोंगी माखूर के संगवारी रहिस l मोला बुलाते रहय आये कर मनसुख कहय l "

फेर आखिर म किराना दुकान वाले आथे " सब समान घर म पहुँचा के देवत रहेंव l मोर बने गराहिक निकल गे l कुछु फिकर नइ रहिस ओला l 

"राम नाम सत्त हे सबके इही गत्त हे l' कहत सब झीन

लाई ग़ुलाल छिंचत मरघट लानिस l

चारो मिलके ओकर दाह संस्कार करिस l

     -कुम्हारी, जिला दुर्ग छ. ग.

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