Saturday, 12 July 2025

बेटा बचाव*

 *बेटा बचाव* 

             लेड़गा गावत राहय 'काला बतावव मै नारी महिमा देवता घलो नई पावे पार  काला---। में पूछेंव का होगे जी लेड़गा?तब लेड़गा कथे भईया नारी के महिमा ल कोनो पार नई पा सके,कथे नारी ले दुनिया हारी।एक समे राहय नारी अपन सुहाग ल बचाय बर देवता यमराज ले घलो जोम दे देय(भिड़ जाय)। सावित्री ह अपन पति सत्यवान के काया म जब तक जान नी आईस तब तक पाछू नई छोड़िस। माता अनुसुइया ह देवंता ब्रम्हा, विष्णु,महेश ल छे महीना के लईका बना दे रिहीस। माता सीता ह घलो अपन पति के सुख-दुख म संग दे बर चऊदा बछर के बनवास कांटे बर ओकर संग ल नई छोंड़िस अऊ अपन सरी सुख ल तियाग दिस।तै सही काहत हस जी लेड़गा तेखरे सेती तो नारी ल शक्ति के रुप माने गेहे।फेर तब अऊ अब म बड़ फरक हे।अबके तिरिया चरितर ल सुनके पोटा कांप जथे।अब तो शेर मन कम अऊ शेरनी मन जादा शिकार करत हे।

       लेड़गा कथे बने फोर के बता न भईया का कथस समझ नहीं आवत हे।मे केहेंव यहू मन अभिव्यक्ति के आजादी के नाम म उछंद हो गेहे रे लेड़गा।इंकर ब्युटी पालर वाले रुप ल देखबे ते भस्मासुर कस तहूं मोहाजबे। इंकर नाम म घलो बड़ जादू रहिथे जईसे मुस्कान,सोनम, निधि। पहली के सियान मन कहे बेटा एक कुल ल तारथे,बेटी मन दू कुल ल तारथे, फेर अब तो कतनो बेटी मन दू कुल ल मारत हे। इंकर डर (दहशत )अईसन हो गेहे के नीला डराम वाले के धंधा चौपट (ठप्प) हो गेहे।लेड़गा कथे अब के शक्ति ल नई बताया हस भईया।मे केहेंव एक झन ह अपन  मरद ल कुटी-कुटी कांट के नीला डराम म डार के सीरमेंट म छाब दिस, एक झन घुमे के नाम म जंगल में लेग के मरवा दिस। एक झन ह जान बूझके एक्सीडेंट करवा के मरवा दिस।ऐ ह अब के शक्ति आय जी लेड़गा।पाछू पांच बछर म कमसलहा (लगभग)785मरद मन ल ओकर सुवारी मन यमराज ल मिले के अपाइंटमेंट देवा दिस। ये हरे अब के शक्ति।वईसे ये मन ल कलयुग के विष कन्या भी कही सकथन।

              लेड़गा पूछथे बेटी पढ़हाव बेटी बचाव के का हो ही भईया।मे कहेंव अब तो "बेटा बंचाव"अभियान चलाय ल पड़ही जी लेड़गा।पहिली के दाई-ददा मन ल दमाद कईसे मिलही कहिके संसो राहय अब तो बहू कईसे मिलही कहिके संसो रहिथे।अब वो सिरियल नंदागे सास भी कभी बहू थी।अब तो उल्टा चलत हे डायन भी कभी बहू थी। कतनो झन कम पढ़हे लिखे मरद मन अपन सुवारी ल खुब पढ़हाईस पद पाके वहू मन ठेंगा देखा दिस।ऐला कथे "धन जाय अऊ धरम जाय "एक ठन अऊ हाना हे 'नकटी के नाक कटे सवा हांथ बाढ़े।'ये इक्कीसवीं सदी आय रे लेगा अब गुन,गण, नाड़ी मिलाय ल छोड़ के मोबाइल के डेटा निकलवाके,नारको टेस्ट करवाके बहू बनाय ल पड़ही।अब यहू मन मेड इन चाइना कस हो गेहे।अभिनेच कुन एक झन दुल्हा ह विज्ञापन म छपवाय राहय -मै फलानी से विवाह करने जा रहा हूं किसी को कोई आपत्ती हो तो सूचित करें।लेड़गा कथे पहिली पढ़ें रेहेन 

बुंदेलों हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी,खुब लड़ी मरदानी वह तो झांसी वाली रानी थी।

फेर अब तो ------।

     मे लेड़गा ल कहेंव कहूं घुमना हे तो लड़का मन ल बाडी गाड लेके घुमे ल पड़ही।एकर ले गाड मन ल घलो रोजगार मिलही तहूं एक ठन पोगरही गाड के आफिस खोल लेबे,जेमा लिखवाबे नव विवाहितों को (विशेष पुरुषों को) सुरक्षा दिया जाता है बिल्कुल कम दामों में।

'जान है तो जहान है '

         प्रोपाइटर - *लेड़गा*


        फकीर प्रसाद साहू 

            "फक्कड़"

           ग्राम -सुरगी

      जिला -राजनांदगांव 🙏

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