लघु कथा -
" जाबे कहाँ छोड़ के? "
-मुरारी लाल साव
" बिहाव होये दू साल होये हे l दू साल ले पति पत्नी अलग अलग रहिस lसुरेश धुरिया म नौकरी करत हे l मौका पाके बीच बीच म आवत रहिस ससुरार म रहतीच l अपन घर म अपन माँ बाप ल कभू कभार देखे बर चल दय l सुनीता अपन ससुरार म रहना नइ चाहत रहिस l ओकर बाई सुनीता ह बहुत घमंडी अउ अकड़हीन बानी के हे तेखर सेती l "
काकर गोठ ला कहत हस बिसाहीन?
बिसाहीन कहिस -ओकर वो, लटियारीन के बेटी दमाद
के वो l
परेमीन फ़ेर पूछिस -"का होगे तेमा?
महिला थाना म जात देखेंव हँव कोरा म नानूक लइका ल धरे अकेला रहिस ओकर बहू ओकर दमाद नइ रहिस का
सँग म l
" उही तो बात होवत हेl "
महिला थाना म सुनीता पहुंचीस अपन नान्हे लइका के ला धरे अँचरा म लुकाये l
ओकर ले पहिली सुनीता के पति सुरेश अभिच आके बइठे रहिस l
एक दूसर ला देखे बर देखिस दूनो फ़ेर अपन बेटा नानूक ला सुरेश नइ देख पाइस l
कौसलिंग के एक मेंबर पूछिस
अच्छा सुनीता , ये तुम्हारे कौन हैं? ओला देखत सुनीता -
"मोर आदमी l "
"लेकिन अभी नोटिस पाकर आई हो ना l "
"हाँ "
"तुम्हारे आदमी नें तलाक लेने अर्जी लगाया हैं l"
सुरेश ले पूछिस-"क्यों सही है ना? सुरेश जी मेडम l
"आपस मे बात करोगे यहीं l "
दूनो नहीं कहिस l
ऐसे मे क्या निर्णय लेंगे l सुनीता तुम्हारे बारे मे आरोप है उसके बारे मे l
"ओहर लगाए हे ओकर अधिकार हे l चिक चिक नइ करना हे l"
तो तुम भी तैयार हो? "
सुनीता चुप रहिस l
चलो आगे की कार्यवाही बढ़ाओ l फाइल ला बंद करदीस l अभी जाओ l
ऑफिस के बाहिर सुनीता अपन बेटा ला दूधपियाये ला धर लीस l सुरेश अपन मन के हार अउ जीत के फैसला म फंस गे रहिस l सही बात सुरेश तलाक लेये बर नहीं सुनीता के घमंड ला खतम करे बर अर्जी लगाके देखना चाहत रहिस l
सुनीता अपन माइके ला छोड़ना नइ चाहत रहीस l पति पत्नि के रिश्ता अउ जिम्मेदारी जरूरत ला समझना चाहत रहिस l आखिर म सुरेश अपन नान्हे बेटा के मुँह ला देख के हार जथे l
"एखर बाप तो में हरंव
बिन बाप के कइसे रेही l
सुनीता ला पानीपेशाब जाना रहीस l कइथे -" थोकिन बाबू धरव तो l " अनबोलना टूटीस l चुप सुरेश आके अपन हाथ म लेथे बच्छर भर बाद l मति घलो बदल गे l
नानूक घलो ताना मारत मुस्कावत " जाबे कहाँ छोड़ के l"
सुरेश के मन बदल गे उहाँ ले निकलगे l
हाथ मुँह धोके सुनीता आथे
सुरेश नइ दिखीस l पूछिस पाछिस त-कोनो बताइस एक झन अपन हाथ म धरे लइका ला इही डहर जावत देखेन l
सुनीता उही कोती चिल्लावत भागत जावत रहिस -"जाबे कहाँ मोला छोडके l"
जाबे कहाँ छोडके?
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