छत्तीसगढ़ी मे अनेकार्थकता
हमर भाखा म कइथे-
" परदा "
परदा के अलग -अलग प्रयोग म अलग -अलग अर्थ निकलथे -कपड़ा, इज्जत, दीवाल, भेद रहस्य, रिवाज, नाटक के अंक, प्रथा आदि
वाक्यों म प्रयोग होये हे -
1कुरिया मन म परदा लगे हे (कपड़ा)
2 अपन बहू ला परदा म राखे हे l (इज्जत से)
3बियारा के परदा फूट गे हे l (दीवाल )
4 परदा के भीतरी म सब खेल होथे l( गलत काम)
5 परदा तोप के राखे हे l(छिपाकर)
6जेन दिन परदा खुलही तेन दिन देखबे l ( भेद, रहस्य)
7 परदा अब गिरही l (नाटक के अंक)
8 परदा कर बहू तोर जेठ आवत हे l(घूंघट कर)
9 परदा प्रथा बंद होवत हे l
( मुँह ढांकनें क़ी रिवाज l)
10 परदा ऊपर परदा तोपे ले का होही l(कमजोरी क़ो बार बार छिपानें से )
11 अपन भीतर परदा रखबे तोरे बर घातक होही l (अवगुण रखने )
12 बिन परदा के कोन रहिथे?
(बिना मर्यादा के)
बोलबो लिखबो तभे जानबो l
- मुरारी लाल साव
कुम्हारी
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