Saturday, 12 July 2025

नानुक कथा - "आँसू के बँटवारा"

 नानुक कथा -


   "आँसू के बँटवारा"

 

   बेरा अपन बेरा म निकलीस l

भरत अपन परिवार के भार ला अपने मुड़ी मा बोहे रहिस l बेरा के ऊवे के अगोरा करतिस l 

साईकिल मा टिफिन अउ पानी के बोतल रख के निकल गे अपन काम म l 

 भरत के परिवार म  छै झन हे l ओकर दाई -ददा ओकर पत्नि सतिया अउ 14 बरस के नोनी कुंती,9 बरस के बाबू करन l  

भरत के जादा आमदनी नई हे,बस गुजर बसर कर्रे के पुरता l जइसे तइसे परिवार चलय l

ओकर दाई ददा मन पसरा लगाके साग भाजी बेंचय l सतिया पालिका के कचरा गाड़ी के सफाई मितानिन रहिस l 

अल्हन कब अउ कइसे आ जही कोनो जानय नहीं l 

आथे बिपत त कुछु सूझय नहीं l सियान के हाँथ कटागे हंसिया म l उहीच दिन भरत के दाई ला गोल्लर हुमेल दीस l कलहरत बइठे  रहिन दूनो l सतिया ला मलेरिया बुखार आगे ओहा खटिया म सुते काँपत रहिस l

नोनी कुंती अउ करन  उंकर तीर म रहिस l 

   सँझा कुन भरत काम करके आइस l आज ओकर घर म सन्नाटा अउ लाचारी पसर के बइठ गे रहिस l बताये के जरूरत नई पड़ीस ताड़ गे l

अल्हन समाये हे सब ला चुप कराके l 

  भरत के आँखी ले आँसू डबक के निकले ला धरिस lओला देखके ओकर दाई दाई ददा के आँखी ले आँसू बोहाये ला धर लीस l सतिया के आँखी के धार ला कुंती अउ करन पोंछत रहिस l  पहिली बार दिखे ला मिलिस आँसू के बँट वारा होवत l  

करन पूछथे  -बाबू! तोर आँखी ले आँसू निकलत देख हमर सबके आँखी ले आँसू काबर निकले ला धर लीस?  

आँखी ल देख आँखी आँसू के बँटवारा कर दीस  बेटा!

एके झन जादा काबर रोवय?

मिल बाँट के आँसू ला घलो पोछे तो हन l करन के दादा कहिस l

             - मुरारी लाल साव

               कुम्हारी

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