. *पाप अउ पुण्य* (छत्तीसगढ़ी लघुकथा)
- डाॅ विनोद कुमार वर्मा
कोलिहा मन के धर्मसभा मं पाप-पुण्य अउ धर्म-अधर्म उपर जोरदार बहस चलत रहिस। एक कोलिहा धर्मगुरु ले सवाल पुछिस- ' गुरुदेव, कुकरी चोरी करई पाप हे या पुण्य? '
गुरुदेव तुरते जवाब दीन- ' कुकरी चोरी करना पुण्य के काम हे। ..... फेर यदि कोनो कोलिहा कुकरी चोरा के लानत रइही अउ तैं ओला चोरी करके भाग जाबे त एहा पाप होही! '
......................................
No comments:
Post a Comment