तीजा तिहार :सामाजिक चिंतन के कसौटी म
तीजा तिहार हमर संस्कृति के सामाजिक व्यवस्था अउ धार्मिक आस्था ले जुड़े पारम्परिक तिहार आय l
एक नारी के मइके अउ ओकर ससुरार के बीच पारस्परिक संबंध पारिवारिक रिश्ता नाता ल प्रेम पूर्ण व्यवहार ले महत्व देना सम्मान देना आय l
लोकाचार लोक व्यवहार के महत्वपूर्ण परिपाटी म चलत हावे l
एखर पाछू हमर धरम शास्त्र पौराणिक कथा मन आधार हे l
माता पार्वती के व्रत साधना मुख्य हे l मइके म रहिके भादो महीना के तृतीया तिथि के उपास करे के परम्परा हे l एखर सेती मइके के रोटी पीठा तीजा लेगे लाने के नेवता ए l बेटी माई के ससुरार म आके दे जाथे l एला मान्यता दे गये हे l
मइके के नेवता आथे तभे तीजा माने ला जाथे l सामाजिकता अउ सामाजिक व्यवस्था म तीजा के मूल्य हे l
चिंतन अउ कसौटी म तीजा के मूल्य अउ मान्यता म हेर फेर
तर्क कुतर्क के बात घलो आवत हे l
आखिर बेटी माई ल मान सम्मान मइके अउ ससुराल म कतका मिल पावत हे?
नेगहा तीजा के डहर परम्परा शुरू होगे हे l तीजा के लुगरा दे दे छुट्टी पावो l दूसर डहर तीजा नई भेजबो त का होही?
नारी वंदन के दौर म जिंहा सरकार घलो मान सम्मान दे बर योजना शुरू करे हे ओखर जुन्ना मान सम्मान म आंच घलो नई आना चाही l
पैतृक सम्पत्ति म बेटा के साथ बेटी ला घलो पूरा अधिकार मिले हे का वो अधिकार मिल पावत हे?
ससुरार म कतका सुखी हे कतका दुखी हे? घर गिरहस्थी म तनाव बिखराव के कारन दोसी कोन हे?
कोन कोन मेऱ बेटी मन मार के जियत हे?
कोन कोन मेऱ बेटी बहू के हत्या होवत हे?
कोन कोन मेऱ लोक लिहाज मर्यादा म आघात पहुँचत हे?
कोन देखत हे?
जिनगी जीना हे क़ानून जिनगी दिही?
संवेदना सहानुभूति सहयोग प्रेम मान सम्मान मर्यादा पूर्ण जीवन सुखी जीवन कहाँ ले कइसन मिले? सब ला सोचे बिचारे के बात हरे l
आज इही सब तर्क हे इही कसौटी म तीजा के महत्व ला
बनाये राखन जरुरी हे l
मुरारी लाल साव
सियान सदन कुम्हारी
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