यहू ला जानव
*मौसम अउ बेरा ले सम्बंधित छत्तीसगढ़ी शब्द*
बदरा/बादर/बदरिया-बादल
झड़ी- सरलग पानी गिरना
झक्कर- लगातार बादर छाय रहना
तरतरी-सरलग जोरदार पानी गिरई
उगासना/अँजोरना- पानी गिरे के बाद सूरज निकलना
अँधियारना/करियाना- घटा छाना
गरजना/गड़गड़ाना/गरजई- बादर के गड़गड़ाहट
घुमरई- करिया बादर के उड़ई
घुरुर-घारर/घुमड़ई - बादल के हल्का गरजना
करियाना/घपटना/घपटे- घटा छाना
बतर-बाँवत/बरसा
चमकई/बिजुरी चमकना/कड़कना- बिजली/तड़ित
झिमिर-झिमिर-कम पानी बरसना
रझरझ/रझारझ- बड़ पानी गिरना
फुसफुसी/कोड़हा फुहार- बरसा के पानी हवा मा उड़त रथे
दमोरना/बरसना- पानी गिरना
दरपना- एकदम कम पानी गिरना, धूल धुर्रा या फर्स के ऊपर एक परत पानी के गोल गोल चिन्हा दिखना
टपकना/चुँहना/रितना/रिसना- टप टप पानी गिरना
रूतोना- जादा धार मा पानी के गिरई
करा पानी-ओला वृष्टि
अतरना- बरसा रुक जाना
पुरवइया/पुरवा- पूरब के चलइया हवा
बसंती हवा-बसंत ऋतु म चलइया हवा
झिपार- एक विशेष दिशा म चलत हवा के कारण पानी के बहाव या छिड़काव
चकोरना-चारो दिशा ले बदल बदल के हवा चलना
झकोरा/झकोरना-हवा के संग पानी के एके दिशा मा बहना
झकझक ले-अंधियारे बर प्रयोग होथे
चकचक ले-उजाला बर
सनन सनन-पुरवा चले के शोर
अलमल-अड़बड़
गाज गिरना-बिजली गिरना
सवनाही बादर-सावन के बादर
भदरे बादर-भादो के बादर
कुँवरहा घाम-कुँवार के तेजहा घाम
लहसना-हवा पानी मा डारा के हलई
झाँझ-झोला/लू- तात हवा
बवंडर/बँरोड़ा- चक्रवात
शीत लहर-एकदम जुड़ हवा
धूपकाला-गर्मी
जड़काला-जाड़
दंद/भभक/कुघरना/उमस- गरमी
तीपना/जरना/भोम्भरा- गर्मी म पाँव के जलई
घाम-सूरज के तेज
शीत- पेड़ पौधा के पान म पानी के मोती कस बूंद
कोहरा/कुहरा- वातावरण मा छाय जलवाष्प युक्त हवा, येमा 1km के बाद के चीज तको थोर थोर दिखथे
धुंध/धुंधरा- थोरिक जादा जलवाष्प अउ धुँवा युक्त वातावरण मा छाय हवा , येमा 1km से कम के चीज घलो बने से नइ दिखे
पाला-धरती मा ठंडी मा जमे बरफ
पतझड़-पत्ता झड़े के समय
ब्रम्ह मुहरत- 3 से 4 बजे के समय
भिनसरहा- सुबे 4 से 5 बजे तक के बेरा
सुकवा पहाती- भिनसरहा के पहली के बेरा (शुक्र या सुकवा इही बेर म दिखथे।। एखरबेरा झुलझुलहा होय बर लगथे।
झुलझुलहा/मुन्दरहा- भिनसरहा के बाद के बेरा, 5 से 6 बजे, जे समय थोर थोर सब दिखे बर लगथे
पँगपंगहा- सुरुज के लालिमा वाले बिहन
बिहनिया/उजरहा/उजाला/सुबे/फजर- सूरज निकल जाना
पहट/गरुवा ढिलाती- बिहनिया बर्दी म गरवा ठोंके के बेरा, जे बेर म राउत भाई मन गरवा ल गउठान म लाथें
मंझनिया- दोपहर 12 बजे 2 बजे तक।
बेरा ढरकती- संझा के पहली के बेर,2:30 से लगभग 4 बजे तक।
संझा/सांझ-4 बजे से 6 बजे तक
गोधूली-गरुवा ओइले के बेर
बेरा बुड़ती/मुंधियार- सूर्यास्त
बियारी के बेरा- रात में खाना खाय के समय।
दु पेटिया बियारी- गर्भवती महिला मन ल जल्दी खाय बर निर्धारित समय
कोष्टा बियारी-अंधियार होवत खाना खाना
अधरतिया- आधा रात
दिन के नाम-इतवार, सम्मार, मंगल,बुधवार, बिरसपत,शुक्रवार, शनिच्चर,
महीना-चइत,बइसाख,जेठ,आसाढ़,सावन भादो,कुँवार, कातिक, अगहन,पूस, माँघ,फागुन
तिथि-एक्कम,दूज, तीज, चौथ, पंचमी,छठमी, सतमी, अठमी,नम्मी,दसमी, एकादशी, दुवास,तेरस, चौदस, पुन्नी
पुन्नी-चंदा के पूर्ण गोलाई वाले दिन
अमावस-अंधियारी
पाख-अंधियारी पाख,अँजोरी पाख
चार जुग-सतजुग,त्रेता, द्वापर,कलजुग
चम्मास/चौमास-बरसा ऋतु के चार महीना
एक पहर-3 घण्टा के समय
चार पहर/चार जुवार-एक दिन
पखवाड़ा/पाख-15 दिन
एक हप्ता-7 दिन
आसों-वर्तमान साल
पउर-बीते साल
परिहार-बीते के बीते साल
बरिक दिन/बछर-साल के
भंडार-उत्तर
रक्सेल/रकसहूँ-दक्षिण
उक्ती-पूर्व
बूड़ती-पश्चिम
संकलन
जीतेंद्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को, कोरबा(छग)
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