Wednesday, 4 September 2024

मौसम अउ बेरा ले सम्बंधित छत्तीसगढ़ी शब्द

 यहू ला जानव


*मौसम अउ बेरा ले सम्बंधित छत्तीसगढ़ी शब्द*


बदरा/बादर/बदरिया-बादल


झड़ी- सरलग पानी गिरना


झक्कर- लगातार बादर छाय रहना


तरतरी-सरलग जोरदार पानी गिरई


उगासना/अँजोरना- पानी गिरे के बाद सूरज निकलना


अँधियारना/करियाना- घटा छाना


गरजना/गड़गड़ाना/गरजई- बादर के गड़गड़ाहट


घुमरई- करिया बादर के उड़ई


घुरुर-घारर/घुमड़ई - बादल के हल्का गरजना


करियाना/घपटना/घपटे- घटा छाना


बतर-बाँवत/बरसा


चमकई/बिजुरी चमकना/कड़कना- बिजली/तड़ित


झिमिर-झिमिर-कम पानी बरसना


रझरझ/रझारझ- बड़ पानी गिरना


फुसफुसी/कोड़हा फुहार- बरसा के पानी हवा मा उड़त रथे


दमोरना/बरसना- पानी गिरना


दरपना- एकदम कम पानी गिरना, धूल धुर्रा या फर्स के ऊपर एक परत पानी के गोल गोल चिन्हा दिखना


टपकना/चुँहना/रितना/रिसना- टप टप पानी गिरना


रूतोना- जादा धार मा पानी के गिरई


करा पानी-ओला वृष्टि


अतरना- बरसा रुक जाना


पुरवइया/पुरवा- पूरब के चलइया हवा


बसंती हवा-बसंत ऋतु म चलइया हवा


झिपार- एक विशेष दिशा म चलत हवा के कारण पानी के बहाव या छिड़काव


चकोरना-चारो दिशा ले बदल बदल के हवा चलना


झकोरा/झकोरना-हवा के संग पानी के एके दिशा मा बहना


झकझक ले-अंधियारे बर प्रयोग होथे


चकचक ले-उजाला बर


सनन सनन-पुरवा चले के शोर


अलमल-अड़बड़


गाज गिरना-बिजली गिरना


सवनाही बादर-सावन के बादर


भदरे बादर-भादो के बादर


कुँवरहा घाम-कुँवार के तेजहा घाम


लहसना-हवा पानी मा डारा के हलई


झाँझ-झोला/लू- तात हवा


बवंडर/बँरोड़ा- चक्रवात


शीत लहर-एकदम जुड़ हवा


धूपकाला-गर्मी


जड़काला-जाड़


दंद/भभक/कुघरना/उमस- गरमी 


तीपना/जरना/भोम्भरा- गर्मी म पाँव के जलई


घाम-सूरज के तेज


शीत- पेड़ पौधा के पान म पानी के मोती कस बूंद


कोहरा/कुहरा- वातावरण मा छाय जलवाष्प युक्त हवा, येमा 1km के बाद के चीज तको थोर थोर दिखथे


धुंध/धुंधरा- थोरिक जादा जलवाष्प अउ धुँवा युक्त वातावरण मा छाय हवा , येमा 1km से कम के चीज घलो बने से नइ दिखे


पाला-धरती मा ठंडी मा जमे बरफ


पतझड़-पत्ता झड़े के समय


ब्रम्ह मुहरत- 3 से 4 बजे के समय


भिनसरहा- सुबे 4  से 5 बजे तक के बेरा


सुकवा पहाती- भिनसरहा के पहली के बेरा (शुक्र या सुकवा इही बेर म दिखथे।। एखरबेरा झुलझुलहा होय बर लगथे।


झुलझुलहा/मुन्दरहा- भिनसरहा के बाद के बेरा, 5 से 6 बजे, जे समय थोर थोर सब दिखे बर लगथे


पँगपंगहा- सुरुज के लालिमा वाले बिहन


बिहनिया/उजरहा/उजाला/सुबे/फजर- सूरज निकल जाना


पहट/गरुवा ढिलाती- बिहनिया बर्दी म गरवा ठोंके के बेरा, जे बेर म राउत भाई मन गरवा ल गउठान म लाथें


मंझनिया- दोपहर 12 बजे 2 बजे तक।


बेरा ढरकती- संझा के पहली के बेर,2:30 से लगभग 4 बजे तक।


संझा/सांझ-4 बजे से 6 बजे तक


गोधूली-गरुवा ओइले के बेर


बेरा बुड़ती/मुंधियार- सूर्यास्त 


बियारी के बेरा- रात में खाना खाय के समय।


दु पेटिया बियारी- गर्भवती महिला मन ल जल्दी खाय बर निर्धारित समय 


कोष्टा बियारी-अंधियार होवत खाना खाना


अधरतिया- आधा रात


दिन के नाम-इतवार, सम्मार, मंगल,बुधवार, बिरसपत,शुक्रवार, शनिच्चर,


महीना-चइत,बइसाख,जेठ,आसाढ़,सावन भादो,कुँवार, कातिक, अगहन,पूस, माँघ,फागुन


तिथि-एक्कम,दूज, तीज, चौथ, पंचमी,छठमी, सतमी, अठमी,नम्मी,दसमी, एकादशी, दुवास,तेरस, चौदस, पुन्नी


पुन्नी-चंदा के पूर्ण गोलाई वाले दिन


अमावस-अंधियारी


पाख-अंधियारी पाख,अँजोरी पाख


चार जुग-सतजुग,त्रेता, द्वापर,कलजुग


चम्मास/चौमास-बरसा ऋतु के चार महीना


एक पहर-3 घण्टा के समय


चार पहर/चार जुवार-एक दिन


पखवाड़ा/पाख-15 दिन


एक हप्ता-7 दिन


आसों-वर्तमान साल


पउर-बीते साल


परिहार-बीते के बीते साल


बरिक दिन/बछर-साल के


भंडार-उत्तर


रक्सेल/रकसहूँ-दक्षिण


उक्ती-पूर्व


बूड़ती-पश्चिम


संकलन


जीतेंद्र वर्मा"खैरझिटिया"

बाल्को, कोरबा(छग)

No comments:

Post a Comment