छतीसगढ़ी अउ पत्रकारिता -सरला शर्मा
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पत्रकारिता कहिथें पत्र - पत्रिका मं समाज , राजनीति , शिक्षा , साहित्य , संस्कृति के बारे मं खबर लिखना त खबर देवइया / लिखइया ल पत्रकार कहिथें ।
पत्रकारिता के चलते ही आम आदमी ल देस , राज , समाज , संसार के जानकारी मिलथे ।
जनमत ल स्वतंत्र अभिव्यक्ति मिलथे कहि सकत हन पत्रकारिता हर जन मन के आवाज होथे।
रहिस बात रोज के अखबार मं तो खबर ही छपथे फेर कोनो एक दिन के परिशिष्ट मं साहित्य ल जघा मिलथे जेहर साहित्यकार मन ल रुचि अनुसार गद्य - पद्य मं लिखे के मौका देथे इही ल साहित्यिक परिशिष्ट कहिथें , साहित्यिक परिशिष्ट मं पत्रकारिता के उपयोग साहित्यिक कार्यक्रम के खबर देना होथे अगर पत्रकार आयोजित कार्यक्रम के सफलता - असफलता , नफा- नुकसान , अवइया दिन मं अइसन आयोजन के साहित्य संसार ल जरूरत , कोनो विशेष विधा , विषय या साहित्यकर के रचना उपर अपन विचार लिखथे त ओहर पत्रकारिता के उत्तम रूप होथे जेमा पत्रकारिता अउ साहित्यिकता मिंझरे रहिथे ।
" हमर विशेष संवाद दाता द्वारा " ये वाक्यांश हर पत्रकार के ओहदा बढ़ा देथे त सम्पादक खबर के उत्तरदायित्व से मुक्त भी हो जाथे , खबर के सच , झूठ के जिम्मेदारी पत्रकार उपर आ जाथे , सफ़ल पत्रकार के जिम्मेदारी समाज , साहित्य , पाठक सबके प्रति बढ़ जाथे ।
इही सब ल सोच के आजकल विशेष समाचार मन ल विवादास्पद बने ले बचाये बर " हमर विशेष संवाद दाता द्वारा वाक्यांश के प्रयोग करे के चलन बढ़ गए हे ।
एडमिन अरुण निगम जी अपन पोस्ट मं लिखे रहिन पत्रकारिता विधा ल चिटिक अउ जाने , समझे के जरूरत ल ध्यान मं रख के ।
पत्रकारिता के लक्षण माने तो प्रकार होही ..फोरिया के कहिन त पत्रकारिता कोन कोन तरह के होथे , कोन कोन विषय के खबर पत्रकारिता मं शामिल माने जाथे ?
1... बाजार उपर आधारित समाचार जेन हर अर्थ व्यवस्था के उतार - चढ़ाव बताथे ।
2 ...गांव गंवई के समाचार जेला ग्रामीण पत्रकारिता कहिथें ।
3.... शिक्षा सम्बंधित ...
4 ....खेल जगत के समाचार उपर लेख , खबर
5 ...घटना क्रम ...समसामयिक घटना
6 ...अनुसंधान , विश्लेषण , विवेचन सहित समाचार
7 ..... साहित्यिक , सांस्कृतिक समाचार
8 ... फ़िल्म पत्रकारिता ..फ़िल्म समीक्षा , अभिनय कर्ता से सम्बंधित समाचार
9 ...विज्ञापन पत्रकारिता ...
10 ...रेडियो अउ दूरदर्शन पत्रकारिता भी आजकल चलागत मं हे ।
सोशल मीडिया मं मिलत खबर / समाचार प्रस्तुति हर आधुनिक पत्रकारिता ही आय जेहर अभी के दिन मं तुरते - ताही बगरथे ,प्रतिक्रिया देथे त एकर पाठक संख्या भी दिनोंदिन बढ़त जावत हे , प्रिंट मीडिया ले जादा पत्रकारिता के सक्रियता इहां देखे बर मिलत हे ।
एडमिन अरुण निगम जी लिखे रहिन अउ कुछु जिज्ञासा होही त ये मंच मं रखव फेर अभी तक अउ कोनो किसिम के जिज्ञासा पटल मं पढ़े बर नई मिले हे ते पाय के अभी कलम ल थिराये देवत हंव ।
छत्तीसगढ़ी लोकक्षर संग सरला शर्मा
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