Saturday 1 October 2022

ग्रामीण अर्थशास्त्र मा छत्तीसगढ़ के नारी के भूमिका*

 *ग्रामीण अर्थशास्त्र मा छत्तीसगढ़ के नारी के भूमिका*


छत्तीसगढ़ हा मूल रूप में खेती किसानी अउ वनोपज संग्रहण के बुता ले जुड़े राज्य आय।इहां के नारी परानी मन दूनों बुता में पुरुष मन के बरोबर मदद करथे।अउ में तो कहिथों उंकरो ले दू कदम आगू बढ़के बुता करथे।

आज के किसानी बुता हा अब मशीन भरोसा होवत हे।पुरुष मन के जम्मो बुता जइसे नांगर जोताई,धान मिसाई,खरही रचाई ला मशीन नंगा डरिस फेर थरहा रोपाई,चलाई अउ निंदाई,धान लुवाई,उरीद हिंरवा के टोराई बुता हा महिला मन के भरोसा मा ही होवत हे।इंहा के नारी परानी कनिहा नवा के दिन भर खेती बुता में डटे रहिथे तब जाके हमन छत्तीसगढ़ के धान कटोरा के नाम ला पा के इतरावत हन। ट्रेक्टर अउ थ्रेसर आगे तभो ले उंकर बुता नी सिराय हे। रोजगार गारंटी अउ आने मेहनत के बुता में घलो ओमन अपन परिवार के मदद बर आगू रहिथे।

धान के छोड़ साग भाजी के उत्पादन से लेके बजार में बेचे तक में नारी परानी के उदीम दिखथे।दू पइसा कइसे बॅंचा के रखना हे एला छत्तीसगढ़ के नारी मन ले सीखे के जरूरत हे।कभू कभू आपत काल में उंकर बचाय पइसा हा घर के मरजाद अउ मनखे के परान ला बचाथे।

जंगली क्षेत्र में महुवा बिनाई, तेंदूपत्ता तोडाई,चार सरई बीजा सकेलना महिला मन के ही बुता हरे।उही मन ये बुता संभालथे ज्यादा।

अपन रसोई के खरचा ला जंगल के लकड़ी लान के, आसपास ले सब्जी भाजी के बेवस्था करके बचाय के भरसक उदीम छत्तीसगढ़ के नारी परानी करथे।

अभी समय बदलत हे।गांव गांव में मंदहा मतवार बाढ़त हे त कतको घर ला माइलोगन मन ही संभाले हे।सियान सियानिन अउ लोग लइका के जतन उंकरे भरोसा रहिथे।कतको झन नारी मन स्वयं सहायता समूह ले जुड़ के वेतनभोगी के रुप में काम करत हे त कतको समूह ले करजा उठा के अपन खुद के बेवपार करत हे।किराना व्यवसाय अउ टेंट बर्तन के व्यवसाय तो गांव मन में अब ज्यादातर समूह ले जुड़े महिला मन ही संचालित करत हे।कतको नारी परानी मितानिन के रुप में सेवा देवत अपन घर परिवार के आर्थिक सहयोग करत हवय।

कुल मिलाके सार बात ये हरे कि छत्तीसगढ़ के अर्थशास्त्र में नारी परानी मन के जब्बर भूमिका हवै।सिरतो काहत हॅंव जब तक इंहा के नारी मन लुगरा के अंचरा में पइसा गठियावत रही तब तक इंहा के पुरूष अॅंटियावत रही।नमन हे नारी शक्ति ला!


रीझे यादव

टेंगनाबासा(छुरा)

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