Monday 10 October 2022

नवमी मा नवा खाय के तिहार...

 नवमी मा नवा खाय के तिहार...


         हमर छत्तीसगढ़ राज्य मा हर परंपरा ल तिहार सही मनाये के अलगे महत्व हे। तिहार प्रेमी इहा के लोगन मन के उत्साह के तार भीतरी हिरदे ले जुड़े हे। इहाँ नवरात्रि के तिहार जब्बर ढंग ले मनाये जाथे। श्रध्दा भक्ति करईया मन नौ दिन ले मातृ-शक्ति के निमित उपवास करके नवमी के दिन समापन करथे। हमर कोती इहि दिन नवा खाय के तिहार घलो मनाथे। अलग-अलग क्षेत्र मा अपन हिसाब से, निहिते सियान मन के हिसाब ले चलागर रूप में कोई तय दिन में नवा खाथे। पर जादा मन नवमी के दिन नवा खाये के तिहार ल मान डारथे।


नवा खाय के तिहार नवा फसल के आये के खुशी म सबो किसानी करईया मन अब्बड़ उत्साह ले मनाथे। हरुना धान, सांटीया धान जरूर ये दिन के आत ले तैयार हो जाये रथे।


नवाखाई के दिन घर-दुवार ल बिहिनिया ले लीप-पोत डारथे। माता देवाला म तेल हरदी लेजे के बाद बैगा पूजा-पाठ, हुम-जग देके गांव के सुख-समृद्धि बर माता जी ले अरजी-विनती करथे। बैगा के हुम के देवात ले पानी भरना मना रथे। 


ये दिन छत्तीसगढ़ वासी मन बर अब्बड़ महत्व के हे, कमाए-खाये ल गे रथे, घर के दुरिया रहैया मन घलो अपन घर मे नवा खाय बर पहुंच जाथे।


सांटिया धान जेहर करिया रंग के होथे,ओकरे चाऊंर के नवा खाय जाथे। ये धान के चाऊंर एककनि ललहु रंग के होथे। येला भात में डारके, खीर बनाके, रोंट बनाके खाये जाथे। जादा आदमी मन रोंट बनाथे। कोई-कोई गांव म गांव भर बर माता देवाला म एक संघरा बनाथे। नवा धान के चाऊंर ल निकालके दूध में मिलाके घर के सियान हा प्रसाद सही सबो घर के सदस्य मन ला देथे। प्रसाद खाय के बाद घर के सबो छोटे मन बड़े के पांव परके आशीष पाथे।


रोंट ला घर के सियान हा सेना के आगी म अलग से देवता खोली म बनाथे। येला गहुँ पिसान मा शक्कर, गुड़, घी, दूध मिलाथे अउ सानके सुंहारी सही गोल-गोल बनाके सेना आगी म डार देथे। फेर चूरे के बाद निकाल लेथे जेहा देवता-धामी मा चढ़ाये जाथे। येला प्रसाद के रूप में खाय मा अब्बड़ सुवाद रथे। सियान ह अपन घर के देवधामी म चढ़ाथे,संग म नवा धान के बाल ल तिरशूल-बाना रथे तेमन धजा निम्बू चढ़ाके संगे-संग पूजा करथे।


नवा खाय के तिहार के दिन सबो परिवार मन घर में सकलाथे। घर में अईसन बेरा अब्बड़ खुशियाली के रंग जमे रथे। परिवार में आपसी प्रेम-भाव, आदर-सत्कार, लइका मन बर मया-दुलार सियान मन के हिरदे ले कुलकत रहिथे।


                                            हेमलाल सहारे

                                        मोहगांव(छुरिया)

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