Monday 23 September 2024

रात के 01 बजके 11 मिनट*

 .             *सरला दीदी के मया* (लघु कथा)


   *रात के 01 बजके 11 मिनट* 

          वाट्सएप म सरला दीदी के मैसेज आइस- ' भाई! ये कहानी ल delet कर दे....अकारण ही मोर भाई विरोधी मन के नजर म पर जाही,  मोला डर लागिस हे......। हमन सीधे सादा मनसे आन राजनीति के प्रपंच ल सम्हारे नि सकन.... एहर मोर आदेश नोहय सुझाव आय।......'

      *रात के 12.24 बजे* अपन बहुप्रतीक्षित कहानी ' *अग्नि संस्कार* ' ला लोकाक्षर पटल म पोस्ट करे हँव। सोमवार 09 सितम्बर के पटल म गद्य पोस्ट करे के एडमिन अरुण निगम  के निर्देश रहिस। मैं रात के ही 12 बजे के बाद कहानी ला पोस्ट कर देहें। पोस्ट करे के  ठीक 47 मिनट बाद दीदी के वाट्सएप मैसेज मोला मिलिस। 

      मैं दुविधा म पड़ गें! का कहानी ला पटल ले डिलीट कर दँव ? कहानी ले जादा दीदी ला मोर सुरक्षा अउ खैरियत के चिन्ता हे- ये सोचत-सोचत मोर आँखी भर गे!

     दीदी के वाट्सएप मैसेज ला एक बार फेर पढ़ेंव। दीदी आखिर म लिखे रहिस- ' *एहर मोर आदेश नोहय सुझाव आय* ।.....' 

    दीदी के आदेश रहितिस त ये कहानी ला पटल ले तुरते डिलीट कर देतेंव अउ आज पटल म ये कहानी उपर कोई गोठ-बात घलो नि होतिस!..... फेर दीदी, सुझाव के बात घलो लिखे रहिस अउ एकरे फायदा छोटे भाई उठाईस! सरला दीदी ला तुरते मैसेज भेजेंव- ' पटल म कहानी के उपर प्रतिक्रिया ल देखन दे दीदी!.....'


                   - विनोद कुमार वर्मा

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