Wednesday 4 September 2024

लोक खेल :फुगड़ी तीजा तिहार के खेल

 लोक खेल  :फुगड़ी 

तीजा तिहार के खेल 

  

हमर छत्तीसगढ़ के लोक खेल  फुगड़ी आय l एला नान्हे बेटी माई मन खेलथे l अब ए खेल  ह नंदावत  हे l ए खेल के पाछू  "स्वस्थ तन अउ स्वस्थ मन  जीवन के अनमोल धन  " विचार  ले जुड़े हे l वैज्ञानिक दृस्टि ले  घलो   ए खेल के अब्बड़ महत्व हे l  एखर  लाभ कतका हे कतका जरूरी हे?एखर  प्रसार प्रचार  नई हो पाइस तेखर  सेती लोक जीवन ले धुरियागे l थोर कुन जान लन फुगड़ी  ला l 

नान्हे बेटी मन ला नोनी कहिथन l गाँव के नोनी मन सकलाके आपस म खेलथे l सबो लोक खेल  के तरह  इहू खेल  के लोक खेल  गीत हे जेला फुगड़ी गीत के रूप में जानथन l लोक गीत ला सुने होहू 

" गोबर दे बछरु  दे 

 चारो खुंट  ला लिपन दे.  I "

   

ए गीत ला बइठ के कछोरा  पार के गाथे l बइठे  बइठे  पहिली  एक गोड़ ला कूदत उठात दूसर गोड़ ला आघू  पाछू  करत  रहिथे lउही ढंग ले डेरी हाथ  आघू  जेवनी हाथ  पाछू   दूनो हाथ ,आघू - पाछू  होवत रहिथे l गोड़ के पंजा  एड़ी म पूरा शरीर  के भार  पड़थे l कमर म जोर जाँघ  म जोर  पड़थे l पेट  के कसरत हो जथे l छाती म साँस भर  भर  के उछलत बइठ कूद कर के खेल  ला जारी रखे  जाथे l जेन थक  जथे  फुगड़ी हार गे माने जाथे l 

 फु+गड़ी  l गड़ी के मतलब संगी  सहेली  होथे  l फु याने बाहर l नई खेल  सकेस गड़ी फु हो जा l खेल ले बाहर हो जा l फुगड़ी  नई खेल  सकस 

बाहर जा l चुस्त अउ दुरुस्त स्वस्थ हे तेखर  एक प्रकार ले सहेली  के निरीक्षण परिक्षण  खेल ले बीमरहीन संग भला  कोन संग रहीl फुरफुन्दी असन रह l फुरफुन्दी असन फुर्ती  बना के रख l फु के मतलब फुरफुन्दी ले लेथन त इही भाव छिपे  हे l 

फु से फूल  असन गड़ी  घलो  l

शारीरिक  तंदरुस्ती बनाये बर खेल जरूरी हे l जउन खेलही  ओह ह ओकर चेहरा ह फूल असन चमकही l 

पाँव एड़ी मजबूत होथे l जाँघ  कनिहा  मजबूत होथे l पेट नई निकलय l पेट के भीतरी  सब स्वस्थ होथे l  गर्भाशय  स्वस्थ होथे l महिला मन के महत्वपूर्ण  अंग आय l उंकर जननंग के सही  स्वस्थ रहना  जरूरी हे l

कुल मिलाके फुगड़ी खेल  ले नारी मन ल लाभ  ही लाभ  होथ

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