Monday 23 September 2024

नून -बासी/लघुकथा*

 🌈🌈🌈🌈🌈

*नून -बासी/लघुकथा*

🌈🌈🌈🌈🌈


         *आज जऊन भी सेलेब्रिटी -नामी मनखे हें, वोमन म, बनेच झन मन, गांव घर म नून बासी खाके, पसिया पीके सिरझे हें।वो 'नून बासी' ल  वोमन आज भी सुमिरथें। फेर आज वो सफल मनखे मन के सफलतम नावा पीढ़ी बर ये सब अस्कट फजूल आय।*         



-

                             बेटा गनेश,  नहा -खोर के आ ! नून -बासी खा ! अउ पढ़े जा ! बड़का दाई के मुख ले ये पद हर, गीत असन निकले अउ गनेशराम के पांव मन नहाय जाय बर निकल परें । खोर -बाहर निकलतिस,तब वोकरेच कस दु -चार अउ आन संगवारी मन अपन-अपन पटकु -गमछा ल धरके ठीक अइसनहेच  कुछु -कुछु गोठ  म माते आत रहें । एकर पहिली वोमन अपन -अपन स्लेट मन म पिरसिल बत्ती ले एक कोती पाठ सात चाहे आठ के नकल अउ एक कोती बारम के पहाड़ा लिख लेय रहें ।काबर कि स्कूल के खोरु गुरु जी तो... विद्या आवे झम झम्म, म विश्वास रखईया जीव रहिन,तेकर सेथी वोमन कभू भी सांटी परे चम चम के अवसर ल नई आन देंय । एई हर वोमन के गृह कार्य रहे । येला पूरा करईया मन सुध के बुतात ल झिलर्री बर के ठाहा म चढ़ के झूलत तरिया म डाँकें, तब फिर घर आके अपन वोइच नून -बासी खाके खोरु गुरु जी के शरण म पहुँच जाँय ।


             गनेशराम अइसन नून -बासी खावत प्राइमरी ले मिडिल,तब फेर सेकंडरी स्कूल ल फलांगत लॉ कॉलेज घलव कर डारिन ।अब वोमन ल बड़ अचम्भा होय के एई जिनिस ल पढ़े बर,एई डिग्री ल पाय बर, गांधी बबा साही कतको झन मन ,सात -समुंदर पार करके विदेश गय रहिन , जउन ल वोहर घर के नून -बासी खावत, तीर के शहर म पढ़ डारिस हे।


                        आज गनेशराम तेज ,हाईकोर्ट के टॉपमोस्ट वकील आंय । कमई -धमई बने ले बने होवत हे।शहर म शहराती डिज़ाइन वाला आलीशान घर हावे । फेर आज लइका मन उँकर चौवनवा जन्मदिन मनात हांवे ।  फंक्सन होवत हे । फेर ये का होगे ! केक काटे के बेरा  म ,अतेक सुलझे हुए मनखे हाईकोर्ट के प्रबुद्ध वकील- घर के आन कोना म भाग आईंन हें अउ मुँहू छबक के लइका कस रोवत हें अपन बड़का दाई ल सुरता करत...बई ओ ! मंय तो आज नून-बासी ख़ाँहा !


           पापा भी हद कर रहे हैं आज ! अरे ,जो चीज किसी रेस्टोरेंट- डिपार्टमेंटल स्टोर में अवेलेबल नहीं है अभी,उसकी याद कर रहें हैं...उँकर बड़का बेटा कहत रहिस ।


*रामनाथ साहू*


-

No comments:

Post a Comment