Friday, 25 April 2025

मोर फूंके* --

 *मोर फूंके* -------।

       हमर जानत म पहिली के जमाना म घर के मोहाटी म लिखाय राहय 'सु-स्वागतम' बर बिहाव म आनी बानी के पेंटिंग संग लिखाय राहय "फलाना परिवार आपका हार्दिक अभिनन्दन करता है"।अऊ कखरो घर जान त मन गदगद हो जाय।अऊ घरवाला मन घलो गदगद हो जाय।कहिथे सगा भगवान बरोबर होथे कोनो ल बता के नई आय।ये बात (गोठ)अलग आय के अब सगा बता के जथे ।ये हर विज्ञान के चमत्कार आय।अऊ रात-दिन के हाय-हलो म कतिक मया बाड़ही घर के मुरगी दार बरोबर। पहिली एक ठन निबंध आय "विज्ञान वरदान है या अभिशाप "तब ओमा एक लाईन लिखन माने (यदि) कोनो मनखे चाकू ले साग भाजी कांटे ल छोड़ के अपन गोड़ हांथ ल काटही त ओमे (विज्ञान )चाकू के काय दोष (गलती)।

               अब तो जम्मो नंदावत हे कोनो -कोनो घर म अइसन पेंटिंग देखे बर मिलही। अब तो वेलकम लिखाय रहिथे।जेला गोड़ म खुंदक के जाथन। जिहां वेल ह कम रहिथे। अब तो नवा जमाना आगे घर के मोहाटी म लिखाय रहिथे "कुत्तों से सावधान"पढ़बे तेमा पोटा कांप जथे।खुदे ल चोर चिल्हाट होय के शंका होय ल धरथे।कतरो मनखे मन कुकुर सऊंक ले पालथे,कतनो मन घर के रखवारी बर अऊ कतनो मन जेकर लोग लईका नी राहय तहू मन।वैसे कुकुर मन ईमानदार होथे,फेर सब कुकुर, मनखे मन ईमानदार नी होय। कोनो ईमानदार होय के सर्टिफिकेट मिलतिस त कुकुर मन मनखे कस वहू ल बिसा लेतिस।इहां रोटी दे म कुकुर घलो बिदक जथे त मनखे कोन खेत के ढेला आय।

          वईसे सब कुकुर ऊपर बिस्वास करेके  मतलब 'जीव ल दहरा म डारना आय।कतनो कुकुर मन गोसईंया(मालिक)ल निपटा देथे।कतरो मनखे म घलो ये गुन मिलथे।इही ल कहिथे जिही पतरी म खाना उही म छेदा करना(भोंगरा करना)।कतरो झन बईगा मन कथे मोर फूंके मोर गुरु के फूंके तईसे इंखरो कांटे खबर नी खाय।

              **फकीर प्रसाद*    

                 *साहू फक्कड़*

                      ‌ *सुरगी*

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