Friday 25 December 2020

हमर जिनगी मं सिनेमा के प्रभाव -सरला शर्मा

 हमर जिनगी मं सिनेमा के प्रभाव -सरला शर्मा

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    मनसे अउ आने प्राणी मं सबले बड़े अंतर ए होथे के ओहर सीखथे अउ जनम भर सीखत रहिथे कभू सुन के, कभू पढ़ के ,त कभू देख के फेर सीखे ज्ञान के उपयोग करथे गुन , विचार करके । मिट्ठू असन रटय भर नहीं न बेंदरा असन नकल करय । सीखे के ये प्रक्रिया ल विद्वान मन कहिथें दृश्य श्रव्य शिक्षण प्रक्रिया । 

   पहिली नाटक , प्रहसन , गम्मत , नाचा ल देख के बहुत अकन बात सीखे बर मिलय फेर आइस सिनेमा सुरुआती दौर मं मूक सिनेमा रहिस फेर सवाक सिनेमा देखे बर मिलिस अब तो डिजीटल सिनेमा , टी . वी के जमाना हे । सिनेमा देख के बने , मइहन दुनों सीखे बर मिलथे जेकर जइसन रुचि । 

महूं सिनेमा देखत आवत हौं धुर लइकाई ले अब तो सबो के सुरता घलाय नइये फेर एकठन सिनेमा " कोशिश " देखे रहेवं जेला कभू भुलाए नई सकवं । संजीव कुमार हीरो अउ जया भादुड़ी ( बच्चन ) हीरोइन रहिन , दुनों झन कोंदा , कोंदी रहिन पूरा सिनेमा मं एक शब्द नई बोलिन फेर जीवंत अभिनय करे रहिन , आंखी मं भरे भाव , मुसकियावत ओंठ , हाथ के इशारा ग़जब के रहिस । पहिली दृश्य जब संजीव कुमार अपन नांव बताथे  हरियर मिर्चा ल उठा के परोसिन दादी के गोड़ मं मढ़ा देथे त दीना  पाठक हांस के कथे " हरि चरण " जगजग ले मुसकिया के मूड़ हलाथे संजीव कुमार .....। 

   दूसर दृश्य जब उनमन के लइका जनमथे दुनों के खुशी के ठिकाना नई रहय फेर लइका रोथे तेला तो उनमन सुने च नई सकयं ...नवा नवा महतारी बाप बने मनसे पेट भर डेरा जाथें के उनमन के लइका घलाय कोंदा तो नइये ? संतान के भविष्य के संसो , अपन कमी ल लइका के उपर असर तो नई परगे के डर के अनुभूति के अभिनय दुनों कलाकार के जीवन के सबले बढ़िया अभिनय कहे जा सकत हे । दौड़त हपटत डॉक्टर तीर पहुंचथें जइसने डॉक्टर समझाथे के लइका तो नॉर्मल हे, रोवत तो हे तुमन सुने नई पावत हव ओतका बेर के अभिनय महतारी बाप के संतोष , निश्चिंतता , लइका के भविष्य बर आश्वासन , डॉक्टर बर कृतज्ञता एके संग दुनों के आंखी मं झिलमिलाए लगथे । 

   कहानी आघू बढ़थे ...सिनेमा पूरा होथे फेर संजीव कुमार , जया भादुड़ी के अभिनय ल कभू भुलाये नई जा सकय त सिनेमा के कथानक , मूक बधिर मन के समस्या , समाज मं अइसन मनसे मन ल सनमान सहित स्वीकार करे के शिक्षा ...अद्भुत हे । इही सबके सेतिर  मैं कोशिश सिनेमा ल कभू भुलाए नई सकंव । 

   लोकाक्षर मंच ल धन्यवाद कि अइसन अनूठा विषय उपर लिखे के मौका मिलिस हे । 

सरला शर्मा

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