छत्तीसगढ़ी मा सार्वनामिक विभक्ति
: *उत्तम पुरुष मैं के एकवचन अउ बहुवचन रूप*
*कारकचिन्ह * *एकवचन* *बहुवचन*
कर्ता-मैं, मही । हम हमन
कर्म-मोला,हम ला।हमन ला,हमू मन ला
करण-मोर ले। हमर ले, हमर मन ले
सम्प्रदान-मोर बर । हमर बर, हमर मन बर
अपादान-मोर ले ।हमर ले, हमर मन ले
संबंध-मोर मोरे, मोरे। हमर हमरे, हमार
अधिकरण-मोर में मोर ऊपर । हमर में, हमर ऊपर
शोभामोहन श्रीवास्तव
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*मध्यम पुरुष तैं (छ.ग.)के कारण रचना रूप*
*कारकचिन्ह**एकवचन**बहुवचन*
कर्ता-तैं तैंहर । तुमन तुमन हर/तुमन हा।
कर्म-तोला, तुही । तुमन ला,तुहू मन ला।
करण-तोर ले। तुँहर ले, तुँहर मन ले।
सम्प्रदान-तोर बर । तुँहर बर, तुँहर मन बर।
अपादान-तोर ले । तुँहर ले, तुँहर मन ले।
संबंध-तोर, तोरे। तुँहर तुँहरे, तुम्हार, तुँहार
अधिकरण-तोरर में तोर ऊपर । तुँहर में, तुँहर ऊपर
शोभामोहन श्रीवास्तव
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: *निश्चयवाचक सर्वनाम *यह* (छ.ग.)के कारक रचना रूप*
*कारकचिन्ह* *एकवचन* *बहुवचन*
कर्ता-ये, येहर, यही। येमन इही मन, यही मन।
कर्म-येला । ये मन ला, यही मन ला।
करण-येकर ले। येकर मन ले।
सम्प्रदान-येकर बर । येकर बर, येकर मन बर।
अपादान-येकर ले । येकर मन ले।
संबंध-येकर । येकर मन के, येकरे
अधिकरण-येमा, येकर ऊपर । येकर में, येकर ऊपर
शोभामोहन श्रीवास्तव
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शोभमोहन श्रीवास्तव: *अन्य पुरुष वो (छ.ग.)के कारक रचना रूप*
*कारकचिन्ह* *एकवचन* *बहुवचन*
कर्ता-वो वोहर, वही। वोमन उही मन।
कर्म-वोला । वो मन ला, उही मन ला।
करण-वोकर ले। उँकर मन ले।
सम्प्रदान-वोकर बर । उँकर बर, उँकर मन बर।
अपादान-वोकर ले । उँकर मन ले।
संबंध-वोकर । उँकर मन के, उँकरे।
अधिकरण-वोमा, वोकर ऊपर । उँकर में, उँकर ऊपर।
शोभामोहन श्रीवास्तव
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