Thursday, 9 January 2025

लघुकथा - " अपील "

 लघुकथा -

      "  अपील "

 

 "हमर आप मन से निवेदन हे कल जरूर अपन सहयोग राशि लेके निश्चित रूप आहूl काली आंदोलन के रुपरेखा  बनाबो lआज के बैठक ला इही मेऱ समाप्त करत हन l " उद्घोषक अतका कहिके सभा ला खतम कर दीस l सभा उसलगे lसब अपन -अपन घर जाये ला धर लीस l गनपत कहिथे -" महिला मन ल आघू  लावव के बात म मनटोरा के बात ला काट दीस सभापति ह l " सुधु पूछिस -

"का बात ला?"

मनटोरा कहत रहिस आघू आथे महिला मन तेन ला पूरा जानबे नइ करय सुनबे नइ करय ओकर गोठ ला l अब जान डरेन कहिके ताली बजवा देथे l" 

"उहू मन तो पूरा बात ला रखे नहीं l पूछ के बताबो कहि देथे l

पूछे के का बात हे? काला पूछही l "

" दारू पीना बंद करो कहे ले काम नइ चलय l पीने वाला ला घर ले बाहिर करो l बाहिर करही त तो l"

" कोन महिला अइसन कर सकत हे, अउ कतका झन ओला साथ दिही, तंही बता l अउ अइसन होही त  ओकर का गत होही l "

" त महिला मन आघू कभू आ नइ सकय l"

'अघुवाही तेन ला का कहि जानथस?

" बताना? "

" फर्जण्ड l कोनो महिला एला सून नइ सकय l"

सुधु अपन बात ला रखिस -" त फ़ेर आंदोलन कइसे चलही l जतके महिला मन के भीड़ रही 

तभे दारू भट्टी बंद होही l दारू पीने वाला मन के घर ले  महिला मन आहे हे, कहत बनही l "

गनपत कहिस -" पीने वाला ल रोका जाय  घर अउ बाहर l "

सुधु -" भइगे  अइसने एती ओती के गोठ हे भैया l राजनीति करने वाला के धंधा हे अउ झंडा हे l  पीने वाला मन मरय झन कहिके  सरकार भट्टी चलावत हे l महिला मन ला सड़क म लाके बेइज्जती झन करवाव l अपन -अपन घर म समझाये के तरीका अपनाव l उही बने हे l  समाज मन रद्दा निकालय l "

"महिला मन के सम्मान  करव जेकर घर म नइ चलय दारू पानी l" 

"वाह! काली अइसने बात रखे बर भउजी ला भेज बे l"

" तैं भेजबे ग तुंहर इंहा जादा पढ़े लिखे हे l"

" जूता मरवाबे का? मोर इंहा सुनय नहीं चप्पल जूता ला देखाथे l  अइसन भीड़ म नइ आवय l "

सुधु हँसत तब आंदोलन सफल होगे... I "


मुरारी लाल साव 

कुम्हारी

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