Thursday 24 June 2021

चिट्ठी पाती

 चिट्ठी पाती


💐श्री गणेशाय नमः💐

                        शुभ जगहा-पलारी

                        तारीख २३/०६/२०२१

मयारुक संगवारी

       जय राम जी की🙏


           लिखना समाचार मालूम हो कि मँय इहाँ भगवान के किरपा ले आनंद कुशल हँव अउ घर म सबझन बने बने हें। हाँसी-खुशी ले मजा मजा म हवय। आशा करत हँव कि उहाँ आपो मन उहाँ आनंद कुशल ले होहू। 

         आगू समाचार मालूम होवय कि हमर कोति नवटप्पा के बीते पाछू सरलग पानी गिरे ले आगी बरसावत गरमी के नाँव बुतागे हवय। कूलर आराम फरमावत हे। पँखा मच्छर भगाय के बूता जादा करत हे। 

       बादर महराज के पहुनई म खेती खार गजमज गजमज करे धर लिस। नँगरिहा मन - 'मोर खेती खार रुमझुम मन भँवरा नाचे झूम झूम.....' गावत झूमरे लगत हे। त कतको मन खिसा म धरे मोबाइल ले गीत के आनंद लेवत हें।

           ए अलगे बात आय कि अब आगू जइसे किसानी नइ होवत हे। खेती किसानी बइला नाँगर ले कमतिया गेहे। सबो टेक्टर ले बूता कराना पसंद करत हें। चार दिन के बूता दूए दिन म निपट जात हवै। हरर हरर के कमई के दिन बीतगे। विज्ञान के मिले बरदान ले सबो ल आराम हे। असो एक ठन फरक देखे ल मिलत हवय। पहिली कस सँझा के बेरा गुड़ी चउँक म बइठइया मन के कमी होगे हे। बइरी कोरोना के आय ले सबो घरखुसरा बनगे हे। कखरो तिर मन भर हाँस के गोठियाय अउ दुख पीरा बाँटे बर समे नइ रहिगे हे। सबो डर्रात हे। डर्राना जरूरी घलव हे। आखिर जिनगी के सवाल जउन हे। गाँव भर उमहियाके धान बो डरे हे। सोलाआना बाउँत होगे हवय। दस बारा दिन ले सूरूज देवता के दर्शन नइ होत रहिस हे।  तरिया के मन दू मन अगरा गे हे। बोरिंग अउ कुआँ ल नवा जिनगी मिलगे हे। पेड़ पउधा मन  उल्हवा पाना ले सजगे हे। धरती दाई ह हरियर सँवागा म सबके मन ल हरसावत हे। बम्बरी ह सोनहा फूल ल धरे बरसा के स्वागत म खड़े हे, त कोयली ह अपन मीठ बोली ले करिया करिया बादर ल रिझावत हे। ए सब ल देख के मोर का सबो के हिरदे गदगद हो जात हे। कालीच के बात आय लक्ष्य ह अपन महतारी ले बरसत पानी म काग़ज के डोंगा बना गली म बोहावत पानी म के चलाहूँ कहिके जिद करत रहिस। ओकर जिद ले हमर लइकापन के सुरता आगे। ...तब गाँव मन म गली कँक्रीटीकरण नइ होय रहिस। माड़ी भर चिखला म रेंगन। तरिया अउ खेत के मेड़ पार आवत जावत कतको बेर बिछल के उतान गिर जवत रहेन। संगी साथी ल गिरत देख कभू हँसी मजाक करन तव कभू दुखी घलव हो जवत रहेन। एके छाता ल दू तीन झन सँगवारी ओढ़के रेंगन। प्राइमरी पढ़त राहन त चूमड़ी ल मोड़के कमपापड़(झिल्ली) के ओढ़नी कस बना ओढ़के स्कूल जान। कतिक मजा आत रहिस। चउमास के चार महीना गली म चप्पल पहिनबे नइ करत रहेंन। पानी थोरकिन थिरातिस तहाँ चिखला माटी खेलन। नाली बनावन अउ डोंगा चलावन। अब कँक्रीटीकरण के होय ले चिखला माटी खेले के मउका नइ मिलय।

        अभी लगातार तीन दिन होगे, संझौती बेरा बादर ह अपन किरपा करत हे। बाउँत पंदरही होय ले धान के नकसानी ल बचाय खातिर गाँव म गरवा मन के रोका छेंका बर बइठका सकेलाय रहिस अउ रखवार के बेवस्था घलव होगिस। 

       पड़ोसी गाँव कौड़िया म नवयुवक संगी मन डाहर ले पड़ती भुइँया म पौधारोपण के उदिम होवत हे। जउन पर्यावरण के सुरक्षा बर सराहे के लइक हे। एकर चर्चा जिला भर म जोर शोर ले होवत हे। ए एक अभियान के रूप ले ले हे। 

         कोरोना काल म सबके बया भुलागे हवय। बेवसाय मन पटरी म लहुटे नइ हे। अइसन म रायपुर शहर म परिवार सहित रहना बड़ मुश्किल के बात आय। अभियो सावचेत ले रहे के जरूरत हवय।अउ हाँ टीका खच्चित करके लगवा लेहू। कहूँ काम धंधा बरोबर नइ चलत होही त गाँव आके खेती किसानी म चेत लगातेव। अउ पूरा परिवार एके जगा रहितेव अइसे मोर सुझाव हे। जादा अउ का लिखँव, आप खुद समझदार हव। 

      चिट्ठी पातेच खानी गाँव लहुटे के खुशखबरी देहू के आशा बाँधे हँव।

          तोर संगवारी

      पोखन लाल जायसवाल

पठारीडीह वाले

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भेजइया--

पोखन लाल जायसवाल

पलारी बलौदाबाजार छग. ४९३२२८

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         प्रति,

                भुवन सिंह कमल

 मोवा मार्केट चउँक रायपुर छग. ४९२००१

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