Tuesday 8 February 2022

खिख लइका*

 *खिख लइका*


  राजा देवा नगर भ्रमण कर घर आथे त देखथे उनकर रानी देवंतिन हर अपन बेटी ल आ मोर सोना बेटी अउ बेटा ल आ मोर हीरा बेटा कहिके बलाथे त राजा हर कहिथे ,कस रानी! तोर लइका मन हीरा - सोना ए त बाकी के मन का ए? त रानी कहिथे बाकी के मन 'खिख' ए | राजा कहिस अइसन बात ए रानी त चला पता करथन की बाकी के मन,,,,,

        राजा हर दूसर दिन कोतवाल ल बुलावा भेज सरि राज्य म मुनियादी करवा दिस की राजा के आदेस हे राज्य के सब जनता मन चौराहा भाठा म  'खिख लइका ' देखे बर सकलावत जावा हो,,,,, 

      कोतवाल के हाँका सुन सब मनखे मुंही के मुंहा गोठियावत चला तो कइसना 'खिख लइका ' होथे देखबो कहिके सब सकलाय लगिन| सब परिवार सहित आवत गिन बड़हरहा,गऊंटिया,गरिबहा,मंगइया|ओर -ओर अपन -अपन जहुंरिया करा बइठल गिन सब पूछे लगिन कहाँ हे 'खिख लइका' कब आही देखतेन हमुमन कहिके त राजा कहिस आवत हे ओकरो करा नेवता भेज दे हंव कहत राजा ओरी-ओर सबके लइका मन ल देख जाथे त आखरी छोर म एक झन मंगइया निच्चट कारी अउ ओकर लइका हर घलो भीम करिया आँखी अउ दाँत भर ह जुगुर-जुगुर दिखत राहय अउ नाक ले निकले रेमट हर हरियर- हरियर मुंह ल छुवत राहय तेला लइका हर लुबुर- लुबुर कर जीभ म चाटत राहय त राजा लइका करा पुछिस बाबू तँय का करे आय हस ग? त लइका फट ले कहिस 'खिख लइका'देखे | फेर राजा ओकर महतारी करा पुछिस कस दाई तोरलइका कइसने हे ?त ओ हर कहिस मोर हीरा बेटा ल कहे राजा साहब बड़ सुग्घर हे मोर सोन चिरइया ह|फेर ओ लइका ल बीच म खड़ा कर कहिस लेवा देखा 'खिख,,,,,'ल जी सब देख हांसे लगिन त लइका के दाई हर कहिस काबर हांसथव सब झन मोर बेटा ल देख के ?अतेक सुग्घर मोर सोन चिरइया मोर हीरा सरिख बेटा ल तुमन नजर मत लगावा |त देखइया मन कहिन देखत हव हो नाक -मुंह के ठऊका नइ हे बंदन के खइता |तेला हीरा, सोना, राजा बेटा कहत हे|


फेर राजा रानी कोती ल देखत कहिस देखे रानी मिलिस जवाब की कोनो के लइका हर 'खिख' नइ होय| सब बर सब के लइका हर राजा, हीरा, सोना होथे| सब अपन -अपन घर चल दिन राजा-रानी महल|


पार्वती वैष्णव 

तिल्दा, रायपुर(छत्तीसगढ़)

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