Tuesday 8 February 2022

छत्तीसगढ़ अउ सुर सम्राज्ञी लता मंगेसकर जी



 

छत्तीसगढ़ अउ सुर सम्राज्ञी लता मंगेसकर जी


             भारत रत्न स्वर कोकिल लता मंगेसकर के गाये गीत छत्तीसगढ़ के कण कण अउ छत्तीसगढ़िया मनके रग रग मा रचे बसे हे। ऊँखर सुमधुर गीत बिन हम सबके एको दिन नइ बुलके। साँझ सुबे हम सबके रेडियो, टीवी, टेपरीकॉर्डर अउ मोबाइल मा लता जी के गीत बजते रथे। लता जी के गीत के हर कोई दीवाना हे। हमर राज के कतको गायक गायिका मन उन ला  आदर्श मान के गीत गाये बर साधना करिन अउ अभो कतको मन करत हे। जब लता जी ला संगीत अउ कला महाविश्वविद्यालय खैरागढ़, डी लीट के उपाधि ले नवाजे बर आमन्त्रित करे रिहिस, ता बछर 1980 मा लता जी के पावन पाँव हमर छत्तीसगढ़ के माटी मा पड़े रिहिस। वो समय छत्तीसगढ़ के सबे कलाकार अउ गीतकार मन उंखर पावन आशीष पाय रिहिन। लता जी ला भोजन परोसे बर अनुराग ठाकुर, ममता चन्द्राकर, कविता वासनिक जइसे छत्तीसगढ़ के उभरत गायिका मन लगे रिहिन, अउ उंखरे आशीष आय जेन ये तीनो हस्ती मन छत्तीसगढ़ के सुर सम्राज्ञी बन गिन। पदम् श्री ममता चन्द्राकर जी तो लता जी ला छत्तीसगढ़ के खास व्यंजन कढ़ी घलो खवाये रिहिन। छत्तीसगढ़ के स्वर कोकिल कविता वासनिक जी वो समय के सुरता करत बताथें कि खुमान साव जी के साथ जब वो खैरागढ़ लता जी ले मिले बर गे रिहिस ता, लता दीदी किस सुर साज मिलही कहि, एक ठन गुलाब जामुन ला लता जी अउ वासनिक जी मन आधा आधा खाये रिहिन। सुनब मा आथे की लता जी वो समय सुमधुर, मनभावन मराठी गीत मोगरा फुलला के कुछ पंक्ति गुनगुनाये रिहिन। वइसे तो कतको छत्तीगढ़िया मन मुम्बई मा जाके लता जी के दर्शन अउ आशीष पाते रिहिन, फेर खैरागढ़ मा छत्तीसगढ़ के संगीतकार खुमान साव, कल्याण सेन सहित कतको गीतकार, कलाकार,गायक गायिका अउ जन समुदाय मन सुर के देवी के साक्षात दर्शन करे रिहिन। छत्तीसगढ़ वासी मनके मया दुलार पाके लता दीदी गदगद होगे रिहिन।

                   राज निर्माण के पहली वइसे तो ज्यादा छत्तीसगढ़ी फ़िल्म नइ बने हे, फेर कहि देबे सन्देश के एक गीत *बिहनिया के उगत सुरुज देवता* ला गाये बर गीतकार संगीतकार मन लता जी ला निवेदन करे रिहिन, फेर लता जी के व्यस्तता अउ फिल्मकार मनके बजट नइ बइठ पाइस, ते पाय के लता जी ये गीत ला स्वर नइ दिन। फेर राज निर्माण के बाद बछर 2005 मा, भकला फिलिम मा स्वर कोकिल  लता जी,एक गीत गाइन, जे हम सब छत्तीगढ़िया मन बर गरब जे बात आय। आजो उंखर गाये गीत- *छूट जाही अंगना अटारी, छुटही भैया के दुवारी* खूब गाये अउ सुने जाथे। ये एक विदाई गीत आय। ये गीत ला लता जी ले गवाये बर गीतकार मदन शर्मा जी मन कतको बेर अनुनय विनय करत आखिर मा उपवास घलो रखे रिहिन। संगीतकार कल्याण सेन जी मन घलो बड़ कोशिश करे रिहिन। गीत ला गाये के एवज मा लता जी हा तय न्यूनतम रुपिया 50000 के सब ला मिठाई बाँटे बर मदन शर्मा जी ला कहि दे रिहिन। 36 भाषा मा 50000 ले जादा गीत गवइया लता जी के मुखारबिंद ले निकले स्वर, छत्तीसगढ़ी भाषा मा घलो गाये गीत के प्रमाण बन गिन।

2007 मा पर्यटन विभाग बर निर्मित डाक्यूमेंट्री फिल्म "महानदी के किनारे" के थीम सांग ला घलो लता जी मन स्वर मा पिरोये रिहिन। राज्य स्थापना दिवस बर कई  पँइत लता जी छत्तीसगढ़ आये बर हामी भरे रिहिन, फेर स्वास्थगत कारण ले नइ पहुँच सकिन। भले लता जी तन छोड़ परलोक गमन कर गिन, पर उंखर सुरता अउ गीत जब तक ये धरती के अस्तित्व रही तब तक यथावत रही। छत्तीसगढ़ सरकार लता जी ला श्रद्धांजलि देवत दू दिन के राजकीय शोक के घोषणा करे हे। सुर सम्राज्ञी लता जी ला शत शत नमन।


जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"

बाल्को,कोरबा(छग)

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