Sunday 7 February 2021

विरोध*-रामकुमार चन्द्रवंसी

 *विरोध*-रामकुमार चन्द्रवंसी


विरोध मनखे ल कभू ऊँचा उठा देथे,त कभू खाल्हे घलो गिरा देथे।जब मनखे परहित बर विरोध करथे, तब मनखे के मान बढ़ जथे,अउ खुद के सुवारथ बर विरोध करथे तब मान घटथे। हम ला चाही कि हम सोच-समझ के कोई मनखे या ओकर विचार के विरोध करन।

        संसार मा हर मनखे ले हम ला कुछ न कुछ जाने सुने अउ सीखे बर जरूर मिलथे।चाहे बैरी होवय या मीत। सीख देवइया कोई होवय,जरूर सीख लेना चाही।कोई मनखे ल अपन विरोधी मान के ओकर हर बात के विरोध करना अपनेच पाँव मा टंगिया मारे के समान हे। नीत या गियान के बात बोलइया भले बैरी होवय,बने बात के समर्थन जरूर करना चाही।      

         मनखे ल गलती के पुतला कहे जाथे, लाख बने करे के कोशिश करे,पर कभू न कभू गलती होइच जथे।बने मनखे अपन गलती के विरोध होये मा विचार करथे,कहाँ गलती होइस सुधार करथे, जिद्दी अकड़थे।

           सोच के आधार मा विरोध के दू प्रकार होथे।एक सकारात्मक अउ दूसरा नकारात्मक।जब कोई मनखे गलती करे ल लगथे,तब वोला रोके बर विरोध होथे, वोला सकारात्मक विरोध कहे जाथे। सकारात्मक विरोध ले गलती करइया हर गलती करे ले बच जथे।

          नकारात्मक विरोध वोला कहिथे,जब कोई मनखे बने काम करत रहिथे,पर बने करइया मनखे ले नइ पटे के कारण होवत बने काम ल रोके बर विरोध होथे। नकारात्मक विरोध समाज बर कलंक हे।

         काम के आधार मा घलो विरोध दू प्रकार के होथे।अहिंसात्मक अउ हिंसात्मक। जब कोई गलत काम के विरोध कोनो ल नुकसान पहुँचाय बिना शांति पूर्वक करथे,तब वोला अहिंसात्मक विरोध कहे जाथे। शान्ति पूर्वक रैली निकाल के विरोध करना,करिया पट्टी लगाके काम करना,अहिंसात्मक विरोध के उदाहरण आवय। हिंसात्मक विरोध वोला कहिथे,जेकर ले जन धन के बड़ नुकसान होथे।

काकरो मोटर-गाड़ी ल जलाना, रेलगाड़ी के पटरी उखाड़ना, मार-पीट करना, हिंसात्मक विरोध आवय।हिंसात्मक विरोध हर मनखे के परान ल घलो  ले लेथे।हिंसात्मक विरोध ले बैर बाढ़थे।एकर ले सदा बच के रहना चाही।

           अनीत करइया मनखे ल नीत के रद्दा मा रेंगाये बर विरोध धरम होथे।अपन सुवारथ बर विरोध करना, काकरो गलत काम के विरोध नइ करना पाप होथे। हम ला सदा सकारात्मक विरोध करना चाही,नकारात्मक नहीं।


            राम कुमार चन्द्रवंशी

            बेलरगोंदी (छुरिया)

            जिला-राजनांदगाँव

            9179798316

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