Sunday 7 February 2021

छत्तीसगढ़ राज भाषा आयोग - छत्तीसगढ़िया मन बर लॉलीपॉप

 छत्तीसगढ़ राज भाषा आयोग - छत्तीसगढ़िया मन बर लॉलीपॉप 


जब कोनो के संस्था के नाम ल सुनथन तब ओकर ले ओकर काम अउ बेवहार के बारे मा अनुमान लगाथन। ओकर उद्देश्य के बारे मा परतीत करथन। जब छत्तीसगढ़ राज भाषा आयोग कहिथन, तब मन मा सवाल उठथे, छत्तीसगढ़ राज के कोन भाखा बर ये आयोग हरे? छत्तीसगढ़ मा तो गजब अकन भाखा हे, अउ आज तक छत्तीसगढ़ के  राज भाषा  तो हिंदी रहिस हे।  किसिम-किसिम मन मा बिकल्प आथे। छत्तीसगढ़ राज भाषा काबर होइस? छत्तीसगढ़ी राज भाखा काबर नइ होइस?

 जब ये बात ला बने किसम ले खोधियाथन, तब आयोग के नाम गढ़इय्या मनखे मन के नीयत मा सवाल उठथे। सही मायने मा ये कहे जाय कि उनकर मन न छत्तीसगढ़ के माटी बर का मान हे अउर न तो छत्तीसगढ़ी भाखा बर? सोझ कहे जाय तब  छत्तीसगढ़ अउ छत्तीसगढ़िया  हर तो उनकर मन बर सुवारथ सिद्ध करे के माध्यम आय। 

छत्तीसगढ़ राज भाषा आयोग ले प्रशासनिक शब्दकोश बने हे,  ओकर भूमिका मा लिखे गे हे , "छत्तीसगढ़ी हर दूसर राज भाषा आय।" मतलब छत्तीसगढ़ मा छत्तीसगढ़ी दोयम दर्जा मा हे। अउ कोनो भाखा जब तक दोयम दर्जा मा रहही तब तक ओकर बिकास नइ हो सके। 

'छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया' ये नारा हर छत्तीसगढ़िया मन बर लॉलीपॉप आय। ये नारा हर छत्तीसगढ़िया मन ला भुलियारे बर गढ़े गे हे। छत्तीसगढ़,  छत्तीसगढ़ी अउ छत्तीसगढ़िया वोट बैंक आय। इही किसम ले राज भाषा आयोग हर भुलियारे बर बनाय गे हे। 

राज भाषा आयोग के काम-काज के हम थोरिक बने ढंग ले बिस्लेस्न करबो तब हम एक सादा हाथी ह

अस सुग्घर सोभायमान दिखथे। देख के मन खुश हो जाथे। साल मा दू ठन आयोजन होथे जेमा जाके ठेठरी -खुरमी, खेड़हा, जिमीकांदा खा के मन गुदगुदा जाथे,  हम मन छत्तीसगढ़िया आना। अउ ये हर हमर अस्मिता के आय , राज भाषा आयोग। 


-बलदाऊ राम साहू

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