Thursday 10 November 2022

मोर गांव-टेंगनाबासा*

 *मोर गांव-टेंगनाबासा*


छत्तीसगढ़ के प्रयागराज राजिम ले 45 किमी दूरिहा मा हवै छुरा।जे हा कभू बिन्द्रानवागढ़ जमींदारी के मुख्यालय रिहिस।आज ओला विकास खंड मुख्यालय के दर्जा मिलगे हवै।उंहे ले 2 किमी में बसे हवै मोर गांव टेंगनाबासा।जेमा लगभग 150 छानही के घर कुरिया हवै।

गांव आर्थिक रूप ले संपन्न हवै। ज्यादातर मनखे किसानी अउ मिस्त्री बुता ले जुड़े हवै।हमर गांव ला भगवान विश्वकर्मा के गोद के उपमा घलो देये जा सकथे काबर कि हमर गांव में घरो घर मकान निर्माण से जुड़े राजमिस्त्री,बढ़ई,पेंटर अउ मार्बल मिस्त्री हवै।

जातिगत आधार ले गांव ला देखबो त हमर गांव कलार अउ गोंड जाति बाहुल्य गांव हरे।केंवट,बाम्हन,मुसलमान,राजपूत,राउत अउ ठेठवार जाति के मनखे एके दू घर के हे।सबले विचित्र बात ये हरे कि हमर एतराब में हमरे गांव एक ऐसे गांव हरे जिंहा साहू जाति के परिवार नी बसे हे।एकर बारे मा सियान मन बताथे कि हमर गांव में साहू जाति के परिवार नइ नांदे।तेकर सेती आज तक कोनो नइ बसिन।जबकि हमर परोसी गांव हा साहू बाहुल्य बस्ती आय।

गांव के नामकरण के पाछू गांव के आराध्य देवी टेंगनही माता के नाम हावै।जेकर बारे मा कथा कंथली मा बताथे कि माता टेंगनही हा(जेन गांव ले 8 किमी दूरिहा मा डोंगर ऊपर बिराजित हे) स्नान खातिर हमर गांव के सरार मा आवै अउ कुछ समय वास घलो करे।तेकर सेती टेंगनही वास हा धीरलगहा टेंगनाबासा होगे।कुछ मन के कहिना के जेन सरार मा माता स्नान करे ओमा पहिली अबड टेंगना मछरी राहय।माने सरार में टेंगना के बासा रहै तेकर सेती टेंगनाबासा होगे।खैर,कथा कंथली दंतकथा होथे जेला प्रमाणिक नइ माने जा सकै।फेर ठोस आधार जरुर रथे अइसन कथा के पाछू।जेन सरार के चर्चा करे हवंव वो सरार आज घलो हवै।जेकर खंड़ मा शीतला दाई अउ टेंगनही दाई के देवाला बने हवै।

हमर गांव मा एके जघा गौरा चौंरा अउ एक जघा दुर्गा बइठारथे।जे हा गांव के सुमता के चिन्हारी आय।देवारी के समे मातर महोत्सव बड़ धूमधाम से मनाय जाथे जेमा छत्तीसगढ़ के नामही लोकमंच मन के प्रस्तुति होथे।हर बछर मानसगान प्रतियोगिता घलो होथे। गांव मा भगवान राधाकृष्ण अउ गोंड़ समाज द्वारा स्थापित शिव मंदिर है। कृष्ण जन्माष्टमी के तिहार घलो उछाह के संग मनाय जाथे।गांव में मानस मंडली अउ राऊत नाचा दल घलो हवै।


रीझे यादव

टेंगनाबासा(छुरा)

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