*छत्तीसगढ़ी ल पोठ करे बर* *समाचार पत्र के का भूमिका होना चाही*
छत्तीसगढ़ के सबो समाचारपत्र - पत्रिका मन के छत्तीसगढ़ी भाषा बर वर्तमान सोच लइका भुलियारे असन हे|
कोन्हों के प्रयास हर पूर्ण समर्पण के ओर नइ हे| परिवर्तन प्रकृति के मूल नियम हे| अउ *ए दिशा म आगर ल कोन कहय छपछप प्रयास तको नइ होय हे|*
जब तक कोनो बोली भाषा ल राजकीय संरक्षण नइ मिलही वोखर विकास नइ हो सकय|
समाचार पत्र मन प्रमुख सचेतक माने जाथे| और समस्या के निवारक मन के ध्यान खिचइया और मनखे समाज ल रददा देखइया , पाहरा देवइया आए | *कतकोन अखबार मन और उंकर समाचार मन घलो छपे के पहिलीच बिक जाथे* |
थोकन पाछू इतिहास डहर नँजर किंदराय म पता चलथे के आजादी के समर म एक शब्द अंग्रेजी सरकार के विरोध म लिखदे जावय तव पुरा देश म क्रांति के लहर दौड़ जाय| कतकोन क्रांतिकारी पैदा हो जावँय| अँगरेज मन रातों रात छापा मार के प्रेस ल सीलबंद कर देवँय | तव एखर प्रभाव सभो क्षेत्र म होवय | केसरी म छपे, लिखे लेख के कारन पं. माधव राव सप्रे जी ल जेल जायबर परगे | पंडित सुंदर लाल शर्मा जी जेल पत्रिका हस्तलिखित श्री कृष्ण स्थली नाव के माध्यम ले आंदोलन अउ क्रांति के संदेश आम जन तक पहुँचाइन| पं माखन लाल चदतुर्वेदी जी के पुष्प के अभिलाषा जब छपीस तव
जघह - जगह जुलुस और मार्च निकाल के सुराज बर आंदोलन करिन| चतुर्वेदी जी ल जेल म बंद कर दे गइस|अभो दैनिक समस्या के अंबार हे,भरमार हे| फेर छत्तीसगढ़ी म छपे समाचार ल आइकान , सेलीब्रिटी अउ माडल के जरुरत नइ हे |
एखर बर इहाँ के पुरखा और लोक नायक मन के इतिहास और गौरव गाथा मन काफी हे| जरुरत हे तव ईमानदारी के संग छत्तीसगढ़ी भाषा ल स्थान देना हवे|
छत्तीसगढ़ म जन्मे अउ पढ़ेबले पत्रकारिता के बारे म जनारो होए, जरुरत हावय ए क्रम म चंदुलाल चंद्राकर जी के पत्राकारिता के बारे म जानन,परम श्रदधेय चंदुलाल चंद्राकर जी दूसरइया विश्वयुद्ध के समय ले पत्रकारिता के शुरुआत करिन| युद्ध के बीच म घुस जावँय, अपन जीव ल जोखिम म डार के समाचार कवर करँय| लगभग सबो देश के यात्रा करत उन सुग्घर रपट देवँय| उमन अपन अंचल के घलो घातेच मया करँय| गाँव के समस्या अउ माँग ल प्रमुखता ले उजागर करँय| सन1945 ले 1980तक पत्रकारिता के रणभूमि म खूब लहू बहाइन| सरलग नौ ओलंपिक खेल अउ तीन एशियाई खेल महाकुंभ के रिपोर्टिग करिन|उन दैनिक हिंदुस्तान के संपादक रहिन| देश के बहुत अकन समाचार पत्र - पत्रिका मन बर आलेख लिखँय|अइसन उदिम करे ले कोनो भाषा हर जनमन तक कइसे नइ पहुँचही | के उंखर आवाज नइ बनही| काबर भाषा के विकास नइ होही|
अइसन समर्पित अउ जुझारु रिपोर्टर छत्तीसगढ़ी समाचार पत्र मन खातिर घलो होना चाही| जउन हर बस्तर के बीहड़ अबूझमाड़ ले घलो समाचार ला सकँय , ज्वलंत मुद्दा ल छत्तीसगढ़ी म लिख सकँय छाप सकँय| समाचार पत्रिका के भी पन्ना मन आने समाचार पत्र पत्रिका मन कस गुढ़ मेटर के संग आकर्षक रहँय| शीर्षक रंगीन रहँय| छत्तीसगढ़ी लोकोक्ति, मुहावरा ले संत-महापुरुष मन के वाणी ले सुसज्जित रहय|
*संपादक मंडल म छत्तीसगढ़िया परम्परा, संस्कृति , अस्मिता के बुधियार विज्ञ ,विभूति, साहित्यकार मन रहँय|उंकर सम्पादन ले निखरे भाव - विचार* *हर जनमानस तक जावय* | *छत्तीसगढ़िया गद्यागत्मक शैली के संग सबो किसम के समाचार देश -विदेश, अपन राज अउ क्षेत्र - परिक्षेत्र विशेष के संकलन राहय| लोक* *संस्कृति, लोक साहित्य, लोक कला के संग बाल गीत कविता कहानी ले सजे रहय|*
फिल्म जगत छालीवुड, बालीवुड के थोकन चटक मसाला भी रहय | पढ़इयामन बर छत्तीसगढ़ी म नायक - नायिका मन के कहनी भी रहय|
*अभी समाचार पत्र मन के रुख ल देखबे तव अइसे लगथे जना- मना छत्तीसगढ़ी भाषा बर उपकार करत हें| कोने भी पत्रिका मन सरलग एक सप्ताह ,एक दू पन्ना घलो नइ छापँय| विशेषांक छापथें| सबो पत्रिका के संपादक मन ले अनुरोध हे कम से कम दू पृष्ठ रोज छापँय| सप्ताह में तीन दिन छत्तीसगढ़ी विशेषांक छापँय| हो सके तव विशुद्ध छत्तीसगढ़ी दैनिक छपय|*
फेर ए समाचार पत्र-पत्रिका मन के संपादक मन के घलो खियाल राखे ल परही| छपाई खाना बड़ माहँगी अउ जोगसन के जिनीस होथे|
" *सब जाने हीरे - हीरा अपन होय जनाथे दुख पीरा* "
फेर इहू बात के धियान होय के समाचार का जिनिस हर बनय, परमुख शीर्षक ,कउन पन्ना म छपे कतका अंक प्रकाशन म आवय|
परदेश म बगराय के जिम्मे दारी हर सुनिश्चित रहय| छत्तीसगढ़ी रिपोर्टर हर ब्लाक जिला म होय| पाठक मन तक छत्तीसगढ़ी समाचार पत्र - पत्रिका मन सही समय अउ सही स्थान म पहुँचय| स्कूल - कालेज के विद्यार्थी मन ल पुस्तकालय म सरलता अउ सहजता ले उपलब्ध होवय| ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका, नगरनिगम और जिला पंचायत मन के काम- काज के जानकारी,विज्ञापन ,के कारज बर
छत्तीसगढ़ी भाखा म लिखाय मेटर, हर समाचार पत्रिका मनबर उपयोगी हो सकत हे | ए सब सरकारी कार्यालय मन ल अनिवार्य कर दे जावय के छत्तीसगढ़ी पत्रिका जरुर मँगावँय, समय निकाल पढँय और व्यवहार करँय| काबर के सबो संस्था के हितग्राही और ग्राहक छत्तीसगढ़िया हावें| मूल भावना ल प्रोत्साहन मिलही तव सब किसानन मन घलो अपन खातू - माटी,खेती -किसानी के सरकारी योजना के बात ,जानकारी और समस्या ल खोज के पढ़ सकत हें| कहे के मतलब हे सबो किसम के आर्थिक और रोजगार मूलक तथ्य मन ल शामील करे ले छत्तीसगढ़ी भाखा के बढ़वार बर समाचार पत्र मनके महती भूमिका हो सकत हे|
अश्वनी कोसरे कवर्धा कबीरधाम
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