Tuesday 21 September 2021

छत्तीसगढ़ी ल पोठ करे बर समाचार पत्र के भूमिका का होना चाही?*

 *छत्तीसगढ़ी ल पोठ करे बर समाचार पत्र के भूमिका का होना चाही?* 

      पोखन लाल जायसवाल


         आज सरी दुनिया मोबाइल अउ कम्प्यूटर ल धरे सोशल मीडिया के मया म फँसे हावय, सोशल मीडिया के दिवाना हे। कोनो किसम के घटना दुर्घटना जंगल म लगे आगी सहीं तुरते फइल जथे। कभू कभू तो कई ठन समाचार मन ऊपर विश्वास घलव नइ होवय। फेर भोरहा घलव हो जथे। एक समे रहिस जब समाचार रेडियो टीवी अउ समाचार पेपर ले मिलय। फेर कोन जनी दुनिया विज्ञान के आगू अउ कतेक सिमटही ते? चाहे कुछु होवय समाचार पत्र (पेपर) के महत्तम न घटे हे न घटय। काबर कि होत बिहनिया चाहा के चुस्की के संग समाचार पत्र पढ़े के मजा आनंद अलगेच हे। तभे तो सबो ल घर म अवइया पेपर के अगोरा रहिथे। गँवई-गाँव मन म आजो कतकोन दूकान, पान-ठेला अउ होटल म बिहनिया ले पेपर पढ़इया मन के भीड़ देखे ल मिलथे। पेपर के पन्ना मन ल अलग अलग ओसरी-पारी पढ़त रहिथे। कतको झन यहू ताकत रहिथे के कब मढ़ाही त कब झप ले उठा के पढ़हूँ। 

       समाचार पत्र मन म छत्तीसगढ़ी म पढ़े के समाग्री देखब म कम मिलथे। आज टीवी अउ रेडियो म छत्तीसगढ़ी के कार्यक्रम मन के संख्या पहिली ले कुछ बाढ़े हे फेर समाचार पत्र म अइसन नइ होय हे। यहू ह सोचे के बात आय।

         अपन छत्तीसगढ़ राज के स्कूली पाठ्यक्रम म अपन छत्तीसगढ़ी भाखा म कोनो किताब पढ़े ल नइ मिलय, यहू ह हम छत्तीसगढ़िया मन के संग छलावा आय। जब सरकार ह खुद नइ सोचत हे कि छत्तीसगढ़ी के विकास होय छत्तीसगढ़ी पोठ होवय त समाचार पत्र वाला मन ले आशा करई ह जादती हो जही सहीं लागथे। काबर कि सबो ल अपन कमई के चिंता रहिथे। आज लीक के हट के जोखिम उठाय के कोनो हिम्मत नइ करत हे। तरह-तरह के नवा-नवा समाचार पत्र मन के छपना ह साबित करथे के समाचार पत्र के दिन  फिरे नइ हे। फेर नवा नवा समाचार पत्र म घलव छत्तीसगढ़ी ल वइसन जगहा नइ मिलत हे, जे ओला मिलना चाही।

      प्रदेश के आने आने जिला / क्षेत्र मन ले छपइया सबो समाचार पत्र जतका अँग्रेजी छाप लेथें, ओतका छत्तीसगढ़ी ल नइ छापँय। 

        तइहा के बात अलग रहिस, अब जब चुनाव प्रचार छत्तीसगढ़ी म खूब होथे अउ पसंद करे जाथे त का छत्तीसगढ़ी म लिखाय समाचार ल लोगन पसंद नइ करहीं? खच्चित करहीं। आज तो समाचार पत्र म छत्तीसगढ़ी ल साहित्यिक पेज भर म जगहा मिलत हे। जेकर पढ़इया सिरिफ साहित्य म रुचि रखइया पाठक मन ह हवय। कहूँ छत्तीसगढ़ी म समाचार छापे के शुरुआत करहीं त निश्चित करके समाचार पढ़इया के संख्या बाढ़ही। अउ छत्तीसगढ़ी सरलग बउरे जाही। समाचार पत्र के मालिक अउ संपादक मन ल जरूर विचार करना चाही के छत्तीसगढ़ म छपइया पत्र म कम से कम प्रदेश अउ क्षेत्र ले जुरे समाचार ल छत्तीसगढ़ी म छापँय। अइसन करके क्षेत्र के मनखे ले जुरे के उदिम करँय अउ छत्तीसगढ़ भुइँया म रहिके छत्तीसगढ़ी ल पोठ करे म सेवा देवँय। 

      साहित्यिक पत्रिका समाचार पत्र के श्रेणी ले अलगे होथे। एकर ले पत्रिका जेन भाषा के होथे, वो भाषा सरलग पोठ होथे। एमा मोर मन म कोनो प्रकार के भरम नइ हे। साहित्यकार अपन रचना मन के माध्यम ले भाषा के शब्दकोश ल बचाय म बड़ भूमिका निभाथे। इही ढंग ले समाचार पत्र के संपादक समाचार मन के संपादन करत छत्तीसगढ़ी भाषा ल पोठ करे म योगदान दे सकत हें। उन मन हर दिन छत्तीसगढ़ी भाषा बर पेज चुनँय अउ इहाँ के संस्कार, रहन-सहन अउ परंपरा ले जुरे गोठ बात घलव ल जगहा देवँय, तभे छत्तीसगढ़ के नून के करजा चुका पाहीं।

    पोखन लाल जायसवाल

पठारीडीह पलारी जिला बलौदाबाजार

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