Tuesday 28 September 2021

पितर पाख मा विशेष... गजब प्रतिभा के धनी रीहीस हे श्रद्धेय नंद कुमार साहू जी हा






 

साहित्यिक तर्पन 

पितर पाख मा विशेष... 


गजब प्रतिभा के धनी रीहीस हे श्रद्धेय नंद कुमार साहू जी हा 


जनम - 26-08-1963


देहावसान - 19-04-2021


ये शरीर हा नश्वर हे. जउन ये दुनियां मा आहे वोहा एक दिन इहां ले जरूर जाही. लेकिन दुनियां ला छोड़ के जाय के बाद कोनो मनखे ला सुरता करथन ता वोकर पीछे  कारण उंकर सुग्घर कारज हा होथे. कम उम्र मा ये दुनियां ला छोड़ के अपन एक अलग छाप छोड़ीस अइसन प्रतिभा मा श्रद्धेय नंद कुमार साहू साकेत के नाम शामिल हावय. वोहा गजब प्रतिभा के धनी रीहीस हे.     

       जीवन परिचय 


   26अगस्त के श्रद्धेय नंद कुमार साहू साकेत के 58 वीं जयंती रीहीस हे. उंकर जनम राजनांदगॉव जिला के मोखला गाँव मा 26 अगस्त 1963 मा होय रीहीस हे. उंकर बाबू जी के नाँव कृश लाल साहू  अउ महतारी के सोहद्रा बाई साहू नाँव

 हे. वोकर पत्नी के नाँव लता बाई साहू, बेटा के नाँव हितेश कुमार साहू, अउ बेटी मन के नाँव केशर साहू अउ प्रेमा साहू हे. 


 ननपन ले गायन अउ वादन मा रुचि 


  पढ़ाई जीवन ले ही उंकर रुचि गायन, वादन मा रीहीस हे. स्कूल मा पढ़ाई करत करत गाँव मा अपन सँगवारी मन सँग मिल के 1980 मा मानस मंडली के गठन करीस हे. गाँव के नाचा मंडली मा घलो योगदान दीस हे. शुरु ले ही लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रति रुचि राहय. नाचा, रामायण के सँगे सँग 



जस गीत, फाग गीत मा गायन अउ हारमोनियम वादन करय. 


  आकाशवाणी मा गीत प्रसारित होइस 

 श्रद्धेय साकेत जी हा पढ़ाई जीवन ले गीत लिखे के शुरु कर दे रीहीस हे. वोहा लोक गीत, जस गीत अउ फाग गीत के अब्बड़ रचना करीस. 1990 -91मा उंकर गाये लोकगीत आकाशवाणी रायपुर ले प्रसारित होइस हे. माननीय दलेश्वर साहू जी  येकर अगुवाई करे रीहीस हे. 


  नौकरी मिले के बाद प्रतिभा हा अउ निखरीस 


मैट्रिक के परीक्षा पास होय के बाद शासकीय प्राथमिक शाला में शिक्षक बनगे. अब उंकर प्रतिभा के सोर अउ बगरत गीस. वोहा धामनसरा,  मुड़पार, सुरगी, बुचीभरदा जिहां नौकरी करीस पढ़ाई के सँगे सँग उहां अपन व्यहार ले सब झन ला गजब प्रभावित करीस. 


   उद्घोषक अउ निर्णायक के जिम्मेदारी निभाइस 


अब वोहा सबो प्रकार के मंच जइसे सांस्कृतिक प्रतियोगिता, मानस गान टीका स्पर्धा, रामधुनी स्पर्धा जसगीत प्रतियोगिता,फाग स्पर्धा मा उद्घोषक अउ निर्णायक के भूमिका निभात गीस. अपन गाँव मोखला के सँगे सँग अब दूरिहा- दूरिहा मा वोकर नाँव के सोर चले ला लागीस. स्कूली कार्यक्रम मा घलो अपन प्रतिभा ला दिखाइस. लइका मन ला सुग्घर ढंग ले सांस्कृतिक कार्यक्रम 

खातिर सहयोग करय. 


  लोक कला मंच द्वारा उंकर गीत के प्रस्तुति 


आडियो, वीडियो प्रारुप के माध्यम ले उंकर गीत के गजब धूम मचीस हे. फेसबुक, वहाट्सएप, यू ट्यूब मा खूब उंकर गाना चलीस. धरती के सिंगार भोथीपार कला अउ दौना सांस्कृतिक मंच दुर्ग के मंच ले उंकर गीत सरलग चलत गीस. कुछ गीत ला खुद गाइस अउ कुछ 

ला दूसर कलाकार मन आवाज दीस. 1 अप्रैल 2018 मा रवेली मा आयोजित मंदराजी महोत्सव समिति मा उंकर लोक गीत अउ जस भजन एल्बम के विमोचन लोक संगीत सम्राट  श्रद्धेय खुमान साव जी, स्वर कोकिला आदरणीया कविता वासनिक जी, वरिष्ठ साहित्यकार आदरणीय डॉ. पीसी लाल यादव जी, आदरणीय कुबेर सिंह साहू जी ,साकेत साहित्य परिषद् सुरगी जिला राजनांदगॉव के अध्यक्ष अउ मंदराजी महोत्सव के मंच संचालक भाई लखन लाल साहू लहर जी के द्वारा करे गीस. 


साकेत साहित्य परिषद् ले अब्बड़ लगाव 


 जसगीत मा उंकर प्रेरणा स्रोत सुरगी निवासी श्री मनाजीत मटियारा जी अउ कविता के क्षेत्र मा  वोहा श्री लखन लाल साहू लहर जी अध्यक्ष, साकेत साहित्य परिषद् सुरगी ला प्रेरणा स्रोत माने. 

 श्रद्धेय नंद कुमार जी हा साकेत साहित्य परिषद् सुरगी जिला राजनांदगॉव के गजब सक्रिय सदस्य अउ पदाधिकारी रीहीस हे. कवि गोष्ठी मा अपन नियमित उपस्थिति देय .साकेत साहित्य परिषद् सुरगी जिला राजनांदगॉव ले उंकर लगाव अत्तिक रीहीस कि अपन उपनाम " साकेत "रख लीस. 


कवि सम्मेलन मा सराहे गीस 


अब कवि सम्मेलन मा घलो भागीदारी होय लगीस. साकेत के सँगे सँग दूसर साहित्य साहित्य समिति मन के कार्यक्रम

मा उछाह पूर्वक भाग लेय. कोरबा, बेमेतरा मा छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के भव्य मंच मा अपन काव्य प्रतिभा के दर्शन कराइस. 


कवि सम्मेलन मा स्व. लक्ष्मण मस्तुरिहा, स्व. विश्वंभर यादव मरहा अउ, जनाब मीर अली जी मीर जइसे बड़का कवि मन सँग कविता पाठ करीस हे. 


सम्मान -


 श्रद्धेय नंद कुमार जी  ला कई लोक कला मंच, रामायण मंडली, फाग मंडली, जस गीत मंडली,रामधुनी मंडली  अउ युवा संगठन हा निर्णायक अउ उद्घोषक के रुप मा सम्मानित करीन. 

 सम्मान के कड़ी मा 29 फरवरी 2012 मा रघुवीर रामायण समिति राजनांदगॉव द्वारा उद्घोषक के रुप मा विशेष सम्मान, 23 फरवरी 2014 मा साकेत साहित्य परिषद् सुरगी जिला राजनांदगॉव द्वारा "साकेत साहित्य सम्मान",जिला साहू संघ राजनांदगॉव द्वारा  1 अप्रैल 2019 मा कर्मा जयंती मा "प्रतिभा सम्मान ", शिवनाथ साहित्य धारा डोंगरगॉव द्वारा 25 अगस्त 2019 मा " साहित्य सम्मान ",  पुरवाही साहित्य समिति पाटेकोहरा विकासखंड छुरिया जिला राजनांदगॉव द्वारा 2021 मा " पुरवाही साहित्य सम्मान -2020 " सहित कतको सम्मान शामिल हवय. 


ये गीत अउ कविता के गजब सोर 


उंकर लिखे गीत /कविता जउन हा लोगन मन के जुबान मा छागे वोमा  "महतारी के लागा", " वो पानी मा का जादू हे "",तीजा पोरा, " "विधवा पेंशन ", "आँखी के पुतरी," "जिन्दगी एक क्रिकेट", "तिरंगा," " सरग ले सुग्घर गाँव "

शामिल हे.  पर्यावरण अउ कोरोना जागरुकता उपर सुग्घर रचना लिखे हे. 

 "वो पानी म का जादू हे "गीत म दारू पीये ले जउन नुकसान होथे वोकर सुग्घर ढंग ले वर्णन करे हे -


  कोन जनी वो पानी म का जादू हे ,

सबो मनखे ओकरेच काबू हे ।

मनखे वोला नइ पीयत हे, मनखे ला वो पीयत हे ।

भरे जवानी कुकुर गत होके, डोकरा बरोबर जीयत हे ।

पंडा - पुजारी घलो बिगड़गे, दिखत भर के साधु हे।

 कोन जनी वो पानी म का जादू हे।।


हमर छत्तीसगढ़ ल "धान के कटोरा" कहे जाथे.किसान ह भुइयाँ के भगवान कहलाथे. किसान के गुणगान करत "बेटा किसनहा " शीर्षक ले उंकर कविता के सुग्घर भाव हे -


छत्तीसगढ़ महतारी के बेटा, सिधवा किसनहा कहाये ।

धान के कटोरा ले छत्तीसगढ़ के, छत्तीस कोती छरियाये ।

बेरा कुबेरा तै नी चिनहे, संझा बिहने रात का दिन हे ।

माटी म माटी कस मिलके, जाँगर टोर कमाये ।।

हिन्दी कविता  " जिन्दगी एक क्रिकेट है " शीर्षक ले गजब सुग्घर 

चित्रण हे -

जिन्दगी एक क्रिकेट है ,

जिन्दगी एक क्रिकेट है .

सुख दुःख है दोनों गिल्ली ,

जिन्दगी और मौत के बीच है .

एक नाजुक पतली सी झिल्ली 

विकेट कीपर यमराज हरमद पीछे 

तैयार खड़ा लेने को विकेट है .

जिन्दगी एक क्रिकेट है 

जिन्दगी एक क्रिकेट है. 


  नौकरशाही अउ भ्रष्टाचार हमर समाज म अमरबेल जइसे फइले हे. "विधवा पेंसन " शीर्षक ले उंकर कविता के भाव ल गुनव -


  एक सुहागिन अउरत 

विधवा पेंसन के ,

फारम जमा करे बर दफतर म अइस ।

बाबू ल देख के मुसकुरइस 

नमस्ते कहिके ओकर हांत म 

धरइस 

वोला देखके बाबू के माथ चकरइस ।


राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के संदेश ह हमर देश अउ समाज बर आजो प्रासंगिक हे. येला श्रद्धेय साकेत जी ह गजब सुग्घर ढंग ले लिखे हे -


बाढ़त हे भारत म दिनों दिन, भारी 

अतियाचार ।

गांधी फेर तें आजा एक बार, लेके अवतार ।

अहिंसा सत के बल म, अंगरेज ले  तैं ह भगाये ।

आतंकवादी उहँचे, रोज कतको खून बोहाये । 

जनता के इहाँ हाल बेहाल हे ।

मस्त हवे सरकार... गांधी फेर तें आजा एक बार ।।






 मिलनसार अउ मृदुभाषी रीहीस 


    श्रद्धेय नंद कुमार साहू हा गजब सुग्घर इन्सान रीहीस हे. वोहा अब्बड़ सरल, सहज ,मृदुभाषी अउ हंसमुख व्यक्तित्व के धनी रीहीस हे. वोहा बहुमुखी संपन्न कलाकार रीहीस हे. पर येकर बावजूद वोमा घमण्ड थोरको नइ रीहीस हे. एक डहर वोहा अपन ले वरिष्ठ मन के झुक के पैलगी अउ मान सम्मान ला कभू नइ भूलीस ता दूसर कोति अपन ले छोटे मन ला वोहा कभू छोटे नइ समझीस. वहू मन ला गजब स्नेह दीस. 


   सीखे मा गजब उछाह दीखाय 


58 साल के उम्र मा घलो वोकर मन मा सीखे के गजब उछाह रीहीस हे. 

  श्रद्धेय साकेत जी हा छंद के छ के संस्थापक आदरणीय अरूण कुमार निगम जी द्वारा स्थापित "छंद के छ " मा छंद सीखे बर 2021 मा तैयार हो गे रीहीस हे. पर दुर्भाग्य ये रीहीस कि वो सत्र के शुरु होय ले पहिली वोहा ये दुनियां ला छोड़ के चले गे. 

जब उंकर निधन के खबर चले ला लागीस ता आदरणीय गुरदेव निगम जी हा मोर करा फोन करके कीहीस कि "ओमप्रकाश कइसे खबर ला सेन्ड करे हस. बने पता कर लव भई. खबर ला डिलीट करव. "काबर कि  छंद सीखे बर जउन मन के मँय हा नाँव भेजे रेहेंव वोमा श्रद्धेय नंद कुमार साहू जी के सबले पहिली रीहीस हे. ता मेहा गुरुदेव जी ला बतायेंव कि "काश! ये खबर हा गलत होतीस गुरुदेव जी पर होनी के सामने हमन मजबूर हन. मेहा खुद उंकर घर गे रेहेंव. "


तब गुरुदेव जी हा मोला बताइस कि एक सप्ताह पहिली मोर ले बात करे रीहीस कि गुरुदेव जी महू हा छंद सीखना चाहत हवँ. मोला आप मन हा शिष्य के रुप मा स्वीकार कर लेहू. मोर बिनती हे गुरुदेव जी. तब गुरुदेव जी हा श्रद्धेय साकेत जी ला कीहीस कि -  ".नंद जी मँय हा आप ला का सिखाहूं . आप हा तो पहिली ले सुग्घर -सुग्घर रचना लिखत हवव .सबो डहर छाय हवव. " ता नंद कुमार साहू जी हा बोलिस कि " गुरुदेव जी छंद के छ अउ आपके मेहा गजब सोर सुने हवँ.  मँय हा आप मन ले छंद सीखना चाहत हवँ गुरुदेव जी. मोला निराश झन करहू. " 

श्रद्धेय नंद जी के सरल, सहज अउ सरस 

व्यवहार ले गुरुदेव जी हा गजब प्रभावित होइस. वोला अपन अगला सत्र मा छंद साधक के रुप मा शामिल कर लीन. पर ये छंद सत्र हा चालू होय ले पहिली  19 अप्रैल 2021 मा  58 वर्ष के कम उम्र मा ये दुनियां ला छोड़ के चल दीस. 

जब ये साल के छंद सत्र हा शुरु होइस ता गुरुदेव निगम जी हा मोर करा मेसेज करीस कि "- आज  नवा छंद सत्र शुरु होय के बेरा मा श्रद्धेय नंद कुमार साहू साकेत के गजब सुरता आथे. उंकर याद करके मोर आँखी हा डबडबागे. "

  सरल, सहज, सरस, मृदुभाषी, हंसमुख व्यक्तित्व ले भरपूर अउ गजब प्रतिभा के धनी , हमर साहित्यिक पुरखा श्रद्धेय नंद कुमार साहू जी साकेत ल पितर पाख म शत् शत् नमन हे .🙏🙏💐💐

                

 ओमप्रकाश साहू "अंकुर "

सुरगी, राजनांदगाँव (छत्तीसगढ़) 

 मो.  7974666840

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