Tuesday 21 September 2021

सुरता-मुकुटधर पांडे ******

 सुरता-मुकुटधर पांडे 

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  पितर पाख सुरु होगिस त लोकाक्षर के एडमिन अरुण निगम जी ल  धन्यवाद तो देहे च बर परही के उन सुरता करवा दिहिन के पुरखा साहित्यकार मन ल आखर के अरघ देना चाही । 

     मुकुटधर पांडे के जनम 30 सितंबर 1895 ईस्वी , बालपुर जिला बिलासपुर मं होए रहिस । उन हिन्दी के जाने माने साहित्यकार आंय , छायावाद के जनक माने जाथें । छत्तीसगढ़ी भाषा मं उन कालिदास के संस्कृत कृति " मेघदूत " के छत्तीसगढ़ी भाषा मं अनुवाद करे हंवय फेर उन लिखे हें के एहर मेघदूत के छायानुवाद आय । 

 समय सुजोग आइस त भारत सरकार उनला पद्मश्री सम्मान दिहिस । रविशंकर विश्व विद्यालय रायपुर उनला डी . लिट् . के मानद उपाधि देहे रहिस । तपस्वी साहित्य साधक मुकुटधर पांडे 6नवम्बर 1968 के दिन धराधाम ल छोड़े रहिन । 

 उंकरे अनुदित रचना मेघदूत के चार आखर संग उनला आखर के अरघ देवत हंव ...। 

   " उत्तरमेघ " 

    बिजली इहां उहां हे सुंदर चंचल जुबती नारी , 

   इंद्रधनुष हे इहां बने हे चित्र उहां मनोहारी , 

   गर्जन हे गम्भीर इहां तो उहां मृदंग सुनाथे , 

   इहां भरे जल उहां झकाझक मणिमय भूमि सुहाथे , 

  तैं अकास मं उहां सरग ला चूमत शिखर बिराजे , 

  तोर बराबर महल उहां के हैं अनुपम छबि छाजे । 1 । 

     सरला शर्मा 

      दुर्ग

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