Thursday 24 March 2022

छत्तीसगढ़ महारानी कौशल्या के मइके आय - दुर्गा प्रसाद पारकर


छत्तीसगढ़ महारानी कौशल्या के मइके आय


- दुर्गा प्रसाद पारकर 

                        

मंय बंदव छत्तीसगढ़, मंय सुमिरंव छत्तीसगढ़,

धान धरम अउ धाम के धरती अइसन पावन गढ़ ल,

मंय बंदव छत्तीसगढ़ ल, मंय सुमिरंव छत्तीसगढ़ ल...।


अउ फेर सुमरबो भी काबर नही जिंहे कौशल्या कस दुलौरिन बेटी अवतरे रीहिस। एकाएक ए बात ह टोटा ले खाल्हे नइ उतरे फेर टोटा ले उतारे खातिर कुछ ठोस गोठ काहत हवं जेहा ग्रंथ मन म लिखाय हे। कोसल राज्य के स्थापना भानुमंत के पूर्वज महाप्रतापी सम्राट कोसल ह करे रीहिस। तभे तो ए राज्य के नाव कोसल परीस। कोसल के वंशज मन कोसल नही ते कौशल्या कहइन। कतको मन ए कहिथे कि अयोध्या ल ही कोसल कहिथे फेर एहा उकर भ्रम ए। अयोध्या के राजवंश ऐक्ष्वाक कहावत रीहिन अउ उंकर नोनी मन ऐक्ष्वाकी। जबकि छत्तीसगढ़ वाले कोसल के नोनी मन कौशल्या महाराजा दशरथ के समे तक अयोध्या राज्य के नाव कोसल नइ परे रीहिस। वो समे तक कौशल्या के ददा भानुमंत जउन क्षेत्र म राज करत रीहिस ओहा कोसल कहावत रीहिस। कोसल राज बहुत बड़े रीहिस। भंडार मुड़ा म कोसल राज के सीमा ह काशी राज्य ल छुवत रीहिस। रक्छहू म महानदी के उद्गम तक। कोसल राज के काबा म अभी के छत्तीसगढ़ के सिवाय उड़ीसा के कतनो जिला आवत रीहिस।

बंगला के कृतवास रामायण के मुताबिक कोसल राज्य म कोसल नरेश भानुमंत रीहिस। कन्या दान म कोसल नरेश ह अपन दमांद बाबू ल आधा राज्य दे दिस। कोसल के आधा राज्य पाए के बाद महाराजा दशरथ ह कोसल नरेश कहइस। भानुमंत के दुलौरिन बेटी कौशल्या जेकर बेटा भगवान श्री राम। भगवान श्री राम के आजा बबा (नाना) भानुमंत के स्वर्गवास के बाद जम्मो कोसल राज्य ओला उत्तराधिकार म मिलगे। अइसे लगथे शायद इही समे ले अयोध्या ल कोसल केहे बर धरीन होही। खंझा-खंझा होय के बाद अयोध्या ह उत्तर कोसल अउ छत्तीसगढ़ ह दक्षिण कोसल नाव ले चिन्हारी होइस। अब तो ए बात तय होगे कि कोसल अउ अयोध्या राज्य अलग-अलग आय। अयोध्या ल उत्तर कौसल दसरथ के बिहाव कौशल्या के संग होय के बाद केहे गीस बल्कि कोसल राज्य पहिली ले चले आवत हे जेहा आज छत्तीसगढ़ आय।

महाभारत के आदि पर्व अ. 95 के मुताबिक पुरु के गोसइन के नाव कौशल्या रीहिस। ओकर गर्भ ले जनमेजय नाव के बेटा जनम लीस। ओकरे मुताबिक विचित्र वीर्य ह अम्बिका अउ अम्बालिका नाव के काशीराज के नोनी मन संग बिहाव रचे रीहिस। नोनी मन के दाई के नाम कौशल्या रीहिस। हरि पु.अ. 37 के मुताबिक सत्वान उपनाम वाले सत्वत से कौशिल्या ह भजिन, भजनाम, देवावृध, अन्धक, अठ वृष्णि नाव के बेटा मन ल जनम दिस फेर हम तो मर्यादा पुरूषोत्तम राम के महतारी कौशल्या के गोठ करत हन जेकर मइके छत्तीसगढ़ आय।

नारायणी शिक्षा नाव के ग्रंथ ( पृष्ठ 143) के मुताबिक कौशल्या ह नीति शास्त्र के रचना करे रीहिस। भगवान श्री राम ल मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप म प्रतिष्ठित करे म अउ यशस्वी बनाए के पाछू माता कौशल्या अउ ओकर नीति शिक्षा के बहुत बड़े हाथ हे। बाल्मिकी रामायण के मुताबिक कौशल्या विदुषी अउ मंत्रविद् रीहिस। ओला वेद मन के बढ़िहा गियान रीहिस। श्रृंगी ऋषि ल भानुमंत के राज्याश्रय मिले रीहिस। अउ श्रृंगी ऋषि के आश्रम छत्तीसगढ़ के सिहावा पहाड़ म हे जिंहे ले महानदी निकले हे। अइसे लागथे कौशल्या के शिक्षा-दीक्षा श्रृंगी ऋषि के देख-रेख म होइस होही.. का ?

मनुस्मृति के मुताबिक उपाध्याय के दस गुना आचार्य, आचार्य से सौ गुना पिता अउ पिता से हजार गुना माता के गौरव हे। काबर के संतान ल बढ़िहा शिक्षा अउ बने संस्कार के खातिर महत्वपूर्ण भूमिका महतारी ही निभा सकथे। महाभारत के आदि पर्व म लिखे हे-महतारी जइसे कोई दूसर गुरू नई हो सकय। इही पाए के कौशल्या जइसे विदुषी अउ नीतिज्ञ महतारी ह श्री राम जइसे बेटा ल जनम दे सकथे। श्री राम ल जनम देवइया माता कौशल्या ल छत्तीसगढ़ के धरती ह जनम दे के धन्य अउ पुण्यवती हो गे हे। धन्य हे महानदी के वो करार जिहें कौशल्या के लइकापन बीतिस। धन्य हे माता कौशल्या ल जउन जगत के उद्धार करे खातिर श्री राम ल जनम दिस।


-00-

No comments:

Post a Comment