Monday 2 May 2022

अक्ती तिहार म विशेष लेख...



 

अक्ती तिहार म विशेष लेख... 


कृषि संस्कृति ले जुड़े परब हरे अक्ती 


हमर देश हा कृषि प्रधान देश हरे. किसान हा देश के रीढ़ के हड्डी हरे. किसान ह जाँगर टोर के कमाथे अउ भुइयाँ के संग मितानी बध के खूब सेवा जतन करथे. वइसने हमर छत्तीसगढ़ हा घलो कृषि प्रधान  राज्य होय के कारण" धान के कटोरा " कहलाथे. हमर देश अउ प्रदेश के कतको तिहार हा खेती किसानी ले जुड़े रहिथे. अक्ती तिहार के संबंध घलो खेती किसानी से जुड़े हवय. 


    ठाकुर देव मा नेंग जोग करे जाथे 

   अक्ती तिहार बैशाख शुक्ल तृतीया (अक्षय तृतीया) के दिन मनाय जाथे. अक्षय माने जेकर क्षय (नाश) नइ होय. ये दृष्टि ले अक्षय तृतीया जेला हमर छत्तीसगढ़ म अक्ती कहे जाथे गजब पवित्र दिन आय. येहा किसान मन के द्वारा मनाय जाने वाला पहिली तिहार हरे. अक्ती दिन किसान मन परसा पान मा धान भरके ठाकुर देव मा ले जाथे. फेर ऊहाँ गाँव भर के प्रमुख सियान मन के उपस्थिति मा बइगा हा विधि विधान ले पूजा करथे.  ग्रामीण संस्कृति म बइगा के गजब महत्व हे. येकर पाछू कारण हे कि साल भर किसान मन ऊपर कोनो ढंग परेसानी झन आवय. ठाकुर देव मा चढ़ाय परसा पान के धान ला किसान मन खेत मा जाके सींच देथे अऊ कुदारी मा खन के ढंक देथे. ये प्रकार ले अक्ती परब हा खेती किसानी शुरु होय के संकेत देथे. 


किसान मन हा खेत के कांटा खूटी ला रापा, टंगिया के माध्यम ले साफ करे के शुरु कर देथे. येकर ले जऊन दिन नंगरिहा हा नांगर जोतही त बने बने जोत सकय अऊ बइला मन के खूर ला घलो झन गड़य. खेत के कांद बूटा ला रापा, कुदाली मा खन के चतराथे. 

  किसान हा बइला गाड़ी मा अऊ अब बदलत जमाना मा ट्रेक्टर ले घुरुवा के खातू (खाद) ला खेत मा लेगके कुढ़ी गांज देथे. जउन ला धान बोय के पहिली बगराय जाथे. 

     किसान मन खेती किसानी ले जुड़े औजार नांगर बख्खर के बने तइयारी कर लेथे. बढ़ई अउ लोहार कर ले जाके बनवाथे. येकर ले जब बरसा चालू होथे ता धथवाय ला नइ पड़य. किसान मन अपन कच्चा मकान के खपरा ला जानकार मन ला बुला के खपरा लहुँटाय के काम करवा लेथे जेकर 

ले बरसात मा परेशानी झन होवय. 


 पुतरा -पुतरी के बिहाव होथे 


   अक्ती के दिन सुग्घर ढंग ले लईका मन पुतरा -पुतरी के बिहाव 

करथे. येकर तइयारी लइका मन हा एक सप्ताह पहिली ले करत रहिथे. येमा बड़का मन घलो लइका मन के सहयोग करथे और ऊंकर खुशी मा  शामिल  होथे . लइका मन के उछाह ह देखते बनथे. शादी- बिहाव मा अक्ती भांवर हा गजब शुभ माने गेहे. हमर छत्तीसगढ़ म अक्ती के दिन नंगत के बिहाव होथे. 


 अक्ती के दिन के अड़बड़ महत्तम हावय  . इही दिन माँ गंगा हा धरती मा अवतरित होइस. महर्षि परशुराम, माँ  अन्नपूर्णा के जनम होय रिहिस. कुबेर ला खजाना मिले रिहिस अऊ सूर्य भगवान हा पांडव मन ला अक्षय पात्र देय रिहिस. संगे संग महाभारत के लड़ाई के अन्त होय रिहिस. महर्शि वेद व्यास हा महाभारत के रचना के शुरुआक अक्ती के दिन भगवान गणेश जी के साथ करे रिहिस. अऊ कतको प्रसंग अक्ती तिहार ले जुड़े हावय. ये ढंग ले अक्ती तिहार के अड़बड़ महत्तम हे. 


       जय जवान, जय किसान .

       जय छत्तीसगढ़ महतारी .

       आप जम्मो झन ला अक्ती तिहार के गाड़ा गाड़ा बधाई अउ  शुभ कामना हे .


                ओमप्रकाश साहू" अंकुर"  

 सुरगी, राजनांदगाँव

  मो.  7974666840


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