Sunday 15 May 2022

संगवारी ला चिट्ठी पाती

 

संगवारी ला चिट्ठी पाती

नीलम जायसवाल: सँगवारी ला पत्र


             ॐ नमः शिवाय

                                    9/5/2022

                                   ----------------

                                      भिलाई

मोर मयारुक सखी, विद्या!

                       सादर जय जोहार।

  मँय इहांँ सपरिवार आनंद मा हँव।आशा करथँव, तोरो इहाँ सब बने बने होही। बड़ दिन होगे,तोर कोनो समाचार नइ मिलिस। नोनी के असों बारहवीं  रिहिस न, रिजल्ट आ गे होही। ,बाबू के समर क्लास घलव चलत होही, सबके खबर देबे। उहाँ के मौसम कइसे हे, चिट्ठी मा बताबे। इहाँ तो बिक्कट गर्मी होत हे। नौ दस बजत ले झाँझ शुरू हो जथे, कहिंचो आना जाना मुश्किल हो गे हावय। घरो मा,पंखा ह ता तीपे हवा देथे, कूलर म एकाद कनी जीव माड़थे। पिछले हफ्ता छोटे बाबू ल उल्टी दस्त हो गे रिहिस, बुखार घलव तीन दिन ले नइ छोड़िस, दीपक डाक्टर करा सूजी देवाएंँव त बने होइस। अब ठीक हे।

   जीजा जी ह कइसे हेँ,लिखबे। माँ बाबूजी ल मोर पैलगी कहि देबे। लइका मन ल मोर आशीष मिलय। तोर पाती के बाट जोहत-

         तोर सहेली नीलम।

विद्या,मनोज सिंह

रेलवे कालोनी

अनूपपुर (म.प्र.)

💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐

[: *श्री गणेशाय नमः*

===========

   

      कोटा दि. ०९.०५.२०२२


प्रिय मित्र सुरेश साहू

ग्राम कोसला, पोस्ट खरौद, तहसील पामगढ़

जिला-जांजगीर चांपा (छ.ग.) |

       सादर अभिवादन |

   

*इहां कुशल सब भांति सुहाई*

*उहां कुशल राखे रघुराई*


   *मित्र सुरेश, लिखना समाचार अवगत हो कि, समय के संयोग,सुयोग, दाई-ददा के आशीर्वाद,पितर देव/भगवान के कृपा से मोर छोटे बेटा चि. रमेश कुमार साहू संग सौं का. मीनाक्षी के बिहाव तय हो चुके हवय |*

     *मांगलिक कार्यक्रम*

*दि. १२.०५.२०२२ (गुरूवार) मड़वा छवाई, चुलमाटी*

*दि. १३.०५.२०२२ (शुक्रवार) मायन, देवतला, चिकट,हरदीयाही, संझा ५ बजे  हमर निवास स्थान कोटा ले बारात दर्राभांठा (सीपत, एन.टी.पी.सी), जिला बिलासपुर जाही*

     

   भाई सुरेश, तैं तो जानतेच हस - तोर घर नेवता देहे बर मैं खच्चित आतेंव | एही बहाना म  भगवान श्रीरामचंद्र जी के मंहतारी कौशिल्या के पावन जनम भुंईया के माटी ल चुम के माथा म चंदन लगातेंव, फेर एकदम एकसरूवा हौं भाई | तेकरे सेती जम्मो नता-गोत अउ हितू-पीरितू घर हबर पाना अब्बड़ मुश्किल होवत हवय !

   *खास बात -आजकल सूरूज नारायण के घाम ह आगी सहीं झोरत हवय  ! बेरा उत्ते सांठ गर्मी के मारे जीव हलाकान हो जाथे !  दू-तीन  दिन हो गे, संझा बेरा चिटिकन बादर आथे, तिहां ररा-ररा गर्रा-धुंका संग पैसहा बूंदी  सहीं पानी बरसे लागथे ! अईसने अकरस पानी संग "करा" (ओले) गिरे के संभावना रहिथे | तेकरे सेती तुंहर घर नेवता देहे बर पहुंच नइ पावत हौं | नाराज मत होबे भाई, लईकन-बच्चन पूरा परिवार सहित खच्चित आहा | तुमन कहूं नइ आहा,तव मोला अध्धर लागही ! मन भुकूर-भुकूर होही ! खूब दुःख लागही अउ ये मांगलिक कार्यक्रम ह तुंहर बिना अधूरा हो जाही !*

     *तेकरे सेती ये वाट्सएप  म भेजे नेवता ला ही स्वयं भईया/मितान गया प्रसाद साहू "रतनपुरिहा" आए हवय, समझ के हमर घर के बिहाव म जम्मो परिवार आहा, वर-कईना ला आशीष देहा अउ कार्यक्रम ल सफल बनाहा*

    *दाई ल पांयलागी कहिबे अउ लईकन ल मया-दुलार*

     अब जादा का लिखौं भाई, तैं तो खूद समझदार हस |

    

       तोरेच अपन खास संगवारी/हितू-पीरितू

   

*गया प्रसाद साहू*

   "रतनपुरिहा"

मुकाम व पोस्ट-करगी रोड कोटा जिला बिलासपुर (छ.ग.)

पिनकोड-४९५११४

💐💐💐💐💐💐💐💐💐


             जय सियाराम


                            9.5.2022

                               मोहगांव


मयारू मितान जनक,

        जय जोहार,


         हमन इहाँ सबो झन बने-बने हवन जी,अउ आसा करत हो तुमन घलो सब बने-बने होहू। अब्बड़ दिन होगे हे, भेंट-मुलाकात घलो नई होवत हे। तेकरे सेती आज सोंचेव मितान ल चिट्ठी लिख देथो। ऐसो तो धाम नंगत चररावत हे जी,दस बजे के बाद घर ले निकलना मुस्कुल हो जथे। बासी,चटनी अउ भाजी साग ल खाके खुसरा चिरई असन घर म खुसरे रथन। पंखा ह तो ऐसो के गरमी म इस्तीफा दे देहे। कूलर ह थोरकुन राहत देवत हे। गरमी के देखे हमर घर लईका मन एक ठन अउ कूलर लेवा डारिन जी। एक ठन ल दिनभर चलाथे,अउ दूसर ह रातभर। ओरी-पारी गरमी संग नंगत जूझत चलत रथे। 


हमर गांव के तरिया के हाल ल तो जानत हस। गरमी दिन म हमर गांव म पानी के अब्बड़ परेशानी हो जथे जी। ऐसो तो अउ जल्दी अंटा गे। सरपंच ह तरिया तीर के बोरिंग म बोर मशीन लगाये हे, उंचे के पानी तरिया में भरत हे त येदे गाय-गरूवा मन बर बन जाथे।

 

ए साल के गरमी म चार खाये ल घलो नई मिलिस जी। पहली महुआ बीने के जावन त अब्बड़ मिलय। अब तो हमर डहन के जीवछुटटा मन कच्चा चार ल बेचे बर जम्मो खान्धी मन ल काट डारथे,पाकन घलो नई देय। कतरो मन आगी बारे बर घलो काट देथे। वइसने आमा ल कुसुम ल टोरे बर अउ तेंदू के पान टोरे बर घलो पेड़ ल काट देथे। अईसने कटई म गरमी ह नई बढ़ही। लगाना एकोकनी नहीं, काटना बर हे।


 फेर ऐसो हमर आमा अब्बड़ फरे हे मितान। हमर घर चटनी डारिन हे मितान। अउ मोसी घर बर घलो   माँ ह एक डब्बा डारे हे। हमर राचड़ करके कलमी आमा म पारा भर के लईका मन लबेदा मारत नंगत झूमे रथे। तुमन एको दिन मितानिन संग आहू अउ चटनी बर लेग जाबे।


अगले सममार के मोर फूल बहिनी के बिहाव हवे। फूलदाई ह तुंहर घर नेवता भेजाये हो कहत रिहिस। जम्मो झन बिहाव म आहू। चिंटू-पिंटू मन घलो जाही। झरती बिहाव हरे कहिके फूलबाबू नरियर लड्डू बनवाये हे, नंगत के झड़कबो।


अउ बचे-खोंचे गोठ ल मिलबो त गोठियाबो।

चिट्ठी मिलही तहन मोरो बर चिट्ठी लिखबे।


सियान मन ल प्रणाम,अउ लईका मन ल मया दुलार!



                      तुँहर मितान

                    हेमलाल सहारे



   जनक साहू

चारभाठा, छुरिया

राजनांदगांव(छ.ग.)

💐💐💐💐💐💐💐💐💐

[ हीरा गुरुजी समय: जय गणेशाय नम:


           

                  द्वारिकापुर,रामानुजनगर 

                   दिनांक-10.5.22


मयारु संगवारी परमेश्वर

                          जोहार,


              हमन दू दिन पहिली इतवार दिन इहाँ चारो संगवारी शीतल, रामा,यशवंत अउ मय बने बने घर अमरगेन। उहाँ तुँहर श्रीमदभागवत कथा अउ यज्ञ कार्यक्रम बने बने निपटगिस होही। अपन अतका बड़का धर्म आयोजन मा हम जुन्ना संगवारी मन ला सुरता करके नेवता भेजेव अउ गिलोली करके बलाएव अउ पुण्य पाय के मउका दे हावा एखर बर फेर एक घाँव धन्यवाद झोंकव। घर मा बूता नइ रहितिस ता दू दिन अउ रुके रहितेन।

              चार दिन तुँहर गांव मा कइसे लघियात बीतगे पतेच नई चलिस। पाँच सौ किलोमीटर के फटफटी, रेल अउ बस के रद्दा के थकासी हा तुम्हर मन के पहुनई के देखत भगागे। तुँहर गाँव के हावा पानी, रुख राई, तरिया नहर, डबल प्लान के हरियर पिंवरा दिखत खेत अबड़ मन ला भाइस। खेत के बोर मा नहाय के अउ नहर के बोहावत पानी मा तँउरे के मजा हमन ला नानपन के सुरता देवा दिस।कथा कहइया स्तुति देवी के कोयली असन बोली मा भगवान श्रीकृष्ण के बाललीला, रूखमणी बिहाव, सुदामा चरित के बखान गजबेच सुग्घर लागिस।सुग्घर झांकी अउ भजन ले मन आनंदित होगय। तुम्हर परिवार मन के बेवहार अउ मान गउन करई ले अपन परिवार ले दुरिहा होय हा नई जनइस। गाँव के तोर संगवारी मन ले मिलके घलाव अबड़ेच सुग्घर लागिस।नवा नवा मनखे,उँखर रहना बसना,खवई पियई, संस्कृति संस्कार ला जाने सुने देखे बर मिलिस। अतका बाढ़े गरमी मा घलाव तुँहर गाँव मा चंदोवा के खाल्हे मा बइठ के कथा सुने मा कोनों किसम के परसानी नइ होइस।

         परमेश्वर भाई हमरो डहर गरमी ता ओतकेच हे फेर इहाँ जादा जनावत हावय। टंकी के पानी 9 बजे तीप जावत हे। कूलर घलाव ठंडा नइ कर सकत हे। छाँय छाँय मा रहे पाछू अब गरमी मा घर ले बहिर निकले बर जी नइ धरत हे।

          पाछू अउ दूसर चिट्ठी लिखहूँ। कका काकी ला पलगी कहिबे, छोटे भाई अउ बहू ला अशीष कहिबे, भउजी ला हरियर आमा के सील लोढ़ा मा पीसे चटनी खवाय बर धन्यवाद देबे, पायल, वीरु, देव, नारायण , देवकी, भोला ,बंटी जम्मो लइका मन ला असीस संग मया दुलार कहिबे। गाँव के संगवारी संजय, विनोद, कृष्णा, शर्मा जी  मन ला हमर सबो के डहर ले जोहार कहिबे। अउ तुरते चिट्ठी लिखबे।


    अब जादा काय लिखँव,... जोहार   



                   तोर मयारु संगवारी

                    हीरालाल साहू

              छुरा, गरियाबंद,493996


           


   

💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐

        


          

ओम प्रकाश अंकुर: सँगवारी ल चिट्ठी 


        जय सियाराम 


                             सुरगी 

                    तारीख - 10-05-2022


     मयारु  मितान शिवप्रसाद 

         नारायणपुर, जिला -नारायणपुर, बस्तर (छत्तीसगढ़) 

                            जय जोहार 

 आज कल फोन के जमाना हे तेकर सेति हमन चिट्ठी लिखना भूल गे हन. आज मोर मन ह चिट्ठी लिखे के करिस त कोरा कागज म अपन हिरदे के बात ल रखत हवँ.  हमन इहाँ भगवान के कृपा ले बने -बने हन. आप मन घलो  परिवार सहित ठीक -ठाक होहू अइसन मोला  पूरा विश्वास हे. काका -काकी ल मोर डहर ले प्रणाम. मितानीन ल जय जोहार. नोनी -बाबू मन ला आशीर्वाद पहुंचे.  मितान आज -कल मौसम के मारे सब हलाकान हे. सूरुज नारायण ह दसे बजे ले अपन रोष दिखाय के चालू कर देथे.गरम -गरम हवा ह सब जीव -जंतु ल छंइहा खोजे बर मजबूर कर देथे. भोंभरा के मारे कोनो कोति चलना मुश्किल होगे हे. जीईरोड ह तो अउ जी के जंजाल लागथे. जीईरोड म जब गाड़ी चलाथन त हेलमेट पहिने रहिथन. मुँह ल पटका म बांधे रहिथन तभो ले गर्मी के मारे डामर ह टघल के मानो हमला काया ल झुलसात हे तइसे लागथे. ऊपर ले कोनो जगह खड़े होना चाहबे त जीईरोड के किनारे पेड़ के नामो निशान नइ मिले. गर्मी के मारे पसीना ले तर -बतर हो जाथन. त दूसर कोति ये मौसम के मजा घलो हवय. आमा ह सब झन के जी ल ललचाथे. आमा बगीचा म जाथन त सुग्घर छंइहा मिलथे. बिहनिया अउ संझा खरखरा नदी डहर टहले बर जाथन त हिरदे ह झूम जाथे. हमला देखे ल मिलथे कि लइका अउ सियान मन नदी म डूबक के मजा लेत रहिथे. हमला अपन ननपन के सुरता आ जाथे. महू हा कभू कभार नदी म नहाय बर चल देथौं. का करबे मितान पहिली सब संझा बिहनिया सड़क म टहले बर निकले. आजकल मोटर गाड़ी के संख्या जादा होगे ह त खतरा घलो 

अब्बड़ होगे हे. तेकर सेति अब कतको झन गाँव के मिनी स्टेडियम म जाके मन बहलात रहिथे. 

         आज ले सिंगपुर वाले मोर भांचा के शादी शुरु होथे. ऊंहचे मँय ह परिवार सहित जावत हवँ. 

आप मन के का हाल -चाल हे. नारायणपुर ले गाँव डहर कब आवत हस चिट्ठी लिख के जरुर बताहू. 

                         तुंहर सँगवारी 


                ओमप्रकाश साहू

 "अंकुर "

         


भेजइया -

             ओमप्रकाश साहू "अंकुर"

    हाईस्कूल के पास

गाँव -  सुरगी 

डाक घर - सुरगी 

तहसील अउ जिला - राजनांगाँव (छत्तीसगढ़) 

पिनकोड -  491443


मो.  7974666840

No comments:

Post a Comment