Friday 6 May 2022

छत्तीसगढ़ी व्याकरण : वचन*


 

.      *छत्तीसगढ़ी व्याकरण : वचन*


 *परिभाषा* - शब्द के जेन रूप ले ओकर संख्या ( एक या जादा ) के बोध होथे, ओला वचन कहिथें।

  हिन्दी जइसन छत्तीसगढ़ी म घलो वचन के दू रूप होथे-


1) *एकवचन*- शब्द के जेन रूप ले एक व्यक्ति/वस्तु/पदार्थ के बोध होथे, ओला एकवचन कहिथें।जइसे- टूरा,टूरी, किताब,कुर्सी आदि।


2) *बहुवचन*- शब्द के जेन रूप ले एक ले अधिक व्यक्ति/वस्तु/पदार्थ के बोध होथे, ओला बहुवचन कहिथें। जइसे- टूरा मन, घोड़ा मन आदि।


         *वचन के रूपान्तरण-*


1) छत्तीसगढ़ी बहुवचन के रचना म ' *मन*' शब्द के *प्रत्यय* के समान प्रयोग बहुप्रचलित हे।जइसे-

   *एकवचन*             *बहुवचन*

      लइका               लइका मन

      मनखे                मनखे मन

      घोड़ा                 घोड़ा मन


2) छत्तीसगढ़ी बहुवचन के रचना म *सबो/सब्बो, जमो/जम्मो* के *उपसर्ग* के समान प्रयोग बहुप्रचलित हे। जइसे-

   *एकवचन*             *बहुवचन*

       खेत                 सब्बो खेत

       आदमी           जम्मो/जमो आदमी

        टूरा                सब्बो/सबो टूरा


3) कई बार बहुवचन बनाय बर *गंज,खूब, बढ़ियन*' आदि शब्द के प्रयोग *उपसर्ग* के समान( शब्द के पहिली ) छत्तीसगढ़ी म करथें। जइसे-

   *एकवचन*             *बहुवचन*

       घोड़ा                 गंज घोड़ा

      हिरनी                 खूब हिरन

      आदमी         बढ़ियन आदमी


4) कई बार *संख्यावाची विशेषण* अउ *संज्ञा* के बीच *झन/झिन, कन, ठन/ठिन* के प्रयोग बहुवचन बनाय बर छत्तीसगढ़ी म  करथें। जइसे-

आठ *झन* मनखे

कई *ठन/ठिन* पेड़

बहुत *कन* रोटी

सात *झिन* टूरी


5) कई बार द्विरूक्ति शब्द के बीच ' *च*' लगाके  बहुवचन बनाये जाथे। जइसे-

छेरी-च-छेरी (बकरियाँ ही बकरियाँ)

लइके-च-लइका (बच्चे ही बच्चे)


6) कई बार शब्द म ' *न*' जोड़ के बहुवचन बनाये जाथे। जइसे-

लइका(एकवचन), लइकन(बहुवचन)


7) कई बार बहुवचन के भाव प्रदर्शित करे बर ' *पंचन* ( लोग )' के प्रयोग किये जाथे। जइसे-

हम पंचन ( हम लोग )

तुम पंचन ( तुम लोग )

ऊन पंचन ( वे लोग )


8) कुछ शब्द मन के एकवचन अउ बहुवचन एक समान होथें। जइसे-

कुरिया ( घर ), आदमी, तलाव,डंडा, भालू आदि।


 *निष्कर्ष* - छत्तीसगढ़ी म सामान्यतया बहुवचन बनाय म संज्ञा शब्द म विकार उत्पन्न नि होय अर्थात संज्ञा शब्द अपन मूल रूप म बने रहिथे अउ ओमा उपसर्ग या प्रत्यय के समान आघू या पाछू शब्द जोड़ के बहुवचन बनाय जाथे। छत्तीसगढ़ी म बहुवचन बनाय के प्रक्रिया अत्यन्त सरल हे जबकि हिन्दी म बहुवचन बनाय म संज्ञा शब्द म विकार उत्पन्न होथे।



    - डाॅ. विनोद कुमार वर्मा

कहानीकार, समीक्षक, संपादक


मो.  98263-40331

ईमेल.  vinodverma8070@gmail.com

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