छत्तीसगढ़ी शब्द निचट अउ बिकट
*निचट अउ बिकट के अर्थ बिल्कुल अलग-अलग होथे* |
*निचट*:- *कोनो भी वाक्य म एकदम अच्छाई-बुराई ला व्यक्त करे बर विशेषण के पहिली उपसर्ग के रूप म "निचट,निच्चट,निचटेच शब्द के प्रयोगों करे जाथे*|
*"निचट "शब्द ह हिन्दी के "पट्ट" या "निपट" शब्द के ही रूप होथे*
*जैसे :-*
*१. मोहन पट्ट /निपट मूर्ख है*|
*(छत्तीसगढ़ी अनुवाद)*
*मोहन निचट/निचट्ट/निचटेच मूर्ख हवय*
*२. सोहन निपट अनाड़ी है*
*( सोहन निच्चट अनाड़ी हवय)*
*३. सुरेश निपट गदहा है*
*(सुरेश निच्चट गदहा हवय)*
*बिकट :- के अभिप्राय "बहुंत ज्यादा" होथे | बिकट शब्द कोनो विशेषण के पहिली प्रयोग करे जाथे*| जैसे:-
*१. सीता बहुत सुंदर लड़की है*
*(सीता बिकट सुंदर लड़की हवय)*
*२. राम बहुंत शूरवीर है*
*( राम बिकट शूरवीर हवय)*
*३. बलराम बहुंत शक्ति शाली गदाधारी था*
*बलराम बिकट शक्ति शाली गदाधारी रहिस*
*४.शकुनी बहुंत चालबाज एवं धोखाधड़ी कार्य करता था* |
*शकुनी बिकट चालबाज अउ धोखाधड़ी काम करत रहिस*|
*५. आज बहुत ज्यादा गर्मी है*
*(आज बिकट गर्मी हवय)*
*ए प्रकार से "निचट अउ बिकट"शब्द के अर्थ बिल्कुल अलग-अलग होथे*
*गया प्रसाद साहू*
"रतनपुरिहा"
🙏
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