Sunday 11 December 2022

वीरनारायण सिंह जइसन दद्दा देखइया कब आही

 वीरनारायण सिंह जइसन दद्दा देखइया कब आही 


          भारत देश के अजादी बर लड़इया छत्तीसगढ़ के पहिली शहीद छत्तीसगढ़िया वीर नारायण सिंह ला आज कोन नइ जानय। छत्तीसगढ़ के लइका लइका ,चेलिक जवान मन अब ओकर गाथा अउ वीरता के गीत गावत हे।वीर नारायण सिंह के नाम ले के गरीब छत्तीसगढ़िया,अउ आदिवासी मन के छाती घलाव फूल जाते। छत्तीसगढ़ के मजदूर, किसान, आदिवासी अउ संघर्ष के दद्दा मा रेंगइया,शोषण के खिलाफ लड़इया मन वीर नारायण सिंह ला आदर्श मानत अउ जुलूस हड़ताल मा ओकर फोटू के पूजा करके कसम खाथँय कि अन्याय के खिलाफ लड़बो अउ जीतबो।

     वीर नारायण सिंह के जनम कसडोल जनपद के गांव सोनाखान मा माने जाथे। ओला गोंड़ राजा के कुल के माने जाथे फेर आदिवासी बिंझवार जाति के मानता जादा हवय। उँखर कुल देवता, राजदेवता डोंगरी मा बिराजे कुर्रुपाट ला बताय हवय।कुर्रुपाट देवता वीरनारायण सिंह के सबले बड़का देवता रहिन जिहाँ उँखर संस्कृति परम्परा के संगे संग अंग्रेज मन के गुलामी ले मुक्ति बर संघर्ष के खरी डराय रहीस।इही कुर्रुपाट मा चेलिक नारायण के दिन शुरु होवय अउ दिन बीतय। अपन चितकबरा घोड़ा मा बइठ के गाँव ले आय फरियादी, किसान, वनवासी, आदिवासी मन के दुख पीरा ला हरे बर गाँव गाँव घुमय। कहे जाथय के ओला हिम्मतवाला मन ले अड़बड़ मया रहय।कोनों अंग्रेज संग लड़ई झगरा करके अउ एकोझन अंग्रेज ला दू चार चटकन मारके गांँव ले खेदार के आवय ओखर मनके पीठ मा हाथ रखय अउ डरपोकना मनखे ला चिटको नइ भावय।

        जमीदार रामराय के घर जनमे वीर नारायण के मुँड़ मा जमीदारी के बोझा चेलिक उमर मा आ गय रहीस जब ओकर ददा हा ए दुनिया ले चल दीन। कम उमर ले ओकर हिरदे मा जनता के भलाई करे उनला ला सुखी देखे के सपना देखय। नारायण सिंह अंग्रेज मन के दलाल साहूकार मन के बैरी बने लगिन। एक बेरा देश मा करिया अंकाल परगे। मनखे खाय पीयेबर दाना दाना बर तरसे लगिन।गाय गुरु मवेशी मन घलाव पैरा भूसा बर तरसे लगिन।जनता त्राहि त्राहि होगे। क्षेत्रभर के जनता मन अपन समस्या लेके नारायण सिंह के तीर आय लगिन।भूख ले तड़पत अउ मरत मनखे मन के दुख ला नारायण सिंह देख नइ सकिस।ओहा साहूकार माखन के गोदाम मा भराय अन्न के भंडार लूट के जनता मा बँटवा दीन।एखर जनाकारी अंग्रेज मन ला होइस ता ओला पकड़ के जेल मा डार दिन अउ किसान बनिहार मन उपर अइताचार करे लगिन।जेल मा ए बात नारायण ला जनाकारी होइस ता रातेचकुन जेल के तारा टोर के जनता कर आगे अउ चेलिक जवान मोटियारी मन ला सकेल के  दू किसम के दल बनाके गाँव के रक्षा दल अउ अंग्रेज मन संग लड़इया दल मा बाँटके क्षेत्र मा अंग्रेज मन के दखल ला दुरिहाइन। अंग्रेज मन नारायण सिंह के नाम ला सुनत काँपे लगिन।इही बखत ले जनता ओला बहादुर नारायण सिंह कहे लगिन।

         अंग्रेज मन अपन हाथ ले दुरिहात क्षेत्र ला कब्जियाय बर अउ बहादुर नारायण सिंह ला पकड़े बर नवा नवा दद्दा खोजिन अउ नवा नवा अंग्रेज अफसर इलियट अउ स्मीथ संग सिपाही मंगाइन। बिना विभिषण रावण नइ मरे वइसने अंग्रेज मन ओकर बहिन दमाद ला लालच देके बहादुर नारायण सिंह ला पकड़ डारिन।कछेरी अदालत सब उँखरे रहिस ता 19 दिसम्बर 1857 के दिन फांसी मा टांगे के सजा सुनाइन। नारायण सिंह उपर जनता के मया अतका रहिन कि ओकर बर अपन प्राण दे देतीन। जेल मा हमला करके ओला छोड़ा डारतीन। अंग्रेज मन ला एखर भान हो गे रहिस। एखर सेती वीर नारायण सिंह के नाव ले डर्राय अंग्रेज सरकार हा सजा के दिन ले नौ दिन पहिलीच 10 दिसम्बर 1857 के रायपुर मा जिहां आज जयस्तम्भ चौक हवय उहां फाँसी देय पाछू तोप मा बांध के उड़ा देईन। जनता के हित बर लड़इया वीर ला जनता ले सदा सर्बदा बर दुरिहा देईन।

     वीर नारायण सिंह के इतिहास ला अंग्रेज मन संदूक मा तारा देके लुका दे रहिन। अजादी मिले पाछू घलाव ओखर बलिदान के शोर खबर कोनों ला नइ रहिस।एक बेरा मजदूर नेता शंकर गुहा नियोगी ला अपन जेल यात्रा के बखत वीरनारायण सिंह के इतिहास गजेटियर मा पढ़ेबर मिलीस पाछू ओमन वीरनारायण सिंह के जन्मभूमि सोनाखान गीन अउ उँखर वंशज मन ले मिल के जनाकारी ले के आइन अउ अपन मजदूर संगठन के संगवारी मन संग मिलके शहीद दिवस मनाय के शुरुआत करीन। गरीब किसान बनिहार ला अपन हक बर लड़े बर जगाइन।पाछू सरकार घलाव एखर हियाव करिन अउ 10 दिसम्बर के वीरनारायण सिंह के शहीद दिवस मनाय के परंपरा के शुरुआत होइस।  

         आज देश आजाद होगे हवय फेर सत्तर बच्छर पाछू देश दू भागा मा बँटाय हवय अमीर अउ गरीब, पूंजीपति अउ बनिहार, शोषक अउ शोषित। आज घलो गरीब के लहू पीयइया अउ अपन तिजोरी भरइया, भ्रष्टाचारी मन बड़हर बनत जावत हे। बड़े बड़े अधिकारी मन इलियट अउ स्मीथ बनत हवय। किसान के खेत खार कंपनी, उद्योगपति मन कब्जियावत हे।ओकर फसल के सही दाम नइ मिलत हे, उत्पादन ला औने पौने मा दलाल मन लेवत बेचत हे। कारखाना मा बेरोजगार नवजवान मन के लहू चुहकत हे। जाति धरम में बाँट के एक दूसर ला लड़ावत अपन राज करत हे। अपन हक बर लड़इया ला जेल,पुलिस अउ गोली मा टीपत हे। टेक्टर अउ मोटर गाड़ी मा रउँदत हे।कृषि कानून के विरोध करइया मन उपर अइताचार करत हें, एखर बर वीर नारायण सिंह जइसन दद्दा देखइया कब आही।


हीरालाल गुरुजी "समय"

छुरा,जिला-गरियाबंद

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