Sunday 4 December 2022

एक पुस्तक प्रकाशन के व्यथा-कथा* - डाॅ विनोद कुमार वर्मा




 . *एक पुस्तक प्रकाशन के व्यथा-कथा* 

             - डाॅ विनोद कुमार वर्मा 


       अंततोगत्वा *छत्तीसगढ राज भाषा आयोग* द्वारा ' *छत्तीसगढी का मानकीकरण  : मार्गदर्शिका* ' के प्रकाशन के बाद 28 नवंबर 2022 के संस्कृति विभाग के सभागार म विमोचन सम्पन्न हो गइस। 28 नवंबर 2022 के माननीय मुख्यमंत्री आवास म आयोजित सम्मान अउ विमोचन समारोह म छत्तीसगढ राजभाषा आयोग द्वारा सद्यःप्रकाशित नौ पुस्तक के विमोचन म ए पुस्तक घलो शामिल रहिस,फेर छत्तीसगढ ले बाहर रहे के कारण मैं स्वयं पहुँच नि पाँय। 

     ए पुस्तक के प्रकाशन के तथा-कथा अत्यन्त खेदजनक हे। छत्तीसगढ राजभाषा आयोग द्वारा 22 जुलाई 2018 के बिलासपुर म आयोजित प्रांतीय संगोष्ठी म प्रदेश के शताधिक साहित्यकार मन शामिल होइन जेमा लोकाक्षर परिवार के *सरला शर्मा* अउ *अरुण कुमार निगम* घलो शामिल रहिन। *छत्तीसगढी के मानकीकरण* बर आयोजित ए संगोष्ठी ह मुख्य रूप ले ' *छत्तीसगढी म अपभ्रंश लेखन के दुष्परिणाम* ' अउ ' *देवनागरी लिपि के 52 वर्ण के छत्तीसगढी बर स्वीकार्यता* ' उपर केन्द्रित रहिस। संगोष्ठी म *देवनागरी लिपि के 52 वर्ण के छत्तीसगढी लेखन म स्वीकार्यता* बाबत् सर्वसम्मति ले पारित प्रस्ताव के संग विद्वान विशेषज्ञ वक्ता मन के व्याख्यान के संकलन/संपादन दू भाषा- *छत्तीसगढी* अउ *हिन्दी* म करे के बाद छत्तीसगढ राज भाषा आयोग के निर्देशानुसार 05 सितम्बर 18 के 150 पृष्ठ के कम्प्यूटर टाइप्ड पांडूलिपि ल राजभाषा आयोग ल सौंपे। एखर बाद छत्तीसगढ राजभाषा आयोग अपन 05 अक्टूबर 2018  के अंतिम बैठक म एकर प्रकाशन अउ 28 नवंबर 2018 के विमोचन के प्रस्ताव पारित करिस।

       एखर बाद ए पुस्तक लालफीताशाही अउ अफसरशाही के चक्कर म फँस गे। छत्तीसगढ राजभाषा आयोग घलो मृतप्राय स्थिति म आ गे!...... ए सब स्थित काकरो ले छिपे नि रहिस। आदरणीय *डाॅ अनिल भतपहरी* जी छत्तीसगढ राजभाषा आयोग  म सचिव पद म अपन नियुक्ति के बाद ए  प्रकरण ला संज्ञान म लिन, जेकर परिणामस्वरूप पुस्तक के प्रकाशन संभव हो पाइस। आदरणीय भतपहरी जी के एखर बर आभार व्यक्त करत हौं।....... *चार बछर ( 2018 ले 2022 ) के लंबा प्रतीक्षा के अंत होइस....अंत भला तो सब भला*! सादर 🙏🌹


             - विनोद कुमार वर्मा


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