Sunday 10 January 2021

कलम अउ तलवार*

 कलम अउ तलवार*


                      कलम अउ तलवार दोनों हथियार हरे। दूनों ले इतिहास लिखे गे हे। कहूँ कलम के ताकत ले क्रांति आय हे त कहूँ तलवार के बल मा। दोनों विद्रोही हरे। दोनों शांति के पक्षधर घलो बताथे अपन आप ला।कलम नइ रहितिस त आदमी गरवा आजो रहितिस अउ तलवार नइ रहे ले मनखे अपन आप ला दुनिया के जीव मन ले बड़का कइसे साबित करतिस। विचार धारा के प्रसार बर कलम सबले बड़े हथियार हरे। इतिहास यहू बात के गवाह हे कि खास विचारधारा मन ला ले के ये दूनों मन इंसान उपर गजब कहर घलो ढाय हे।

                     आज उँगली कलम बन गे हे अउ मनखे टाईपराइटर, मोबाइल, कम्प्युटर, लैपटाप, फोन अउ न जाने का - का इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के प्रयोग गणना अउ लेखन बर करत हे।तइसने तलवार घलो आज पिस्तौल, राइफल, बम, मिसाईल अउ अइसने कतको विध्वंसक बन के संसार मा अपन रुतबा बढ़ावत हे। कलम अउ तलवार के साठगांठ ले मनखे के अस्तित्व घलो खतरा मा आ गे हे।

          दोनों चिल्ला- चिल्ला के कहिथे "हम मनखे - मनखे मा गैरबराबरी ला मिटाय बर , जग मा शांति बर, सत्य, ईमानदार अउ धरम बर काम करथन फेर दूनों फसाद घलो करथे, आदमी ला आदमी के बैरी अउ खून के प्यासा घलो बनाथे। कतको झन कलम ला डर्रावत रहिथे त कतको तलवार के डर मा कायर अउ कमजोर होके धरम ईमान घलो बदले हें।कलम अउ तलवार ले जग मा शांति आय हे, अउ विध्वंस घलो होय हें। फ्रांस के सांस्कृतिक क्रांति जगत विख्यात हे, जेकर ले कलम के ताकत के पता चलथे। दूसर कोती इतिहास तलवार के बर्बरता ले भरे पड़े हे। 

     तलवार ही हरे जेन हा सिकंदर ला विश्वविजेता बने के सपना देखाइस। आज भी दुनिया मा कतको नरसंहार होवत हे, काबर आदमी के मूँड़ मा घलो तलवार कस धार वाले विध्वंसक तत्व विद्यमान हे। शासक, सेना, विद्रोही अउ महत्वाकांक्षी मनखे मन तलवार अउ कलम ला अपन खास हथियार बना के उपयोग करथें। 

दूसर डाहर कलम बुद्ध बनके विश्व शांतिदूत बनगे। कलम त्रेता युग मा प्रत्यक्षदर्शी बाल्मीकि, द्वापर मा वेदव्यास होगे अउ कलयुग मा कालीदास, तुलसी, कबीर। अशोक महान तलवार के बल मा विराट साम्राज्य के मालिक बनगे अउ कलम उन ला भगवान बुद्ध के सब ले बड़े संदेशवाहक बना दिस। 

कलम ही वीर नारायण के गाथा गाइस। कलम ले ही आज छत्तीसगढ़ के इतिहास गढ़त हन अउ कलम ले ही भविष्य के सुंदर सपना संजोवत हन। आजो तलवार ललकारत हे दुनिया ला, ताकत अपन फितरत कहाँ छोड़ही? फेर तलवार सुरक्षा के प्रतीक घलो हरे। कलम अउ हथियार दूनों मिल के मनखे ला बर्बर अउ जंगल युग ले सभ्य समाज तक पहुँचाय हे फेर ये आपके उपर हे कि दूनों मा कोन ला आपके चेतना मा कइसे प्रश्रय मिलत हे। 


बलराम चंद्राकर 

भिलाई 

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